How to Reduce Antinutrients in Foods: शरीर को फिट और हेल्दी रखने के लिए डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स जरूर होने चाहिए। खाद्य पदार्थों में विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम और कार्ब्स समेत अनेकों पोषक तत्व पाए जाते हैं। यही नहीं पैक्ड फूड्स में भी न्यूट्रीएंट्स की मात्रा पायी जाती है, जो कि पैकेट के पीछे लिखी हुई होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि फूड्स में न्यूट्रीएंट्स के साथ ही एंटी-न्यूट्रिएंट्स (Antinutrients in Hindi) भी पाए जाते हैं। एंटी-न्यूट्रिएंट्स पौधों में पाए जाने वाले यौगिक होते हैं, जो शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण की क्षमता को कमजोर करने का काम करते हैं। बहुत ज्यादा मात्रा में एंटी-न्यूट्रिएंट्स का सेवन करने से शरीर में प्रोटीन, विटामिन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों का अवशोषण कम होता है। एंटी-न्यूट्रिएंट्स आमतौर पर फलियों, बीज, फल, सब्जियों और नट्स के अलावा साबुत अनाज में भी पाए जाते हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि फूड्स से एंटी-न्यूट्रिएंट्स को कम करने के लिए क्या करना चाहिए और इसका सेवन करने के नुकसान।
खाने से एंटी-न्यूट्रिएंट्स कम कैसे करें- How to Reduce Antinutrients in Foods in Hindi
बहुत ज्यादा एंटी-न्यूट्रिएंट्स वाले फूड्स का सेवन करने से शरीर को कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं। इसकी वजह से पाचन तंत्र पोषक तत्वों का अवशोषण ठीक ढंग से नहीं कर पाता है, जिसके कारण आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। लेक्टिन, फाइट और टैनिन जैसे एंटी-न्यूट्रिएंट्स शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लिनिकल डाइटिशियन डॉ. वीडी त्रिपाठी कहते हैं कि, "एंटी-न्यूट्रिएंट्स एक तरह के प्राकृतिक यौगिक होते हैं, जो तमाम तरह के फल, सब्जियों और नट्स आदि में पाए जाते हैं। इनका बहुत ज्यादा सेवन करने से पाचन तंत्र को पोषक तत्वों के अवशोषण में परेशानी होती है। लेकिन संतुलित मात्रा में इनका सेवन शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है।"
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डाइट से एंटी-न्यूट्रिएंट्स को कम करने के लिए इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए-
1. सीड्स, फलियों और अनाज को भिगोकर खाएं
बीन्स और फलियों में एंटी-न्यूट्रिएंट्स की पर्याप्त मात्रा होती है। इसे कम करने के लिए कुछ देर इन्हें पानी में भिगो देना चाहिए। यही कारण है कि दाल और सीड्स को पहले भी भिगोकर खाया जाता है। इसे कुक करने से पहले पानी में भिगोने से इनमें मौजूद एंटी न्यूट्रिएंट्स कम हो जाते हैं। इन्हें पानी में भिगोने से लेक्टिन, टैनिन, कैल्शियम ऑक्सालेट और फाइटेज की मात्रा काफी कम हो जाती है।
2. अंकुरित अनाज का करें सेवन
बीज, दाल और ठोस अनाज को अंकुरित करके खाने से इनमें मौजूद नुकसानदायक एंटी-न्यूट्रिएंट्स काफी मात्रा में कम हो जाते हैं। अंकुरित करने से अनाज और फलियों में फाइटेट कम हो जाता है, और लेक्टिन, प्रोटीज अवरोधकों की मात्रा में भी कमी आती है।
3. अच्छी तरह से पानी में धोएं
किसी भी अनाज, बीन्स या फलियों को पकाने से पहले पानी में भिगो कर रखने के बाद इन्हें अच्छी तरह से धोने से इनमें मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स कम हो जाते हैं।
4. फर्मेंटेशन
फर्मेंटेशन एक तरह की प्राचीन प्रक्रिया है, जिसका इस्तेमाल पुराने समय में भोजन को संरक्षित करने के लिए किया जाता था। फर्मेंटेशन या किण्वन की प्रक्रिया से खाद्य पदार्थों में एंटी-न्यूट्रिएंट्स की मात्रा काफी कम हो जाती है।
5. उबालकर करें सेवन
फूड्स को उबालने के बाद खाने से भी इनमें मौजूद हानिकारक एंटी-न्यूट्रिएंट्स काफी मात्रा में कम हो जाते हैं। उबालने के बाद क्टिन, टैनिन, प्रोटीज इनहिबिटर और कैल्शियम ऑक्सालेट समेत कई एंटी-न्यूट्रिएंट्स की मात्रा कम होती है।
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आमतौर पर खाद्य पदार्थों में मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स शरीर के लिए हानिकारक नहीं होते हैं। लेकिन इनका बहुत ज्यादा मात्रा में सेवन करने से शरीर को कई गंभीर नुकसान पहुंच सकते हैं। इसलिए फूड्स में मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स को कम करने के लिए आप ऊपर बताये गए तरीकों को अपना सकते हैं।
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