PUBG गेम की लत से युवाओं में बढ़ रहे हैं शारीरिक और मानसिक रोगों के मामले, जानें क्या है कारण

PUBG Game का युवाओं में खासा क्रेज है जिसके चलते उनके मानसिक और शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं। इस गेम की लत के कारण बच्‍चे और युवाओं के स्‍वभाव व खाने पीने की आदतों पर भी प्रभाव पड़ रहा है।  PUBG Game गेम की लत के कारण मेंटल हेल्‍थ व शारीरिक विकास प्रभावित हो रहा है। 
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PUBG गेम की लत से युवाओं में बढ़ रहे हैं शारीरिक और मानसिक रोगों के मामले, जानें क्या है कारण

आजकल देश में PUBG Game (PlayerUnknown’s BattleGround) का क्रेज बहुत तेजी से बढ़ रहा है। युवाओं में इस गेम को लेखकर खासा उत्‍साह देखने को मिल रहा है जिस कारण युवाओं में PUBG Game की लत बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि यह गेम प्रचलित होता जा रहा है। PUBG Game की लत के कारण बच्‍चों और युवाओं के मानसिक व शारीरिक विकास दोनों पर बुरा असर पड़ रहा है। नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्‍थ एंड न्‍यूरो साइंस में 120 से ज्‍यादा मामले रिर्पोट किए जा चुके हैं। जिनमें PUBG Game की लत के कारण मेंटल हेल्‍थ पर इसका बुरा प्रभाव देखा गया है। आइए जानते हैं, क्‍या हैं PUBG Game से होने वाले स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी खतरे। 

क्या है PUBG गेम

PUBG एक गेम है जिसमें 100 प्लेयर्स एयरप्लेन से एक आइलैंड पर उतरते हैं। यहां पहुंचने पर उन्हें वहां मौजूद अलग-अलग घर व स्थानों पर जाकर आर्म्स, दवाइयां और कॉम्बेट के लिए जरूरी चीजों को कलेक्ट करना होता है। प्लेयर्स को बाइक, कार और बोट मिलती है ताकि वह हर जगह जा सकें और दूसरे अपोनन्ट को गेम में मारकर आगे बढ़ सकें। 100 लोगों में आखिर तक जिंदा रहने वाला प्लेयर गेम का विनर बनता है।

पिछले कुछ समय में ये गेम भारत में बहुत तेजी से पॉपुलर हुआ है। हाल में इस गेम की लत के कारण हजारों युवाओं के व्यवहार में परिवर्तन देखा गया है। चिकित्सकों के मुताबिक ये बहुत चिंताजनक है कि किसी गेम की लत के कारण हजारों युवाओं में असामान्य व्यवहार के मामले सामने आ रहे हैं।

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PUBG ऐसे असर कर रहा है मस्तिष्क पर

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंस में आए सैकड़ों मामले में देखने में आया कि बच्चों में नींद की परेशानी, असल जिंदगी से दूरी, कॉलेज व स्कूल से लगातार ऐब्सेंट होने, ग्रेड्स गिरने और गेम छोड़ने पर गुस्सा बढ़ने जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। बच्चे इस गेम में इंटरनेशनल प्लेयर्स के साथ खेलने के लिए रात के 3-4 बजे तक जागते हैं, जिससे उनको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं शुरू हो गई हैं।

गेम की लत के खतरे

  • देर रात तक जागने के कारण युवाओं का स्लीपिंग पैटर्न बदल रहा है।
  • स्लीपिंग पैटर्न बदलने से ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ रहा है।
  • सही नींद न ले पाने के कारण मस्तिष्क को नुकसान पहुंच रहा है, जिससे याददाश्त की कमजोरी, एकाग्रता की कमी, पढ़ाई में बाधा, बौद्धिक विकास में बाधा जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं।
  • गेम में हथियारों के प्रयोग और जीतने की जंग के कारण युवाओं में आक्रामता बढ़ रही है।
  • बच्चों के स्वभाव में एक अजीब तरह का चिड़चिड़ापन और असंवेदनशीलता देखी जा रही है।
  • कई बार खाने-पीने और सोने आदि की आदतों में बदलाव के कारण बच्चों का शारीरिक विकास भी प्रभावित हो रहा है।

क्या कहते हैं चिकित्सक

क्लीनिकल साइकोलॉजी के प्रोफेसर डॉ. मनोज शर्मा के अनुसार, शुरुआत में बच्चों में दिमागी असंतुलन के सिर्फ 3-4 मामले सामने आए थे। मगर समय के साथ ये मामले बढ़ने लगे और अब हर महीने 40 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। एक केस के बारे में बताते हुए डॉक्टर मनोज ने बताया कि हाल ही में 19 साल के लड़के को उसके पैरंट्स उनके पास लेकर आए थे। उन्हें बताया गया कि लड़का रात को करीब 4 बजे के बाद खेलना शुरू करता था ताकि वह इंटरनेशनल प्लेयर्स के साथ गेम को खेल सके। इस वजह से उसका स्लीपिंग पैटर्न बदल गया। वह दोपहर में करीब 12 बजे उठता और फिर करीब 8 घंटे तक लगातार गेम ही खेलता रहता।

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