वर्किंग वूमेन फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग से रहें फिट, जानें 5 मिनट में होने वाली इस एक्सरसाइज के फायदे

आजकल के समय में महिलायें दोहरी जिम्‍मेदारी निभा रही हैं। अब वे घर के साथ ऑफिस में भी काम कर रही हैं।
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वर्किंग वूमेन फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग से रहें फिट, जानें 5 मिनट में होने वाली इस एक्सरसाइज के फायदे


आजकल के समय में महिलायें दोहरी जिम्‍मेदारी निभा रही हैं। अब वे घर के साथ ऑफिस में भी काम कर रही हैं। लेकिन इस बदलती जीवनशैली के चलते महिलाएं ऑफिस और घर की जिम्‍मेदारियों को संभालते-संभालते खुद को नजरअंदाज कर देती हैं। जिसके कारण वह कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं खासतौर पर मोटापे की शिकार हो रही हैं। इस समस्‍या का मुख्‍य कारण व्‍यायाम की कमी है। लेकिन अगर महिलायें अपने स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति थोड़ी सावधान हो जायें तो उनकी इस दोहरी जिम्‍मेदारी के बीच स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या रुकावट नहीं बनेगी। शरीर को स्‍वस्‍थ और चुस्‍त-दुरूस्‍त रखने के लिए प्रतिदिन एक्‍सरसाइज़ करना जरूरी होता है। अक्‍सर महिलाओं की ये चाहत भी होती है कि उनका वजन कंट्रोल रहे, शरीर शेप में रहे इसके लिए आज हम आपको 3 कारगर एक्‍सरसाइज के टिप्‍स बता रहे हैं, जिससे महिलाओं के फिट रहने की चाहत पूरी होगी।

फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग

फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग मांसपेशियों को लचीला बनाने के लिए होती है। इसमें स्ट्रेचिंग तथा मोशन एक्सरसाइज शामिल होती है। यह एक्सरसाइज मुख्य रूप से 40 वर्ष की आयु से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए होती है। किसी भी उपकरण के द्वारा स्ट्रेचिंग की जा सकती है। फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ने से शरीर का संतुलन, मोशंस की रेंज बढ़ती हैं और किसी तरह की चोट का खतरा भी कम होता है।

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग

जो महिलाएं मुख्य रूप से अपनी मांसपेशियों को मजबूत करने तथा अपनी शक्ति को बढ़ाने पर ध्यान दे रही हैं यह ट्रेनिंग उनके लिए हैं। इस ट्रेनिंग में मुख्य रूप से हाथों, पैरों, छाती तथा पेट की मांसपेशियों का ध्यान रखा जाता है। इसमें फ्री वेट्स, वेट मशीन, पुश-अप्स और सिट-अप्स शामिल किये जाते हैं। यह ट्रेनिंग औरतों को शरीर में वसा की मात्रा को कम करने में तथा शरीर में मांसपेशियों तथा मेटाबोलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है और यह ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करता है।

एरोबिक एक्सरसाइज

इस व्यायाम में अधिक से अधिक मांसपेशियों को काम में लिया जाता है। इससे आपके ह्रदय और फेफड़े को ठीक तरह से काम करने में मदद मिलती है। इस एक्सरसाइज के अंतर्गत नृत्य करना, साइकिल चलाना, दौड़ना, तैरना आदि आता है। ऐसे वर्कआउट शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को बढ़ाते है जिससे ह्रदय और शरीर की संपूर्ण मांसपेशियों में रक्त का सही रूप से संचार करने में मदद करते हैं।

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ब्रेक लेना भी है जरूरी

कुछ लोग दिन भर बैठकर कंप्यूटर के सामने सारा समय बिताते हैं जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह हो सकता है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो लगातार एक जगह चिपककर न बैठें, थोड़ी-थोड़ी देर में खड़ी होकर टहलें, हाथ-पैरों को हिलाएं व थोड़ा सा हलका-फुलका व्यायाम भी करें। हर बीस मिनट के बाद दूर जगह पर दृष्टि डालें, नजर टिका कर देखने की कोशिश करें। रोशनी बहुत ज्यादा न रहे, तेज रोशनी आंखों में तनाव पैदा करती है। यदि सीधे इससे बचत संभव न हो तो इसके लिए चमक रहित स्क्रीन अपने मॉनीटर पर लगाएं। बार-बार पलकें भी झपकाएं, यह आंखों की अच्छी एक्सरसाइज है। 

सीढ़ि‍यों का इस्तेमाल करें

आपका ऑफिस अगर ऊपर की मंजिल पर है, तो वहां तक जाने के लिए लिफ्ट की बजाय सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। जब सीढि़यों पर चलना आपकी आदत बन जायेगी तो आप अपने वजन में परिवर्तन महसूस करेंगी। आपको यथार्थवादी भी होना चाहिए, अगर आपका आफिस 20वीं मंजि़ल पर है तो आप 18वीं मंजि़ल तक लिफ्ट का प्रयोग करें। सीढियां चढ़ने-उतरने से भी फिट और एनर्जेटिक होने में मदद मिलती है।

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