मोटापा दिल का सबसे बड़ा दुश्मन है। वजन बढ़ने के साथ ही दूसरी बीमारियों से कहीं अधिक दिल की बीमारियों के बढ़ने का खतरा अधिक रहता है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहकर शरीर की चर्बी को बढ़ने से रोका जा सकता है। इसलिए अगर आप दिल को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो मोटापे को न बढ़ने दें। इस लेख में विस्तार से जानें कैसे मोटापे पर नियंत्रण रखकर दिल के रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है।
गतिविधि में कमी और वजन बढ़ने से हाई ब्लड प्रेशर, प्री डायबिटीज और आट्रियल फाइब्रिलेशन की समस्या हो सकती है। इसलिए उच्च रक्तचाप, आट्रियल फाइब्रिलेशन, और उच्च कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करना और जरूरत के हिसाब से दवाओं का सेवन करना बहुत जरूरी होता है।
क्या आप जानते हैं कि मोटापे से हृदय रोग का खतरा दोगुना हो जाता है। क्योंकि वजन बढ़ने से आपका हृदय शरीर के बाकी हिस्सों में सही ढंग से ब्लड सप्लाई नहीं कर पाता है। जिससे दिल का दौरा होने की संभावना होती है। इसके अलावा मोटापे से हृदय के आसपास की धमनियों में चर्बी जमा हो जाती है। और शरीर में फैट की मात्रा अधिक होने पर सोडियम इकट्ठा हो जाता है, इससे रक्त का दबाव बढ़ जाता है। यह दिल के लिए काफी नुकसानदेह होता है। जिससे हृदय की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
जीवनशैली का रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल पर प्रभाव
ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड यूनिवर्सिटी में हुए अध्ययन के अनुसार, आट्रियल फाइब्रिलेशन दिल रिदम से जुड़ी सबसे आम बीमारियों में से एक है और यह स्ट्रोक, दिल की विफलता, जीवन की खराब गुणवत्ता और यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता है। चिकित्सक जानते हैं कि बहुत से लोगों में आर्टियल फाइब्रिलेशन को रोका जा सकता है लेकिन जिन लोगों में यह पहले से विकसित हो गया है उनमें इसका उल्टा असर भी हो सकता है।
ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन जिसमें आर्टियल फाइब्रिलेशन के 355 रोगी शामिल किये गये थे। इन रोगियों का इलाज संयुक्त राज्य अमेरिका में मौजूद क्लीनिक में करने के बजाय, इन्हें जीवनशैली संशोधन क्लिनिक में भेजा गया। डॉक्टर पाठक और सैंडर्स ने क्लिनिक में जीवनशैली परामर्श के बाद जल्द वजन घटाने के प्रभाव की जांच की। निष्कर्षों में आट्रियल फाइब्रिलेशन, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, या इन सभी बीमारियों से पीड़ित लोगों में काफी आशावादी परिणाम देखने को मिले।
रिर्पोट की समरी
- ज्यादा वजन घटाने से रक्तचाप में ज्यादा सुधार देखने को मिला।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल में सुधार देखने को मिला।
- औसत कोलेस्ट्रॉल में कमी लगभग 45 मिलीग्राम / डीएल या और भी बेहतर थी।
- समूह में शामिल 10 प्रतिशत वजन घटाने वाले लोगों में कम डायबिटीज देखने को मिली।
हार्ट की कैसे प्रतिक्रिया थी?
मरीजों के डाटा के अनुसार, जीवनशैली में परिवर्तन से हृदय रोग उलट हो सकता हैं। दिल का चैम्बर जो आर्टियल फाइब्रिलेशन बनाता है उसके आकार में सामान्य स्तर तक कमी पाई गई। दिल की दीवार की मोटाई, जो आमतौर पर दवाओं के उपयोग के बावजूद स्थायी होने लगी थी, अधिक लचीली और अनुकूल हो गई। परिणामस्वरूप आर्टियल फाइब्रिलेशन में नाटकीय रूप से कमी पाई गई।
समूह में 10 प्रतिशत वजन कम करने वाले लोगों में आर्टियल फाइब्रिलेशन 50 प्रतिशत तक गिर गया। सभी वजन घटाने की श्रेणियों में आर्टियल फाइब्रिलेशन का स्तर
20 से 50 प्रतिशत तक कम हुआ। इससे रोगियों ने बेहतर महसूस किया और उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला।
जीवनशैली में परिवर्तन, कोई चमत्कारी इलाज नहीं है, कई लोग अभी भी आर्टियल फाइब्रिलेशन का अनुभव कर रहे हैं। लेकिन अध्ययन ने व्यक्तिगत पसंद और रोग प्रबंधन में जीवनशैली में परिवर्तन के मूल्य पर प्रकाश डाला गया। लेकिन अध्ययन के अनुसार आप इससे अपने स्वास्थ्य को कंट्रोल में ला सकते हैं।
शारीरिक गतिविधियों के फायदे
अगर आप अपने दिल को किसी प्रकार की बीमारी से बचना चाहते हैं, तो बहुत जरूरी है कि आप शारीरिक सक्रियता की अहमियत को नजरअंदाज न करें। शारीरिक गतिविधियों का अभाव हृदय रोग की एक बड़ी वजह होता है। इससे आपका वजन काबू में रहता है, डायबिटीज से दूर रहते हैं। इसके साथ ही कोलेस्ट्रोल और रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है। शोध से यह बात भी साबित हो गई है कि फिट लोगों को दिल की बीमारियां होने की आशंका कम होती है। हालांकि दिल के मरीजों को किसी भी प्रकार का व्यायाम करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करनी जरूरी है।
Image Courtesy : Getty Images
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