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डायबिटीज के मरीजों को खाने के बीच में कितने घंटे का गैप रखना चाहिए? जानें डॉक्टर से

Diabetes Diet Tips: भोजन के बीच में लंबे समय का गैप या कम गैप होने से मरीजों की समस्याएं बढ़ सकती हैं, जानें इससे जुड़ी जरूरी बातें।
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डायबिटीज के मरीजों को खाने के बीच में कितने घंटे का गैप रखना चाहिए? जानें डॉक्टर से

Diabetes Diet Tips: खराब खानपान और अनियंत्रित जीवनशैली के कारण डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी का खतरा रहता है। इस बीमारी में मरीजों को डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। सही समय पर भोजन न करने की आदत इस बीमारी में गंभीर हो सकती है। इस बीमारी में डॉक्टर भी मरीजों को डाइट से जुड़ी सावधानियों का ध्यान रखने की सलाह देते हैं। सही समय पर भोजन न करने के वजह से मरीज के शरीर का मेटाबॉलिज्म कमजोर होने का खतरा बना रहता है। मेटाबॉलिज्म कमजोर होने से शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस समेत कई गंभीर समस्याओं का खतरा रहता है। ऐसे में सवाल उठता है कि डायबिटीज में मरीजों को भोजन के बीच कितने घंटे का गैप रखना चाहिए और इस स्थिति में किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए?

डायबिटीज में भोजन के बीच कितने घंटे का गैप रखें?- How Long Should Diabetics Wait Between Meals?

डायबिटीज की समस्या में शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन (insulin) नहीं बना पाता है या फिर शरीर द्वारा बनाया गया इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। भोजन के बाद, शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "भोजन के बीच में लंबे समय का गैप होने पर ब्लड शुगर का लेवल बहुत कम होने का खतरा रहता है, इससे हाइपोग्लाइसीमिया (hypoglycemia) नामक स्थिति हो सकती है। वहीं भोजन के बीच में पर्याप्त गैप न होने के कारण ब्लड शुगर बढ़ने का खतरा रहता है।" ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को उनकी स्थिति के आधार पर डॉक्टर की सलाह लेकर भोजन का एक निश्चित समय सेट करना चाहिए।

How Long Should Diabetics Wait Between Meals

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डायबिटीज में मरीजों की समस्या और डायबिटीज के टाइप के आधार पर भोजन का समय अलग-अलग हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों को डाइट से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

डायबिटीज का प्रकार: टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए भोजन का समय अलग-अलग हो सकता है।

इलाज के आधार पर: इंसुलिन इंजेक्शन या मौखिक दवाएं लेने वाले मधुमेह रोगियों के लिए भोजन का समय अलग-अलग हो सकता है।

शारीरिक गतिविधि का स्तर: नियमित रूप से व्यायाम करने वाले मधुमेह रोगियों को भोजन के बीच ज्यादा गैप की जरूरत नहीं हो सकती है।

आमतौर पर, मधुमेह रोगियों के लिए भोजन के बीच 3 से 6 घंटे का गैप सही माना जाता है। इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों को डाइट के बीच 8 घंटे से ज्यादा का गैप नहीं रखना चाहिए। इसके अलावा आपको डाइट के बीच गैप को लेकर हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

डायबिटीज में डाइट से जुड़ी सावधानियां

नाश्ते के साथ तीन डाइट: नाश्ते के साथ भोजन के तीन मील डायबिटीज के मरीजों के लिए ठीक होते हैं। नाश्ते के बाद दोपहर का भोजन और रात का भोजन करना ज्यादा ठीक होता है। इसके अलावा दोपहर और शाम के बीच नाश्ता और स्नैक शामिल कर सकते हैं।

इसके अलावा डायबिटीज के मरीजों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए-

नियमित रूप से व्यायाम करें: नियमित व्यायाम आपके शरीर को ब्लड शुगर का उपयोग करने में मदद करता है और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है।

पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकती है। इसलिए, मधुमेह रोगियों के लिए हर रात 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है।

तनाव प्रबंधन: तनाव भी ब्लड शुगर के स्तर को बढ़ा सकता है। तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान या गहरी सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास करें।

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सही समय पर डॉक्टर की सलाह डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है। इस बीमारी में मरीजों को सही समय पर सही डाइट के साथ सही फूड्स को डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करे से डायबिटीज में फायदा मिलता है।

(Image Courtesy: freepik.com)

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