आपने अक्सर देखा होगा कि शुरुआत में तो पति पत्नी के रिश्ते काफी अच्छे होते हैं। लेकिन शादी के कुछ वर्ष बाद उनमें एक ठंडापन सा आ जाता है। इसका कारण होता है जरूरत से ज्यादा उम्मीदें और इच्छाएं। लेकिन आप अपने इस रिश्ते को हमेशा तरोताजा और सहयोगात्मक बना सकते हैं। बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। रिलेशनशिप काउंसलर डॉ स्वाति मित्तल के अनुसार आपसी रिलेशनशिप काफी जटिल हो सकती हैं। हम अपने पार्टनर के साथ कई बार बहुत ज्यादा झगड़ कर अपने रिश्ते को कड़वाहट भरा बना लेते हैं। जिससे हमारी बॉन्डिंग पर फर्क पड़ने लगता है। आप दोनों की पसंद काफी बार अलग-अलग हो सकती हैं और यह भी आपके झगड़े का कारण बन सकता है। इस स्थिति में इंटर डिपेंडेंट रिश्ता काम आता है। इसका मतलब है एक रिश्ते में अपने और अपने पार्टनर के बीच एक सही संतुलन बना कर रखना। इस रिश्ते में आप दोनों एक दूसरे पर इमोशनल रूप से निर्भर नहीं होते हैं। इस रिश्ते में काफी स्थिरता होती है और दोनों पार्टनर एक दूसरे के साथ सहयोग भी करते हैं। आइए जानते हैं कैसे आप अपने पार्टनर के साथ एक इंटर डिपेंडेंट रिश्ता बना सकते हैं।
खुद की पहचान
इंटर डिपेंडेंट होने का एक तरीका यह है कि आपको अपने पार्टनर के साथ रहते समय खुद की पहचान नहीं भूलनी है। आपको एक दूसरे को स्पेस देना चाहिए ताकि वह खुद पर भी ध्यान दे पाएं और वह अपने आप को इस रिश्ते से बाहर भी विकसित कर पाएं। वह खुद को वो बना पाएं जो वह चाहते हैं ताकि उनकी एक खुद की अलग पहचान बन सके।
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संवाद रखें
आप दोनों को ही एक दूसरे के साथ ईमानदार और सुलभ बन कर रहना होगा। आप दोनों को एक दूसरे की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए और किसी विवाद को संवाद करने के बाद ही खत्म करना चाहिए। अगर दोनों एक दूसरे पर इल्जाम लगाते रहेंगे तो आपका झगड़ा और जो बात आपको परेशान कर रही है वह कभी खत्म ही नहीं होगी।
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प्रयास करना
इंटर डिपेंडेंट रिश्ते में प्यार के साथ-साथ एफर्ट और टाइम लगाने की भी जरूरत होती है। आपको अपना बेस्ट वर्जन बनने के लिए पहले खुद की जरूरतों को पहचानना होगा और उन्हें पूरा करना होगा। इसके बाद ही आप एक अच्छे पार्टनर भी बन पाएंगे। कुछ रिश्तों में समझौता और त्याग शामिल होता है लेकिन आपको इतना भी समझौता नहीं करना चाहिए जिससे आपके खुद के सपने पीछे छूट जाएं।
बैलेंस बनाएं
इंटर डिपेंडेंट रिश्ते में आप दोनों को किसी चीज का त्याग नहीं करना पड़ता। इसका अर्थ है अपने प्रेम के साथ रहने के साथ-साथ अपनी खुद की भी अलग आइडेंटिटी का पता होना। जितना प्यार आप अपने पार्टनर को करते हैं उतना ही प्यार आपको खुद से भी करना चाहिए। आपको आप दोनों को ही एक समान ट्रीट करना चाहिए और एक परफेक्ट संतुलन बनाना चाहिए।
मी टाइम
अपने लिए समय निकालना भी काफी आवश्यक होता है ताकि इस समय में जो आपका दिल कहता है आप वह कर सकें। आपको अपना खाली समय हमेशा अपने पार्टनर के साथ ही स्पेंड नहीं करना, बल्कि आपको अपने लिए भी कुछ समय निकालना चाहिए। इससे आपको थोड़ा आजादी महसूस होगी और आप खुद को अपना दम घुटने के दोषी भी नहीं मान पाएंगे।
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बाउंड्री सेट करें
आप दोनों को एक हेल्दी रिश्ता बनाए रखने के लिए खुद के लिए हेल्दी बाउंड्री सेट करने की जरूरत होती है। बाउंड्री का मतलब सेलफिश होना या फिर एक दूसरे से बातें छुपाना नहीं होता है। इसका मतलब है आपको खुद की जिंदगी का भी ध्यान रखना है। केवल रिश्ते में ही हमेशा नहीं चलना है। इसका मतलब जहां तक आप समझौता कर सकते हैं वहां तक एक लाइन खींचना है।
एक रिश्ता टीम वर्क से चलता है। आप दोनों को साथ मिल कर इस नाव को किनारे तक ले जाना है। लेकिन अगर दूसरा व्यक्ति, आपको थोड़ा सा भी खुद के लिए समय न निकलने दे तो आप के लिए लाइन खींचना काफी जरूरी हो जाता है।