पेरेंट्स अपने बच्‍चे का स्‍वभाव कैसे पहचानें? जानें आसान ट‍िप्‍स

बच्‍चे का स्‍वभाव जानकार आप उसे बेहतर सीख दे सकते हैं  जिससे वो बड़ा होकर बेहतर इंसान बन सकता है। बच्चे का स्वभाव समझने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।
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पेरेंट्स अपने बच्‍चे का स्‍वभाव कैसे पहचानें? जानें आसान ट‍िप्‍स


कहते हैं पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। यानी किसी भी व्यक्ति की वर्तमान आदतों को देखकर उसके भविष्य का अनुमान लगाया जा सकता है। ये बात बच्चों पर भी लागू होती है। आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि बच्चों को समझना बहुत मुश्किल है। ये मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं। बतौर मां-बाप अगर आप अपने बच्चे के स्वभाव को समझने लगते हैं, तो उसकी आदतों और भविष्य को बेहतर शेप दे सकते हैं।

nature of kid

आमतौर पर 6 माह की उम्र तक बच्चे बहुत सारे इमोशन्स नहीं जाहिर कर पाते हैं। लेकिन 6 माह की उम्र के बाद बच्चों में थोड़े-थोड़े से इमोशन्स दिखने शुरू हो जाते हैं। 6 महीने  से 1 साल का होने के दौरान बच्‍चे के स्‍वभाव में बदलाव होते हैं। इसी तरह आगे उम्र बढ़ने के साथ-साथ बच्‍चे के स्‍वभाव में काफी बदलाव नजर आ सकता है। जब बात पेरेंट‍िंग की हो तो हर स्‍वभाव के बच्‍चे को डील करने का तरीका अलग होता है।  आप अपने बच्चे के बारे में जितना ज्यादा जानेंगे, उसे बेहतर इंसान बनाने में उतनी मदद कर पाएंगे। इस लेख में हम बच्‍चे का स्‍वभाव जानने का तरीका और अलग-अलग स्‍वभाव वाले बच्‍चों के संकेत जानेंगे।

बच्‍चे का स्‍वभाव जानना क्‍यों जरूरी है?

हम जन्‍म के बाद बच्‍चे का अनुवांशि‍क स्‍वभाव देखते हैं। धीरे-धीरे अपने आसपास के माहौल और  परवरिश के जर‍िए बच्‍चे के व्‍यवहार में बदलाव देखने को म‍िलता है। कोई बच्‍चा क‍िस तरह से व्‍यवहार करेगा ये उसकी स्‍वभाव पर न‍िर्भर करता है। बच्‍चे का स्‍वभाव जानने से माता-प‍िता उसे सही गाइडेंस दे सकते हैं। अगर माता-प‍िता अपने बच्‍चे को नही समझते हैं तो इसका बुरा पर‍िणाम उन्‍हें और बच्‍चे को भुगतना पड़ता है। 

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बच्‍चे का व्‍यवहार कैसे पहचानें? (Tips To Identify Nature of Kids)

1. फन-लव‍िंग चाइल्‍ड के लक्षण (Signs of Fun-Loving Children)

अगर आपके बच्‍चे का स्‍वभाव फन-लव‍िंग है तो ये  संकेत नजर आएंगे-

  • बच्‍चा सबसे खुलकर बात करेगा।
  • अपनी बात कहने और सुनाने के ल‍िए बच्‍चा आपसे बात करेगा।
  • ऐसे बच्‍चे खुलकर अपने व्‍यवहार के बारे में दूसरों को बता देते हैं।
  • ह‍िचक या डर ऐसे बच्‍चों के व्‍यवहार में कम ही देखने को म‍िलता है।    

2. सेंस‍िट‍िव चाइल्‍ड के संकेत (Signs of Sensitive Children)

अगर आपके बच्‍चे का नेचर सेंस‍िट‍िव है तो ये लक्षण नजर आ सकते हैं- 

  • बच्‍चा जल्‍दी रो देता है।
  • बच्‍चा  खुद के ऊपर क‍िए मजाक पर गंभीर हो जाता है।
  • बच्‍चा ज्‍यादा सोचता है।
  • बच्‍चा ज्‍यादातर थकान महसूस करता है।

3. ह‍िंसक बच्‍चे के संकेत (Signs in Violent Children)

अगर आपके बच्‍चे का स्‍वभाव ह‍िंसक है तो इन लक्षणों पर गौर करें-

  • ह‍िंसक बच्‍चे बात-बात पर वार करने के बारे में सोचते हैं। 
  • ऐसे बच्‍चों का स्‍वभाव अचानक से बदल जाता है।
  • ह‍िंसक स्‍वभाव के बच्‍चे को बात-बात पर गुस्‍सा आ जाता है।   

4. शर्मीले बच्चों के संकेत (Shy Child Signs)

अगर आपके बच्‍चे का नेचर शाई यानी शर्मि‍ला है तो ये लक्षण नजर आएंगे- 

  • बच्‍चे का कम बात करना।
  • बच्‍चा दूसरों के सामने असहज महसूस करे।
  • ऐसे बच्‍चे, अन्‍य बच्‍चों के साथ आसानी से घुलते-म‍िलते नहीं है।

बच्‍चे का स्‍वभाव सही न होने पर क्‍या करें?

अगर आपके बच्‍चे का स्‍वभाव ठीक नहीं है तो आप इन ट‍िप्‍स को अपना सकते हैं- 

  • बच्‍चे के स्‍वभाव को पहचानें, अगर व्‍यवहार या स्‍वभाव ठीक नहीं है तो सबसे पहले बच्‍चे से बात करें।
  • अगर बच्‍चा आपकी बात नहीं समझता है तो उसके साथ जबरदस्‍ती न करें और कुछ द‍िन इंतजार करें।
  • बच्‍चे का स्‍वभाव ठीक नहीं है तो उसे डांटने, मारने से आपको बचना चाह‍िए।
  • आप बच्‍चे के ग्रुप में ऐसे लोगों को पहचानें ज‍िनके बुरे स्‍वभाव का असर बच्‍चे पर पड़ रहा है। 
  • अपने बच्‍चे को उदाहरण देकर बताएं और गलत व्‍यवहार के कारण होने वाली समस्‍याओं के बारे में जानकारी दें। 

इन ट‍िप्‍स को फॉलो करके आप अपने बच्‍चे का स्‍वभाव जान सकेंगे और गलत व्‍यवहार या स्‍वभाव वाले बच्‍चे को सही ट्रैक पर ला पाएंगे। 

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