पेट की समस्याओं में कितना कारगर है प्लांट-बेस्ड प्रोटीन फूड, जानें मांस के अलावा प्रोटीन के अन्य विकल्प

प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, लेकिन प्लांट-बेस्ड प्रोटीन हमारे पाचनतंत्र के लिए काफी नुकसानदायक होता है जानें ये कैसे काम करता है!
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पेट की समस्याओं में कितना कारगर है प्लांट-बेस्ड प्रोटीन फूड, जानें मांस के अलावा प्रोटीन के अन्य विकल्प

प्रोटीन हमारे शरीर के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्वों में से एक है। हम जो कुछ भी खाते हैं उसमें प्रोटीन शामिल होना बहुत जरूरी है। वर्तमान समय में हमारे चारों तरफ ढेर सारे प्रोटीन से भरपूर उत्पाद हैं लेकिन सभी प्रोडक्ट हमारे शरीर के लिए प्रभावी नहीं होते हैं। कई बार कुछ प्रोडक्ट का सेवन हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। हमारे पास मांस संबंधि प्रोटीन उत्पादों के अलावा भी प्रोटीन के कई अनेक विकल्प मौजूद हैं जो हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे प्लांट बेस्ड प्रोटीन युक्त भोजन आपके शरीर के लिए कितना फायदेमंद है।


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जब आप प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सेवन करते हैं तो इससे कई बार आपके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। डायटिशन कहते हैं कि जब अधिक प्लांट बेस्ड प्रोटीन स्रोतों का सेवन करते हैं तो इससे हमारा पाचन तंत्र को नुकसान हो सकता है। क्योंकि पशुओं से प्राप्त प्रोटीन हमारे शरीर में ज्यादा आसानी से पच जाता है और  प्लांट बेस्ड प्रोटीन को पचाना शरीर के लिए थोड़ा मुश्किल होता है यह हमारे शरीर में बहुत धीरे-धीरे अवशोषित होता है। शरीर के लिए सबसे अच्छे  प्लांट बेस्ड प्रोटीन का चयन कर पाचन क्रिया में परेशानी को आसानी से कम किया जा सकता है। 

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पेट को नुक्सान पहुंचा सकते है प्लांट बेस्ड प्रोटीन स्रोत 

प्लांट बेस्ड प्रोटीन स्रोतों में कुछ तत्व सामान्य होते हैं। विशेषरूप से प्रोसेस्ड प्रकार की चीजें हमारे पेट व आंत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। सोया, जैसे कि तोफू पेट में आसानी से नहीं पचता। इससे कई लोगों को पेट में गैस, सूजन और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कुछ लोगों के लिए फर्मेंटेड सोया उप्ताद बेहतर साबित हो सकते हैं जिसका टेम्पेह बहुत ही अच्छा उदाहरण है।

नकली मांस उत्पादों में भी आपको सोया प्रोटीन आइसोलेट (प्रोसेस्ड सोया से बना), प्रीजरवेटिव (preservatives), एडिटव्स (additives) और पायसीकारी (emulsifiers) देखने को मिलते हैं। आपका शरीर इनमें से हर एक अधिक सूचीबद्ध सामग्री पर अच्छी तरह से प्रतिक्रिया नहीं कर सकता है। डायटिशन कहते हैं कि इन सामग्रियों के साथ कुछ भी गलत नहीं है लेकिन कुछ लोगों का शरीर उनके प्रति कम सहिष्णु (tolerant) होता है। आपको इनसे शायद कोई परेशानी न हो लेकिन कई बार यह आपके पाचन तंत्र पर काफी बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। इसके अलावा प्रोसेस्ड मांस से बने उत्पादों में सोडियम की मात्रा अधिक होती है। 

डायटीशन बताते हैं भोजन में सोडियम की मात्रा अधिक होने की वजह से सूजन और पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है इसलिए उत्पादों को खरीदते समय लेबल की जांच करने की सलाह दी जाती है।

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कुछ अन्य स्वस्थ शाकाहारी प्रोटीन मौजूद हैं जिन्हें आहार विशेषज्ञ काफी पसंद करते हैं-

अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रीशन द्वारा 2018 में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि कुछ विशेष पौधों पर आधारित विकल्प जैसे स्पिरुलिना, मूंग और छोले को पेट में बहुत ही आसानी से पच जाते हैं। 

स्पिरुलिना

एक नीले और हरे रंग का शैवाल होता है और यह एक पाउडर या सप्लिमेंट के रूप में देखने को मिलता है। पाउडर की सिर्फ एक बड़ी चम्मच में 4 ग्राम प्रोटीन  होता है और यह एंटिऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। साथ ही इसमें आयरन, कॉपर और विटामिन बी2 जरूरत के अनुसार काफी अच्छी मात्रा में होता है। कई लोग दिन में इस पाउडर का इस्तेमाल अपनी स्मूदी में करते हैं लेकिन सूप और सलाद पर भी छिड़कर भी इसका सेवन कर सकते हैं। बिना भारी कुकिंग या भोजन के लिए तैयारी के बिना यह भोजन बनाने का एक आसान तरीका है क्योंकि आप इसे किसी भी चीज के साथ या उसमें डालकर खा सकते हैं।

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मूंग बीन्स

मूंग बीन्स फली परिवार का एक हिस्सा है और सामान्य रूप से फलियां पौधे पर आधारित प्रोटीन का एक बड़ा स्रोत होती हैं। डायटिशन के अनुसार ये एंटीऑक्सिडेंट्स से भी भरे होते हैं और इनसे हमारे शरीर को अच्छी मात्रा में पोटैशियम और मैग्नीशियम भी मिलता है। मूंग बीन्स वेज बर्गर, स्टॉज, सूप और करी में भी डाली जाती है। इसलिए अपनी पैटीज़ बनाने के लिए भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं साथ ही जीरा और हल्दी जैसे मसाले भी डाल सकते हैं।

चने (Chickpeas)

चने एक अन्य विशेष पौधा पर आधारित प्रोटीन स्रोत हैं जो पाचन तंत्र के लिए पचाना काफी आसान होता है। डाइटीशन कहते हैं आमतौर पर आधा कप पके हुए चने का सेवन करने से हमें सात ग्राम प्रोटीन और पांच ग्राम फाइबर प्राप्त होता है। ये सर्वतोमुखी होते हैं और स्टीव्स, सूप या भुना कर स्नैक की तरह भी इनका सेवन कर सकते हैं। यही कारण है कि हम इसे नई फूलगोभी भी कहते हैं।

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नट्स बटर

व्यायाम से पहले या दोपहर के समय होल ग्रेन ब्रेड या केले पर थोड़ा मूंगफली या बादाम का मक्खन लगाकर भी खा सकते हैं। नट्स बटर के सिर्फि 2 बड़े चम्मच का सेवन करने से आपको सात ग्राम प्रोटीन मिलता है।

यदि आपको गंभीर पाचन समस्या से गुजर रहे हैं तो ऐसे में नट्स की तुलना में नट्स बटर आपके पेट के लिए अधिक फायदेमंद हो सकता है। इसलिए नट बटर का सेवन करें जो मूल रूप नट्स और थोड़े से नमक का इस्तेमाल कर के बनाया जाता है।

टेम्पेह

टेम्पेह एक फर्मेंटेड सोया से बना उत्पाद है यह पेट के लिए काफी सौम्य होता है। इसके अलावा सामान्य रूप से किण्वित खाद्य पदार्थ पेट के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं। आप तोफू के साथ भी टेम्पेह का इस्तेमाल कर सकते हैं: जैसे स्क्रेम्बल्स, हलचल-फ्राइ, सैंडविच और सलाद आदि में। टेम्पेह की केवल तीन औंस में 15 ग्राम प्रोटीन और अनेक जरूर पोषक तत्व जैसे मैंगनीज, राइबोफ्लेविन, आयरन और फॉस्फोरस काफी अच्छी मात्रा में होते हैं।

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