हाई ब्‍लड प्रेशर के मरीजों को जिम करना चाहिए या नहीं? जानें एक्सपर्ट की राय

आजकल लोगों के बिगड़े लाइफस्टाइल के चलते हाई ब्लड प्रेशर का मरीज कोई चौंकाने वाली बात नहीं रह गई है। छोटे छोटे बच्चे और युवा तक इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। 
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हाई ब्‍लड प्रेशर के मरीजों को जिम करना चाहिए या नहीं? जानें एक्सपर्ट की राय

आजकल लोगों के बिगड़े लाइफस्टाइल के चलते हाई ब्लड प्रेशर का मरीज कोई चौंकाने वाली बात नहीं रह गई है। छोटे छोटे बच्चे और युवा तक इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। चिड़चिड़ापन, गुस्सा और थकान इस रोग के मुख्य लक्षण हैं। हाई ब्‍लड प्रेशर को 'साइलेंट किलर' तक कहा जाता है। हाई ब्‍लड प्रेशर एक ऐसी अवस्‍था है, जिसमें व्‍यक्ति का ब्‍लड प्रेशर बढ़कर 140/90 हो जाता है। यह बढ़कर 180/120 तक जाता है, जो एक बहुत ही गंभीर अवस्‍था मानी जाती है। ऐसे में जितनी जल्‍दी हो सके इसे नियंत्रित किया जाना चाहिए। एक्सरसाइज करना स्वस्थ लाइफस्टाइल के लिए बहुत जरूरी होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को जिम करना चाहिए या नहीं। अगर आप भी इसी प्रश्न का उत्तर जानने की उधेड़बुन में रहते हैं तो आज हमारे एक्सपर्ट इस बात का जवाब आपको देंगे। जी हां, दिल्ली 'फिट रहो हिट रहो' नाम का जिम चलाने आशीष तिवारी आज हमें बता रहे हैं कि हाई ब्लड प्रेशर के पीड़ितों को जिम करना चाहिए या नहीं और करना चाहिए तो किस तरह करना चाहिए।

आशीष तिवारी का कहना है कि लोगों को लगता है कि अगर वह हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो शायद उन्हें जिम नहीं जाना चाहिए और एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। वास्‍तव में हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को नियमित रूप से एक्‍सरसाइज करनी चाहिए, क्‍योंकि हाइपरटेंशन के कारणों में से एक कारण स्‍वस्‍थ जीवनशैली का अभाव है। हफ्ते में 5 दिन जिम करने से हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को ब्‍लड प्रेशर नियंत्रित करने में मदद मिलती है। लेकिन जिम करने की चाहत रखने वाले हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को कुछ उपायों के बारे में जानकारी होना बहुत जरूरी हैं। आइए ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में इस आर्टिकल में जानते हैं। 

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  • वर्कआउट मध्यम तीव्रता से होना चाहिए। यद्यपि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करते समय, वेट दिल के स्‍तर से ऊपर नहीं जाना चाहिए। स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग से भी लंबे समय में ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। अन्य एक्‍सरसाइज में आप जॉंगिंग, स्क्वॉट, पुल-अप, बाइसेप कर्ल, सीटेड चेस्‍ट प्रेस आदि शामिल कर सकते हैं।   
  • हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को एक सेक्‍शन में 30-60 मिनट के लिए एक्‍सरसाइज करनी चाहिए, इस बात को ध्यान में रखते हुए कि सेक्‍शन में तीव्रता ना हो।
  • नियमित एरोबिक्स भी ब्‍लड प्रेशर के स्तर को बनाए रखने में बहुत मददगार होती है। जब आप जिम कर रहे हो तो आप ट्रेडमिल या इलिप्टिकल ट्रेनर का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, आपको अपने ट्रेनर को बताना चाहिए कि आप हाई ब्‍लड प्रेशर के रोगी है ताकी एक्‍सरसाइज बहुत ज्‍यादा तेजी वाली न हो।
  • एक्‍सरसाइज के साथ अच्‍छी डाइट, जिसमें चीनी की मात्रा कम और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होनी चाहिए।
  • नियमित एक्‍सरसाइज से तनाव दूर होता है, जिससे ब्‍लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।     
  • एरोबिक्स के अलावा, योग और पिलेट्स से भी तनाव को कम करने और फिटनेस के स्तर को बढावा देने में मदद मिलती हैं।
  • एक्‍सरसाइज के दौरान आपको इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि आप अपनी सांसों को रोकें नहीं, क्‍योंकि इससे आपके ब्‍लड प्रेशर के स्‍तर में वृद्धि हो सकती है। साथ ही इस बात का भी ध्‍यान रखें किे आप सांस लगातार लें और अगर आपको चक्‍कर जैसा महसूस हो तो एक्‍सरसाइज को बीच में ही रोक दें।
  • इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कौन सी एक्‍सरसाइज चुनते हैं, लेकिन आपको इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि एक्‍सरसाइज की शुरूआत धीरे-धीरे और शुरुआत से पहले वार्मअप करना न भूलें। वर्कआउट की तीव्रता में धीरे-धीरे वृद्धि की जानी चाहिए, और यह हमेशा मध्‍यम से तीव्रता में ही होना चाहिए।

व्यायाम करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान

  • व्यायाम करते समय अपनी सांस न रोकें या अधिक दबाव न डालें।
  • भारी वजन उठाने से बचें।
  • हल्का वजन उठाएं और कई बार दोहराएं।
  • व्यायाम बंद कर दें अगर आप कोई भी असामान्य लक्षण अनुभव करें।
  • कसरत से पहले और बाद में अपने रक्तचाप को रिकार्ड करें।
  • ज़मीन से ऊपर जाते समय धीरे जायें।
  • एक अभ्यास सत्र को अचानक बंद न करें इससे आपके रक्तचाप में अचानक गिरावट महसूस होगी।

ब्लड प्रेशर में फायदेमंद है बालासन

बालासन को कई लोग शिशु आसन भी कहते हैं क्योंकि इस योगासन के अभ्यास में व्यक्ति का आकार छोटे शिशु की तरह हो जाता है। बालासन हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। ब्लड प्रेशर के मरीजों को कई बार शारीरिक और मानसिक थकावट का एहसास होता है। बालासन के अभ्यास से इस तरह की थकान से आपको राहत मिलती है। इसके अलावा कई बार हाई ब्लड प्रेशर के कारण लोगों को गुस्सा बहुत जल्दी आता है और स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है। अगर ऐसे में मरीज बालासन का नियमित अभ्यास करता है, तो उसकी ये समस्या भी ठीक हो जाती है। बालासन के अभ्यास से शरीर के सभी विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर तनावमुक्त हो जाता है।

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