कैटेगरी: अवेयरनेस वॉरियर्स
परिचय: डीएसपी शिल्पा साहू
योगदान: डीएसपी शिल्पा साहू ने कोविड प्रोटोकॉल बनाये रखने के लिए गर्भवती होने के बावजूद झुलसती गर्मी में अपनी ड्यूटी जारी रखी।
नॉमिनेशन का कारण: कोविड लॉकडाउन के दौरान नियमों का पालन कराने और कानून व्यवस्था बनाए रखने में पुलिसकर्मियों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा। ऐसे में लोग कोविड प्रोटोकॉल फॉलो करें, इसके लिए डीएसपी शिल्पा साहू ने 5 महीने की गर्भवती होने के बावजूद ऑन रोड अपनी ड्यूटी निभाई और लोगों को सही नियम पालन करने के लिए जागरूक करती रहीं।
छ्त्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा से पिछले दिनों एक गर्भवती पुलिसकर्मी का वीडियो खूब वायरल हुआ था, जिसमें लॉकडाउन के दौरान वो सड़क पर लोगों को कोविड प्रोटोकॉल फॉलो करने के लिए प्रेरित कर रही थीं। खास बात ये थी कि ये महिला पुलिसकर्मी उस समय गर्भवती थीं, इसके बावजूद उन्होंने अपनी ड्यूटी को सर्वोपरि माना और खतरों के बीच अपनी जिम्मेदारी निभाई। ये महिला थीं, छत्तीसगढ़ पुलिस में DSP शिल्पा साहू। उन के इस बहादुरी के काम को देखते हुए और लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए ओनली माय हेल्थ में एसएसपी शिल्पा साहू को हेल्थ केयर हीरो अवार्ड 2022 की अवेयरनेस वॉरियर की श्रेणी में रखा है। आइए जानते हैं शिल्पा साहू के बारे में कुछ और बातें।
सड़क पर क्यों उतरीं शिल्पा?
इस सवाल के जवाब में शिल्पा कहती हैं कि पुलिस फोर्स में होने के कारण ये उनका रूटीन वर्क है। उन्होंने अपनी परिस्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि वायरल वीडियो उसके अलगे दिन का है, जब दंतेवाड़ा में लॉकडाउन लगाया गया था क्योंकि यहां कोविड तेजी से फैलने लगा था। ट्रैफिक डिपार्टमेंट का इंचार्ज होने के कारण ये उनकी जिम्मेदारी थी कि लोग कोविड नियमों का पालन करें। लेकिन चूंकि उस समय वो 5 महीने की प्रेगनेंट थीं, इसलिए इससे लोगों में एक और मैसेज गया और वो ये कि, "अगर इस कंडीशन में भी मैं आपकी सुरक्षा के लिए काम कर सकती हूं, तो ये आपकी जिम्मेदारी है कि आप घर पर रहें और खुद को संक्रमण से बचाएं।"
इसे भी पढ़ें- Healthcare Heroes Award 2022: रेडियो के जरिए आदिवासी समुदाय को कोविड से बचाव के लिए जागरूक करने वाली अश्वथी
टॉप स्टोरीज़
डीएसपी शिल्पा साहू ने बताया कि उन्हें कोई डर नहीं था
कोविड जब चरम सीमा पर था और भयंकर गर्मी थी तो भी शिल्पा को अपने लिए कोई डर नहीं लगा। हालांकि उन्हें अपने बच्चे के लिए डर था कि कहीं उनकी वजह से उनके बच्चे को किसी चीज का खतरा न पहुंच जाए। उनके घर वाले भी इस बात को लेकर चिंतित थे। फिर भी उन्होंने कोविड से जुड़े हर सुरक्षा नियम का पालन किया, मास्क पहना, अपने हाथों के हाइजीन को मेंटेन रखा, सामाजिक दूरी का पालन किया। सबसे बड़ी बात वह इस समय दंतेवाड़ा में अकेली रह रहीं थीं। उनके पति जो खुद भी डीएसपी हैं, वह अलग जिले में पोस्टेड थे और वह जिला इनके यहां से लगभग 40 किलोमीटर दूर था।
किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या का सामना नहीं करना पड़ा
डीएसपी शिल्पा साहू का कहना है कि काम करते हुए उन्हें किसी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा। खुद को डिहाइड्रेट होने से बचाने के लिए वह समय-समय पर पानी पीती रहीं। हालांकि उन्हें कुछ समस्या तो झेलनी पड़ी जैसे थकान होना, कमजोरी होना और पैरों में सूजन आदि। शिल्पा का कहना है कि अधिक समय तक खड़े रहने से पैरों में सूजन आ जाती थी और वह रात में पैरों की अच्छे से मालिश करती थीं ताकि अगले दिन के लिए खुद को तैयार रख सकें।
काम और चाइल्ड केयर के बीच संतुलन बनाना
डीएसपी शिल्पा साहू, जिन्होंने पिछले सितंबर में बेटे को जन्म दिया, का कहना है कि यह एक चुनौती भरा काम है। जब वह ड्यूटी पर दोबारा आयेंगी तो अपने बच्चे को जितना हो सकेगा उतना काम पर साथ रखेंगी। जब वह काम पर दोबारा जायेंगी तो वह कुछ बदलाव करने की सोच रही हैं और वह ऐसी महिलाओं को एक कमरे की सुविधा प्रदान करने की सोच रही हैं जहां महिलाएं जॉब की जिम्मेदारी के साथ-साथ अपने बच्चे की जिम्मेदारी भी पूरी कर सकें।
इसे भी पढ़ें- Healthcare Heroes Awards 2022: लॉकडाउन के समय छोटी सी टीम के साथ लाखों लोगों की भूख मिटाने को आगे आए पारितोष
दंतेवाड़ा में पोस्टिंग पर एसएसपी शिल्पा साहू
शिल्पा के पति डीएसपी देवांश सिंह राठौर दंतेवाड़ा में पोस्टेड थे तो शिल्पा की पोस्टिंग भी इसी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हो गई। यह एक संवेदनशील क्षेत्र है। हालांकि यह खतरा भी शिल्पा का अपनी जिम्मेदारी निभाने के जज्बे को ढीला नहीं कर सका। पहली ऑल वूमेन एंटी नक्सल यूनिट, दंतेश्वरी फाइटर की इंचार्ज होने के नाते वह अपनी टीम के साथ नक्सल ऑपरेशन के लिया जाती रहती हैं। बहुत सी स्थानीय महिलाएं भी इस यूनिट का हिस्सा हैं। गर्भवती होने के साथ-साथ लोगों के लिए अपनी ड्यूटी करना कोई आसान काम नहीं। डीएसपी शिल्पा साहू के इस बहादुरी भरे काम के लिए उनकी बहादुरी को हमारा सलाम। अगर आप इनकी इस बहादुरी को दुनिया के सामने और अधिक लाना चाहते हैं तो इनके लिए जरूर वोट करें और इन्हें इस अवॉर्ड की विजेता बनाएं।