पेट भरने के लिए खाना तो सभी खाते हैं। लेकिन हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि हमारे स्वास्थ्य के लिए क्या फायदेमंद है और क्या नुकसानदायक। प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन युक्त खाद्य पदार्थो के बीच रेशेदार भोजन की अपनी अलग महत्ता है। रेशेदार फल और सब्जियों को अपने आहार में शामिल कर हम शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही कई बीमारियों से भी दूर रह सकते हैं।
खाने में फाइबर युक्त भोजन की जरूरत पाचन क्रिया की सहायता कके लिए की जाती है। फाइबर युक्त भोजन पेट भरने और भोजन पचाने का काम करता है। इसलिए फाइबर की कमी से कब्ज़, बवासीर तथा रक्त में कोलोस्ट्राल और शक्कर की मात्रा का बढ़ना आदि समस्याएँ आती हैं। वहीं अधिक फाइबरयुक्त भोजन ग्रहण करने से शरीर में फाइबर की मात्रा अधिक हो जाती है जिससे आंतड़ियों में परेशानी, दस्त या निर्जलीकरण की समस्या भी आ सकती है।
नोट- अगर आप अपने भोजन में फाइबरयुक्त भोजन की मात्रा बढ़ा रहे हैं तो पानी का सेवन भी बढ़ाएं।
रेशेदार भोजन की उपयोगिता
- कब्जियत और बवासीर : रेशेयुक्त भोज्य पदार्थो में पानी को अवशोषित करने की क्षमता काफी पाई जाती है। ऐसे खाद्य पदार्थो को खाने से शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी बना रहता है, जिससे मल आंतों से नहीं चिपक पाता और मल त्यागने में भी तकलीफ नहीं होती। शरीर में मौजूद रेशा पाचन क्रिया को भी तेज करता है। इसके अलावा यह बवासीर के खतरों को भी दूर करता है।
- हृदय संबंधी रोग : घुलनशील रेशे वाले खाने जैसे ओट मील, फलीदार सब्जियों को खाने से शरीर में मौजूद हानिकारक कोलेस्ट्राल की मात्रा घटती है। नींबू और गाजर का सेवन करके यह लाभ हासिल किया जाता है।
- कैंसर : रेशायुक्त भोज्य पदार्थ शरीर में मौजूद लाभदायक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाने के साथ ही हानिकारक तत्वों के अवशोषण को कम करते हैं। जिससे शरीर में कैंसर की आशंका कम हो जाती है। इसके अलावा यह महिलाओं में होने वाले स्तन कैंसर, अंडाशय कैंसर और गर्भाशय के कैंसर के खतरों को भी कम कर देता है।
- मधुमेह : आज मधुमेह सबसे बड़ी बीमारी बन गई है। ऐसे में मधुमेह को नियंत्रित रखना बहुत जरूरी है और रेशेदार भोजन मधुमेह को नियंत्रित करने में काफी सहायक है। रेशे की मात्रा भोजन में बढ़ाने से खून में शुगर का स्तर भी नियंत्रित रहता है। इस कारण मधुमेह की आशंका भी कम हो जाती है।
- वजन घटाने में भी मददगार : रेशायुक्त भोजन में अधिक कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जिससे शरीर को ऊर्जा अधिक मिलती है। देर तक ऊर्जा मिलने के कारण बार-बार खाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इससे शरीर का वजन भी संतुलित बना रहता है।
- रेशेयुक्त फल और सब्जियां: गाजर, टमाटर, ब्रोकोली, पालक, बंद गोभी, फलियां, चुकन्दर, नींबू, केला, सेब, नाशपाती, अंगूर, तरबूज, चैरी।