कान के पीछे क्‍यों होते हैं रैशेज? जानें कारण और घरेलू उपाय

Rashes Behind Ear: कान के पीछे रैशेज का इलाज करने के ल‍िए कुछ आसान घरेलू उपायों की मदद ले सकते हैं। 
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कान के पीछे क्‍यों होते हैं रैशेज? जानें कारण और घरेलू उपाय


Causes Of Rashes Behind Ear: कुछ लोगों को कान के पीछे रैशेज की समस्‍या रहती है। रैशेज होने पर त्‍वचा में जलन, खुजली, सूजन और रेडनेस होने लगती है। रैशेज की समस्‍या मॉनसून में बढ़ जाती है। मॉनसून में स्‍क‍िन ज्‍यादा सेंस‍िट‍िव होती है और इस मौसम में फंगल और बैक्‍टीर‍ियल इन्‍फेक्‍शन का खतरा भी ज्‍यादा होता है। ऐसे में रैशेज बच्‍चे और बड़ों के ल‍िए गंभीर समस्‍या बन सकती है। कान के पीछे होने वाले रैशेज का कारण कुछ स्‍क‍िन ड‍िजीज भी हो सकते हैं। जैसे- रोज‍िश‍िया, डर्मेटाइटिस और एक्‍ज‍िमा। आगे जानेंगे कान के पीछे रैशेज होने के अन्‍य कारण। साथ ही आपको बताएंगे रैशेज दूर करने के घरेलू उपाय।

कान के पीछे रैशेज होने के कारण- Causes of Rashes Behind Ear 

  • कान के पीछे मॉइश्चराइजर अप्‍लाई न करने के कारण त्‍वचा ड्राई हो जाती है। ड्राई स्‍क‍िन में रैशेज होने लगते हैं।
  • साफ-सफाई का ख्‍याल न रखने के कारण, कान के पीछे की त्‍वचा में गंदगी जमने लगती है जो रैशेज का कारण बनती है। 
  • गंदे चश्‍मे पहनने के कारण भी कान के पीछे रैशेज की समस्‍या हो सकती है।
  • मॉनसून में फंगल इन्‍फेक्‍शन की आशंका बढ़ जाती है। इस वजह से कान के पीछे रैशेज हो सकते हैं।
  • दवाओं के साइड इफेक्‍ट्स के कारण भी त्‍वचा में रैशेज की समस्‍या हो सकती है। 

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कान के पीछे रैशेज का घरेलू इलाज- Home Remedies To Cure Rashes Behind Ear  

1. नार‍ियल का तेल- Coconut Oil

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कान के पीछे रैशेज नजर आ रहे हैं, तो नाार‍ियल तेल का इस्‍तेमाल करें। नार‍ियल तेल में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीएलर्ज‍िक गुण पाए जाते हैं। रूई की मदद से तेल को कान के पीछे लगाएं। मुंहासे के कारण होने वाले रैशेज को ठीक करने के ल‍िए भी नार‍ियल तेल असरदार माना जाता है। सुबह-शाम नार‍ियल तेल लगाना त्‍वचा के ल‍िए ज्‍यादा फायदेमंद साब‍ित होगा।        

2. दही- Curd

कान के पीछे होने वाले रैशेज को दूर करने के ल‍िए दही का इस्‍तेमाल करें। दही की तासीर ठंडी होती है। इसे कान के पीछे लगाने से खुजली और लाल चकत्ते की समस्‍या दूर होती है। दही के साथ हल्‍दी म‍िलाकर लगाने से रैशेज की समस्‍या जल्‍दी ठीक हो जाएगी। 

3. नीम के पत्ते- Neem Leaves

नीम में एंटीबैक्‍टीर‍ियल और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं। स्‍क‍िन इन्फेक्‍शन को दूर करने के ल‍िए नीम के पत्ते का पेस्‍ट कान के पीछे लगाकर छोड़ दें। आधे घंटे बाद त्‍वचा को साफ करके एंटीसेप्‍ट‍िक क्रीम अप्‍लाई करें।

4. एप्‍पल साइडर व‍िनेगर- Apple Cider Vinegar 

एप्‍पल साइडर व‍िनेगर में एस‍िट‍िक एस‍िड होता है। त्‍वचा में होने वाली खुजली और एलर्जी को दूर करने के ल‍िए इसका इस्‍तेमाल कर सकते हैं। 2 चम्‍मच पानी में 5 से 6 ड्रॉप्‍स व‍िनेगर डालकर कान के पीछे, रूई की मदद से लगाएं।  

5. एलोवेरा जेल- Aloe Vera Gel  

रैशेज की समस्‍या को दूर करने के ल‍िए एलोवेरा जेल का इस्‍तेमाल करें। एलोवेरा जेल को कान के पीछे लगाएंं। एलोवेरा जेल में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसे त्‍वचा पर लगाने से सूजन और दर्द की समस्‍या दूर होती है। एलोवेरा को त्‍वचा पर न‍ियम‍ित लगाने से इन्‍फेक्‍शन से भी बचाव होता है।   

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