इन 5 तरीकों से पहचानें इंजेक्शन लगाकर पकाया गया है तरबूज, जानें कितना खतरनाक है ऐसा तरबूज खाना

गर्मी में तरबूज से बेहतर कोई दूसरा फल नहीं। मगर केमिकल और इंजेक्शन से पकाया गया तरबूज खाकर आपकी किडनी, लिवर खराब हो सकते हैं और कैंसर का खतरा बढ़ता है

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: May 12, 2022 13:14 IST
इन 5 तरीकों से पहचानें इंजेक्शन लगाकर पकाया गया है तरबूज, जानें कितना खतरनाक है ऐसा तरबूज खाना

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गर्मियों का सीजन आ गया है और इसी के साथ बाजार में आने लगा है तरबूज, जिसे गर्मी में सबसे आसानी और सस्ता मिलने वाला हेल्दी फल माना जाता है। तरबूज एक ऐसा फल है जिसका 92% हिस्सा पानी होता है और इसमें 6% शुगर होता है। फाइबर की मात्रा अच्छी होने के कारण तरबूज का सेवन गर्मियों में बहुत फायदेमंद माना जाता है। मगर क्या आप जानते हैं कि इस सीजन में बाजार में ऐसे तरबूजों की भी भरमार हो जाती है, जिन्हें इंजेक्शन लगाकर पकाया जाता है?

इंजेक्शन लगाकर पकाए गए तरबूज को पहचानना सामान्य लोगों के लिए आसान बात नहीं है। कई बार तरबूज को लाल बनाने के लिए इसमें डाई का इंजेक्शन लगाया जाता है। वहीं कई बार इसे तेजी से पकाने के लिए इसमें ऑक्सिटोसिन का इंजेक्शन लगाया जाता है। ये केमिकलयुक्त इंजेक्शन जो तरबूज में लगाए जाते हैं, आपकी सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक हो सकते हैं। इंजेक्शन वाले तरबूज के कारण विपरीत परिस्थितियों में व्यक्ति सेहत गंभीर हो सकती है। आइए आपको बताते हैं कि इंजेक्शन वाला तरबूज आपके लिए कितना नुकसानदायक है और आप इसे कैसे पहचान सकते हैं।

injected watermelon

कितना खतरनाक है इंजेक्शन लगाकर पकाया गया तरबूज?

तरबूज में इन केमिकल्स का किया जाता है इस्तेमाल- नाइट्रेट, आर्टिफिशियल डाई (लेड क्रोमेट, मेथनॉल यलो, सुडान रेड), कार्बाइड, ऑक्सिटोसिन

ये होते हैं नुकसान

  • कई बार तरबूज को जल्दी बढ़ाने और पकाने के लिए नाइट्रोजन का सहारा लिया जाता है। ये नाइट्रोजन अगर आपके शरीर में जाएगा तो बहुत अधिक नुकसानदायक हो सकता है। नाइट्रोजन ऑक्साइड को विषैला तत्व माना जाता है।
  • तरबूज को अच्छा लाल रंग का दिखाने के लिए अक्सर लेड क्रोमेट, मेथनॉल यलो, सुडान रेड जैसी आर्टिफिशियिल डाई का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के रंग के इस्तेमाल वाला तरबूज खाने से आपको फूड पॉयजनिंग हो सकती है।
  • बहुत सारे तरबूज को कार्बाइड द्वारा पकाया जाता है। ये कार्बाइड लिवर और किडनी के लिए इतना खतरनाक है कि कुछ स्थितियों में व्यक्ति की किडनी बहुत अधिक डैमेज हो जाती है।
  • तरबूज को लाल रंग देने के लिए इस्तेमाल होने वाला मेथनॉल यलो व्यक्ति को कैंसर का रोगी बना सकता है। इसके अलावा ये पुरुषों की सेक्स क्षमता को खराब करता है।
  • तरबूज में इस्तेमाल होने वाला लेड क्रोमेट के सेवन से व्यक्ति के शरीर में खून की कमी हो सकती है, मस्तिष्क की सेल्स डैमेज हो सकती हैं और वो अंधा भी हो सकता है।
  • सूडान रेड डाई वाला तरबूज खाने से व्यक्ति को पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और पेट खराब हो सकता है।

ऐसे पहचानें केमिकल युक्त इंजेक्शन या पाउडर से पकाया हुआ तरबूज

1. सफेद पाउडर की जांच करें

कई बार तरबूज की ऊपरी सतह पर आपको बहुत हल्का सा सफेद, पीला पाउडर दिखाई देगा। आपको ऐसा आभास होगा कि ये धूल हो सकती है। मगर ये पाउडर कार्बाइड हो सकता है, जिसके कारण फल तेजी से पकता है। ये कार्बाइड आम और केले को पकाने में भी किया जाता है। इसलिए तरबूज को काटने से पहले अच्छी तरह पानी से धो लेना चाहिए।

2. काटने के बाद तरबूज बहुत अधिक लाल और गला हुआ तो नहीं?

अक्सर इंजेक्शन वाले तरबूज बहुत अधिक लाल दिखाई देंगे। इसे काटने पर आपको सामान्य से ज्यादा लालपन और मीठापन लगेगा। इसके अलावा तरबूज के बीच के हिस्से में ऐसा दिखाई देगा जैसे केमिकल से जला दिया गया है। हो सकता है कि इसे एक नजर में देखने पर आपको ऐसा लगे कि तरबूज लाल और मीठा है, मगर सड़ने वाला है।

bad watermelon

3. देखें कोई सुराख तो नहीं

कई बार इंजेक्शन वाले तरबूज में कोई छोटा सा सुराख होता है, जिसे अक्सर लोग किसी कीड़े-मकोड़े द्वारा किया गया सुराख मानकर ले आते हैं। मगर ये सुराख दरअसल इंजेक्शन का हो सकता है।

4. तरबूज के बीच में दरार या गड्ढा होना

अगर तरबूज को काटने के बाद आपको इसके बीच में दरारों जैसे छेद दिखाई देते हैं, तो ये भी इस बात का संकेत हो सकता है कि तरबूज को इंजेक्शन लगाकर पकाया गया है। प्राकृतिक रूप से पके फल में ऐसा गड्ढा या दरार होना सामान्य नहीं है।

kharab tarbooj

5. स्वाद में हो बदलाव

अगर तरबूज खाते समय आपको इसके स्वाद में किसी दवा के जैसा टेस्ट आए या इसे खा लेने के बाद जीभ में चिकनापन लगे, तो इसे तुरंत फेंक दें। प्राकृतिक रूप से पके तरबूज में ऐसा स्वाद आना असंभव है।

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कैसे बचें इंजेक्शन वाले या गलत तरीके से पकाए गए तरबूज से?

  • इंजेक्शन वाले तरबूज से बचने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप ऊपर बताए गए संकेतों को पहचानें। इसके अलावा एक तरीका यह है कि तरबूज को बाजार से खरीदने के बाद कम से कम 2-3 दिन उसे ऐसे ही छोड़ दें। तरबूज कई सप्ताह तक खराब नहीं होते हैं, इसलिए इन्हें 2-4 दिन छोड़ने में कोई बुराई नहीं है। इन 2-4 दिनों में अगर तरबूज की सतह से आपको किसी तरह का झाग या चिकना सफेद पानी जैसा निकलता दिखने लगा है, तो इसका अर्थ है कि तरबूज में केमिकल का प्रयोग हुआ है और ये जहरीला है।
  • 2-4 दिन छोड़ने के बाद भी अगर तरबूज सही रहता है, तो आप इसे काटकर ऊपर बताए गए संकेतों को जांच लें तभी तरबूज का सेवन करें। याद रखें तरबूज बहुत फायदेमंद है। मगर इसमें मौजूद केमिकल्स आपकी किडनी, लिवर और स्वास्थ्य को बुरी तरह खराब कर सकते हैं।



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