तेजी से बदलती जीवनशैली और इस भागदौड़ भरी जिंदगी में ऑफिस स्ट्रेस व तनाव के कारण लोगों के शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द हो जाता है और लोग बिना झिझके एंटी-बायोटिक और पेन किलर का इस्तेमाल कर लेते हैं, जो कि हमारे शरीर के लिए घातक साबित हो सकता है। पेन किलर के ज्यादा इस्तेमाल से सीने में जलन, पेट दर्द, ब्लड प्रेशर और उल्टी की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही पेन किलर के अधिक इस्तेमाल से लीवर के सेल्स डैमेज हो जाते है और किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
लोगों के बीचे तेजी से बढ़ते एंटी-बायोटिक व पेनकिलर के इस्तेमाल की पीछे के कारण के बारे में श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट के इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसलटेंट डॉ. मनीषा अरोड़ा ने बताया, ''आजकल लोगों में तेजी से एंटी-बायोटिक और पेन किलर का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण ऑफिस स्ट्रेस, तनाव, बदलती जीनवशैली और खान-पान है। जिससे लोगों में सिर दर्द, कमर दर्द, पेट दर्द और तनाव की समस्या होना आम बात है। इससे बचने और दर्द से तुरन्त निजात पाने के लिए लोग पेन किलर का प्रयोग करने लगते है। इसके साथ ही केमिस्ट की दुकान पर किसी भी प्रकार के एंटी-बायोटिक और पेन किलर दवाओं का आसानी से मिलना भी इसके इस्तेमाल का तेजी से बढ़ने का मुख्य कारण है।''
एंटी-बायोटिक व पेनकिलर का इस्तेमाल कब करें
शरीर के किसी भी अंग में बहुत ज्यादा दर्द होने पर एक पेन किलर का इस्तेमाल कर सकते है, लेकिन हर बार आपको खूद से किसी भी प्रकार के एंटी-बायोटिक दवाओं और पेन किलर का प्रयोग नही करना चाहिए। किसी भी एंटी-बायोटिक और पेन किलर का प्रयोग डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें। इसके अलावा एक साथ एक से ज्यादा पेन किलर का प्रयोग बिल्कुल भी ना करे, यह हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।
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क्या-क्या सावधानी बरतें
एंटी-बायोटिक का इस्तेमाल अच्छे डॉक्टर की सलाह लेने के बाद ही करनी चाहिए। अगर डॉक्टर ने पांच दिन की दवा दी है तो उस दवा का कोर्स पूरा करना चाहिए, बीमारी में आराम होने पर अपने मन से दवा के नही छोड़ना चाहिए। एंटी-बायोटिक दवाओं का प्रयोग गर्भवती महिलाओं को नही करना चाहिए। पेनकिलर शरीर के नुकसानदायक तो होते है, लेकिन हम कुछ सावधानियों को अपनाकर इससे होने वाले नुकसान को कुछ हद तक कम कर सकते है। पेन किलर को डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए। बहुत ज्यादा इमरजेंसी की स्थिति में ही पैरासिटामोल ले सकते है, लेकिन एक बार में एक से ज्यादा पेन किलर का प्रयोग नही करना चाहिए। इसके साथ ही पेन किलर को डॉक्टर की सलाह के बिना नियमित रूप से नही लेना चाहिए।
एंटी-बायोटिक व पेनकिलर के अलावा कोई और उपाय
वैसे तो किसी भी बीमारी से निजात पाने के लिए इलाज से बेहतर बचाव होता है। इसके लिए आपको कम-से-कम 40 मिनट वॉकिंग करनी चाहिए। रिफाइन्ड किए हुए समान जैसे मैदा, रिफाइन ऑयल आदि नही खाना चाहिए। संतुलित भोजन करना चाहिए, अधिक तेल मसालों से बने भोजन का प्रयोग नही करना चाहिए। अपने भोजन में सलाद और मौसमी फलों अधिक मात्रा में शामिल करें।
ज्यादा एंटी-बायोटिक व पेनकिलर लेने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव
यदि आप किसी भी दर्द से राहत पाने के लिए हमेशा पेन किलर दवाओं का सेवन करते है तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकते है। पेन किलर के ज्यादा इस्तेमाल से सीने में जलन, पेट दर्द, ब्लड प्रेशर और उल्टी की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही पेन किलर के अधिक इस्तेमाल से लीवर के सेल्स डैमेज हो जाते है और किडनी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। एंटी-बायोटिक के अधिक प्रयोग से मोटापा बढ़ जाता है और आंत में सूजन, पाचन की समस्या, ब्लड क्लॉटिंग का समस्या बढ़ जाती है।
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डॉक्टर किस स्थिति में देते हैं सलाह
डॉक्टर व्यक्ति को बैक्टीरियल इंफ्केशन होने की स्थिति में एंटी-बायोटिक लेने की सलाह देते है। वायरल इंफ्केशन जैसे जुकाम, खांसी, डायरिया आदि रोग में एंटी-बायोटिक की जरूरत नही होती है। एंटी-बायोटिक दवाओं का प्रयोग डॉक्टरों के सलाह के बाद ही करना चाहिए। तेज दर्द और इमरजेंसी होने की स्थिति में राहत के लिए पेन किलर दवाओं का हल्का डोज ले सकते हैं लेकिन लगतार एक ही दवा का हमेशा प्रयोग ना करें। डॉक्टर के सलाह के बाद ही पेन किलर दवाओं को नियमित रूप से खाना चाहिए।
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