
तुलसी औषधीय गुणों का खजाना है। तुलसी में सर्दी जुकाम से लेकर कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों को जड़ से खत्म करने की क्षमता है। सबसे खास बात यह है कि तुलसी गर्भवती महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सबसे अच्छी बात यह है कि ये पूरी तरह से सुरक्षित है। तुलसी की पत्तियों में हीलिंग क्वालिटी होती है। इसकी पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फंगल का गुण मौजूद है। गर्भावस्था में इसके नियमित सेवन से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है। इसकी पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है। इसके अलावा ये महिलाओं की इम्यूनिटी को मजबूत करता है। आयुर्वेद की मानें तो तुलसी को गर्भावस्था में जरूर खाना चाहिए। इससे मां और होने वाले बच्चे, दोनों को लाभ पहुंचता है।
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गर्भावस्था में तुलसी के फायदे
1. रोजाना तुलसी की दो पत्तियां खाने से शरीर में खून की कमी दूर होती है। गर्भावस्था में ज्यादातर महिलाओं को एनिमिया की शिकायत हो जाती है। ऐसी महिलाओं को हर रोज तुलसी की दो पत्तियां खाने की सलाह दी जाती है।
2. तुलसी की पत्तियों में विटामिन A पाया जाता है जो गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए जरूरी है।
3. तुलसी की पत्तियां मैग्नीशियम का अच्छा स्त्रोत हैं। जो बच्चों की हड्डियों के विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसमें मौजूद मैगनीज टेंशन को कम करने का काम करता है।
4. तुलसी की पत्तियों में एंटी-बैक्टीरियल गुण पाया जाता है। इससे मां और गर्भ में पल रहे बच्चे दोनों को ही संक्रमण (इनफेक्शन) होने का खतरा कम हो जाता है।
5 रोजाना तुलसी खाने से रोग प्रतिरोधक झमता में सुधार होता है। इससे किसी प्रकार की बीमारी व्यक्ति के नज़दीक नहीं आती है।
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