अस्‍वस्‍थ खाने से बच्‍चे के दिल पर बाद में पड़ता है असर

बच्‍चे शारीरिक और मानसिक विकास के लिए स्‍वस्‍थ और संतुलित आहार की जरूरत होती है, इसकी कमी के चलते बच्‍चे का विकास प्रभावित होता है, इसलिए बच्‍चे के खानपान में अनियमितता न बरतें।
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अस्‍वस्‍थ खाने से बच्‍चे के दिल पर बाद में पड़ता है असर


क्या आपको मालूम है कि आपके बच्चे को भी दिल की समस्या हो सकती है? इसका संबंध उसके खान-पान से है। एक शोध में यह बात सामने आयी कि बच्‍चा अगर असंयमित भोजन करता है तो आगे चलकर उसे दिल की बीमारी हो सकती है। अगर छह महीने के बाद शिशु को सम्पूरक आहार देने में देरी की जाए तो बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है और बच्चे के शरीर में पोषण-संबंधी कमी आ सकती है। इस लेख में विस्‍तार से जानें कैसे अस्‍वस्‍थ आहार दिल को प्रभावित करता है।

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क्या कहती है शोध

'कॉर्डियोवस्‍क्‍यूलर क्वालिटी एंड आउटकम्स' में छपे एक शोध के अनुसार, बचपन में बच्चों की खान-पान की आदतों से उनका दिल कमजोर होता है। शिकागो के नार्थ वेस्टर्न यूनीवर्सिटी के डोनाल्ड एम. लॉयड जोंस के मुताबिक हमें अपने बच्चों के दिल को मजबूत करने के लिए बचपन से ही उनमें खान-पान की अच्छी आदतें डालनी चाहिए। जो लोग मिडिल एज में अपने हृदय को दुरूस्त रख लेते हैं, वो लंबा जीवन बिताते है। इस शोध में अच्छे हृदय और ब्लडप्रेशर वाले बच्चों को शामिल किया गया। लेकिन अगर उनका खान-पान अस्वस्थ रहता है तो बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) असंतुलित हो जाता है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है। 


शोधकर्ताओं ने 2003-10 के नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रीशियन सर्वे में शामिल 2 से 11 साल के बच्चों का बीएमआई, स्वस्थ आहार, कोलेस्ट्राल और ब्लडप्रेसर की जांच की। देश भर के 43.6 बच्चों का प्रतिनिधित्व करनें वाले 8,961 बच्चों को सैंपल के तौर पर लिया। शोधकर्ताओं ने पाया कि बच्चों में एक आइडियल माप जरूर है पर चारों समान नहीं हैं। लॉयड जोंस के मुताबिक बच्चे कम उम्र में ही दिल सेहत के साथ समझौता कर रहे हैं।

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कैसा हो बच्चों का आहार

इसलिए बच्‍चों के लिए आप पहले से ही ऐसे खाद्य पदार्थ चुनें, जिनसे बच्चे की जरूरतें पूरी हो सके। शुरुआत में आप अपने शिशु को कम कैलोरी युक्त खाद्य पदार्थ जैसे - सूजी की खीर, घी वाली खिचड़ी, दलिया, कुचला हुआ केला आदि दें। लेकिन इस बात का ध्‍यान रखें कि उसे पर्याप्‍त मात्रा में आयरन मिल रहा है या नहीं, क्‍योंकि ब्रेस्‍टफीडिंग के बाद बच्‍चे को पर्याप्‍त मात्रा में आयरन न मिलने के कारण उसमें आयरन की कमी होने लगती है। इसकी कमी पूरी करने के लिए बच्‍चे को दालें, फलियां, अंकुरित दालें, ब्रोकली व गोभी दें, इनमें आयरन बहुतायत में होता है। आयरन, बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के अलावा हीमोग्लोबिन के उत्पादन के लिए जरूरी है। हीमोग्लोबिन कोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुंचाने व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में प्रमुख भूमिका निभाता है।

बच्‍चा स्‍वस्‍थ और पौष्टिक आहार खायेगा तभी मानसिक और शारीरिक रूप से स्‍वस्‍थ रहेगा, इसलिए बच्‍चे को संतुलित और पौष्टिक आहार दें।

 

ImageCourtesy@GettyImages

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