गर्भावस्था के दौरान एक मां का स्वास्थ्य बेहद महत्वपूर्ण है जिसका असर मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों पर पड़ता है। इस समय के दौरान महिला के इम्यून सिस्टम में कई बदलाव आते हैं, जो गर्भावस्था को सफल बनाने में योगदान देते हैं। ऐसे में उचित पोषण के द्वारा मां की इम्युनिटी बनाए रखने से मां और बच्चे दोनों को इन्फेक्शन से सुरक्षित रखा जा सकता है। उचित पोषण की कमी और एनीमिया के कारण इन्फेक्शन की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए, खासतौर पर आज के दौर में जब दुनिया सार्वजनिक स्वास्थ्य के संकट से जूझ रही है, मां और बच्चे दोनों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए मजबूत इम्युनिटी (बीमारियों से लड़ने की ताकत) बहुत ज़रूरी हो जाती है। आइए आपको बताते हैं प्रेग्नेंसी के दौरान मां के इम्यून सिस्टम का मजबूत होना क्यों जरूरी है और इसे कैसे मजबूत बना सकते हैं।
पोषक तत्व कैसे इम्युनिटी बढ़ाते हैं?
फोर्टिस ला फेम, नई दिल्ली की ऑब्सटेट्रिक्स एण्ड गायनेकोलोजी विभाग की डायरेक्टर डॉ. मीनाक्षी आहूजा बताती हैं कि आहार में मौजूद कई तरह के पोषक तत्व (माइक्रोन्यूट्रिएन्ट)- शरीर में होने वाला इन्फ्लामेशन हमारे इम्यून सेल फंक्शन और मॉड्यूलेशन को प्रभावित करता है। कुछ पोषक तत्वों की थोड़ी सी कमी होने पर भी मां की इम्युनिटी कम हो सकती है और बच्चे के जन्म से पहले इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। इससे गर्भ में पल रहे बच्चे में कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, जिसका असर जन्म के बाद बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
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गर्भावस्था के दौरान महिला के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए ज़िंक, विटामिन सी और विटामिन डी जैसे पोषक तत्वों का उचित मात्रा में सेवन करना बेहद ज़रूरी है। इनमें से किसी भी पोषक तत्व की थोड़ी सी कमी इम्यून सिस्टम को कमज़ोर बना सकती है। खासतौर पर ज़िंक इम्यूनिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह शरीर में कई तरह के एंटीऑक्सीडेन्ट एक्शन एवं सैल्यूलर रेग्यूलेशन में मदद करता है।
ज़रूरी पोषक तत्व जो इम्युनिटी बढ़ाने में मदद कर सकते हैं
ज़िंक- एक एंटीऑक्सीडेन्ट और इम्यून रेग्यूलेटर है। इसका नियमित रूप से सेवन करना ज़रूरी है क्योंकि यह शरीर मैं भविष्य में प्रयोग के लिए जमा नहीं होता।
सेलेनियम- इम्युनिटी बढ़ाने अैर इम्यून-सैल्स को सुरक्षित रखने में बेहद महत्वपूर्ण है। यह वायरस से लड़ने में मदद करता है।
विटामिन सी- इससे पाचन तंत्र में आयरन का अवशोषण बढ़ता है। यह शरीर में महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेन्ट की तरह काम करता है और प्री- एक्लेम्पसिया की संभावना को कम करता है।
विटामिन डी- यह इम्यून सिस्टम के संरचनात्मक एवं कार्यात्मक अवयवों को प्रभावित कर इम्युनिटी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा मैक्रोफेजेज़ (एक तरह की श्वेत रक्त कोशिकाएं) के एंटीमाइक्रोबियल फंक्शन को नियन्त्रित करता है।
विटामिन बी- विटामिन बी कॉम्पलेक्स और फोलिक एसिड गर्भावस्था में बेहद ज़रूरी है, ये इम्यून सिस्टम को सामान्य बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विटामिन बी6, बी12 और फोलेट खासतौर पर महत्वपूर्ण हैं।
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भारतीय माताओं में पोषण की स्थिति को बरक़रार रखना
भारत में, बड़ी संख्या में गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाएं ज़रूरी पोषक तत्वों का सेवन उचित मात्रा में नहीं करती हैं। न्यूट्रिशन सप्लीमेंट के द्वारा इनमें सुधार किया जा सकता है। भारत में कई गर्भवती महिलाओं के आहार में सब्ज़ियां, मीट, डेयरी उत्पाद और फल पर्याप्त मात्रा में नहीं होते, जो उनकी पोषण संबंधी ज़रूरतों को पूरा कर सकें। एक अध्ययन में पाया गया है कि कुछ महिलाओं में कई ज़रूरी माइक्रोन्यूट्रिएन्ट 50% तक कम होते हैं। यह कमी एनिमिया, इन्फेक्शन आदि का कारण बन सकती है। इसके अलावा आहार में अन्य पोषक तत्वों की कमी के चलते गर्भावस्था में कई तरह की जटिलताएं भी आ सकती हैं।
महिलाओं में पोषक तत्वों की कमी को देखते हुए ज़रूरी है कि जच्चा-बच्चा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी पोषक तत्वों के सप्लीमेंट और पोषण के अन्य विकल्पों को बढ़ावा दिया जाए।
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