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बच्‍चों को नींद न आने का कारण हो सकती हैं सेहत से जुड़ी ये 5 गलति‍यां

Sleep Deprivation in Hindi: क्‍या आपके बच्‍चे को भी रात में नींद नहीं आती है। कहीं उसके सेहत से जुड़ी गलति‍यां तो नहीं कर रहे हैं आप?
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बच्‍चों को नींद न आने का कारण हो सकती हैं सेहत से जुड़ी ये 5 गलति‍यां


Lack of Sleep in Children: बच्चों की अच्छी सेहत के लिए नींद की खास अहमिहत है। अच्छी नींद लेकर बच्चे एक्टिव होते हैं।नींद पूरी करने से उनके शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है जिससे बीमारियों का खतरा कम होता है। कई बच्चों को ठीक से नहीं आती। वे रात में घंटों तक सोने की कोशिश करते हैं लेकिन इसके बावजूद भी सो नहीं पाते। ठीक से न सो पाने के कारण पूरे दिन शरीर में आलस्य रहता है। बच्चों को खेलने-पढ़ने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है। कम सोने का बुरा असर उनकी मानसिक और शारिरीक सेहत पर पड़ता है। बच्चों में नींद न आने का कारण सेहत से जुड़ी कुछ गलतियां हो सकती हैं। जैसे जो बच्चे कसरत नहीं करते या शारीर‍िक रूप से एक्टिव नहीं होते उन्हें रात में अच्छी नींद नहीं आती। बच्चों के रात में न सो पाने के पीछे सेहत से जुड़ी अन्य गलतियां हो सकती हैं जिनके बारे में आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

lack of sleep in kids

1. बेड टाइम रूटीन की कमी 

बेड टाइम रूटीन न होने के कारण बच्‍चों को अन‍िद्रा की समस्‍या हो सकती है। बच्‍चों के ल‍िए बेड टाइम रूटीन बनाएं। उन्‍हें रात में साफ कपड़े पहनाएं, दांतों को ब्रश करना स‍िखाएं, फ‍िर एक ग‍िलास पानी प‍िलाएं और कुछ देर वॉक करके सोने की सलाह दें। बच्‍चों को सोने के समय के 4 से 5 घंटे पहले ही रात का खाना ख‍िला दें ताक‍ि उन्‍हें सोने के समय पेट में दर्द या गैस की समस्‍या न हो।  

2. बच्‍चों को ज्‍यादा दवाएं देना    

अगर कम दर्द या तकलीफ के ल‍िए भी बच्‍चे को दवा ख‍िलाते हैं, तो ये आदत बदल दें। ज्‍यादा दवाओं का सेवन करने से नींद प्रभाव‍ित हाती है। डॉक्‍टर की सलाह के बगैर बच्‍चों को कोई दवा न ख‍िलाएं। अगर क‍िसी बीमारी या एलर्जी के ल‍िए बच्‍चे को एक से ज्‍यादा दवाएं देते हैं, तो सारी दवाओं को एक साथ देने के बजाय गैप करके दें।

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3. स्क्रीन टाइम ज्यादा होना

अगर बच्‍चे रात को देर तक टीवी देखते हैं, तो उनकी आंखों पर तो जोर पड़ता ही है साथ ही अन‍िद्रा की समस्‍या भी हो सकती है। आजकल बच्‍चे मोबाइल से घंटों तक जुड़े रहते हैं। लंबे समय तक स्‍क्रीन टाइम बढ़ जाने के कारण बच्‍चों को नींद नहीं आती और उन्‍हें स्‍वस्‍थ्‍य जीवनशैली फॉलो करने में परेशानी होती है। बच्‍चों को द‍िन में 1 घंटे से ज्‍यादा स्‍क्रीन का इस्‍तेमाल न करने दें। रात को मोबाइल और लैपटॉप जैसे गैजेट्स बच्‍चों को न दें।  

4. साफ-सफाई की कमी 

अगर बेड या कमरा साफ नहीं है, तो बच्‍चे की नींद प्रभाव‍ित हो सकती है। कई स्‍टडी और एक्‍सपर्ट के मुताब‍िक अन‍िद्रा का कारण साफ-सफाई की कमी हो सकती है। बच्‍चे के कमरे को साफ रखें। जरूरत पड़ने पर बच्‍चे के कपड़ो में द‍िन में 1 से ज्‍यादा बार बदलें। रात को बच्‍चे के कमरे को आरामदायक बनाएं इससे बच्‍चे को अच्‍छी नींद आएगी।               

5. बच्‍चों का ज्‍यादा तनाव में होना 

आपको बता दें क‍ि बच्‍चे भी स्‍ट्रेस या तनाव का श‍िकार होते हैं। तनाव से घ‍िरे रहने के कारण उनकी स्‍लीप साइक‍िल प्रभाव‍ित हो सकती है। अगर बच्‍चे को नींद नहीं आ रही है, तो उसकी काउंसल‍िंग करें। कारण जानें और मदद करें। अन‍िद्रा की समस्‍या दूर करने के ल‍िए बच्‍चे को रोजाना डीप ब्रीद‍िंग एक्‍सरसाइज करवाएं।  

बच्‍चों को अन‍िद्रा की श‍िकायत है, तो ऊपर बताए तरीकों को अपनाएं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।

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