आपके शरीर को स्वस्थ रहने के लिए बहुत सारे पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जिनमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी हैं। फाइटोन्यूट्रिएंट्स को फाइटोकेमिकल्स भी कहा जाता है जो पेड़ पौधों द्वारा मिलते हैं। यह पेड़ पौधों को कीटों व सूरज से बचा कर सुरक्षित व हेल्दी रखते हैं। फाइटोन्यूट्रिएंट नॉन विटामिन व नॉन मिनरल तत्त्व होते हैं। जिन के ढेर सारे लाभ होते हैं। यह आप के शरीर को बहुत सारी बीमारियों से बचाते हैं और आप के शरीर को अच्छे ढंग से काम करने में मदद करते है। यह सप्लीमेंट्स में नहीं पाए जाते।
फाइटोन्यूट्रिएंट्स से युक्त खाद्य पदार्थों में सभी रंगीन सब्जियां फल या फलियां और साबुत अनाज व कई प्रकार के मसाले शामिल हैं। इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स व एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो आप के शरीर को हेल्दी रखने में मदद करते हैं। इनमें से कुछ फाइटोन्यूट्रिएंट्स के मुख्य नाम हैं कैरोटेनॉयड्स, एलेजिक एसिड, रेसवेराट्रॉल, फ्लेवोनोइड्स, फाइटोएस्ट्रोजेन, ग्लूकोसॉलिट्स आदि। फाइटोन्यूट्रिएंट के कारण ही बहुत से फल व सब्जियों को उनका रंग मिलता है। उदाहरण के तौर पर लाइकोपीन टमाटर व तरबूज को लाल रंग देता है। भोजन में पाए जाने वाले कुछ फाइटोन्यूट्रिएंट्स निम्न प्रकार हैं-
भोजन में पाए जाने वाले मुख्य फाइटोन्यूट्रिएंट्स हैं (Main Phytonutrients)
एलिसिन (Allicin)
प्याज व लहसुन में एलिसिन नामक फाइटोन्यूट्रिएंट पाया जाता है। यह बहुत से स्वास्थ्य लाभ देता है जैसे गठिया, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर व हाई कोलेस्ट्रॉल के लिए फायदेमंद।
इसे भी पढ़ें: 10 ब्रांड्स के शहद में मिला 'चाइनीज सिरप', जानें सेहत के लिए कितना खतरनाक है ये और कैसे पहचानें असली शहद
एलाजिक (Ellagic)
एलाजिक एसिड सब्जियों जैसे लाल आलू, लाल व नीले रंग के फल जैसे जामुन, स्ट्रॉबेरी, सेब आदि में पाया जाता है। यह एसिड कैंसर जैसी बीमारियों से बचाने में लाभदायक है। यह आप के लिवर में कैंसर से जुड़े केमिकल्स को पैदा होने से भी बचाता है।
कैरोटीनॉयड (Carotenoids)
कैरोटीनॉयड गहरे पीले, ऑरेंज, लाल व हरे रंग की फल व सब्जियों में पाया जाता है। इनमे टमाटर, संतरे, पालक आदि शामिल हैं। इसके स्वास्थ्य लाभों में हृदय की सेहत बढ़ाना, कैंसर सेल्स का विकास कम करना, इम्यूनिटी बढ़ाना आदि शामिल हैं।
फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids)
फ्लेवोनोइड्स फल सब्जियों, वाइन, ग्रीन टी, प्याज, सेब आदि में पाया जाता है। इसके स्वास्थ्य लाभों में मधुमेह का रिस्क कम होना, सूजन कम करना, कैंसर सेल्स मे वृद्धि को कम करना आदि शामिल हैं।
आइसोफ्लेवोन (Isoflavones)
आइसोफ्लेवोन सोया बीन व सोया के उत्पादों में पाया जाता है। यह आप को बढ़ती उम्र की समस्याओं से बचाता है, हृदय रोगों से बचाता है, जोड़ों में दर्द कम करता है। यह कैंसर से बचाने में भी लाभदायक है।
लिगनान (Lignans)
अलसी व होल ग्रेन जैसे खाद्यों में पाया जाता है। यह खुबानी, स्ट्रॉबेरी, नट्स व सीड में भी पाया जाता है। इनके अंदर फाइबर पाया जाता है जो मनुष्य के शरीर व इम्यून सिस्टम के लिए बहुत लाभदायक होता है। यह न्यूट्रिएंट आप के शरीर के हार्मोन को बैलेंस करने में भी सहायक है। यह पुरुषों और टेस्टोस्टेरोन में एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करता है।
कर्क्यूमिन (Curcumin)
यह मुख्य रूप से हल्दी में पाया जाता है और अदरक के परिवार से सम्बन्ध रखता है। यह हल्दी को पीला रंग देता है और आप को कैंसर जैसी बीमारियों से बचाता है।
रेसवेराट्रॉल (Resveratrol)
यह एक एंटी आक्सिडेंट है जोकि मूंगफली, पिश्ता, कोकोआ, अंगूर व जामुन आदि में पाया जाता है। यह आप के ब्लड प्रेशर, सूजन आदि को कम करने में सहायक है।
इसे भी पढ़ें: सर्दियों में हाइड्रेटेड रहने के लिए खाएं ये 5 खट्टे फल, न्यूट्रिशनिस्ट से जानें इन्हें खाने के 10 फायदे
फेनोलिक एसिड (Phenolic)
खट्टे फलों, जूस, सूखे हुए या ताजी बेरों, चाय, काफी, किशमिश, दाल व सीरियल्स आदि में पाया जाता है। यह एसिड आप के शरीर के लिए बहुत लाभदायक है क्योंकि इसमें एंटी आक्सिडेंट होते हैं। जो आप के शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुक़सान से बचाते हैं।
फाइटोन्यूट्रिएंट एक दिन में कितने खाने चाहिए
इसका अभी कोई सुझाव नहीं है। परन्तु अलग-अलग रंग के फल सब्जी का प्रयोग करें। फाइटोन्यूट्रिएंट को अपनी डाइट मे शामिल करने से आप के शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है और एंटी आक्सिडेंट की मात्रा में भी इजाफा होता है। यदि आप फाइटोन्यूट्रिएंट का अधिक लाभ लेना चाहते हैं तो इन का प्रयोग पेड़ या पौधों से मिलने वाले खाद्यों के रूप में ही करना होगा। इसे अपनी डाइट में अधिक मात्रा में शामिल करने से पहले आप को इनके लाभ व हानियों के बारे में डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।
Read More Articles on Healthy Diet in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version