नशीले पदार्थ हमेशा से सभी के लिये खतरनाक और नुकसानदेह होते हैं, लेकिन गर्भावस्था के दौरान इनका प्रतिकूल प्रभाव और ज्यादा बढ़ जाता है क्योंकि महिलाओं द्वारा लिए जाने वाले पदार्थ न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं बल्कि होने वाले शिशुओं की सेहत पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालते है। ऑस्ट्रेलिया में हुए अध्ययन से यह पता चला है कि गर्भावस्था के 20 सप्ताह तक गांजे (marijuana) का सेवन समय पूर्व जन्म के जोखिम को पांच गुना बढ़ा देता है।
एडिलेड स्थित रॉबिन्सन रिसर्च इंस्टीट्यूट के इस अध्ययन के मुख्य लेखक क्लेयर रॉबर्ट्स के अनुसार ‘‘परिणाम बताते हैं कि अगर महिलाएं गर्भावस्था के दौरान गांजे का उपयोग नहीं करती हैं तो अन्य जोखिमों को छोड़कर छह प्रतिशत समय पूर्व जन्मों को रोका जा सकता है।’’ यह शोध ‘रिप्रोडक्टिव टॉक्सिकोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
इस शोध के लिए अध्ययनकर्ताओं ने ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, आयरलैंड और ब्रिटेन की 5,500 से अधिक गर्भवती महिलाओं का विश्लेषण किया था। इस दौरान शोधार्थियों ने अन्य कारकों जैसे सिगरेट, आयु, मोटापा, सामाजिक-आर्थिक स्थिति से जुड़े कामों का गर्भावस्था की जटिलताओं से संबंध का भी आकलन किया। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि ऑस्ट्रेलियाई प्रतिभागियों ने 12 प्रतिशत, न्यूजीलैंड की प्रतिभागियों ने पांच, आयरलैंड की चार और ब्रिटेन की 4 प्रतिशत प्रतिभागियों ने गर्भावस्था से पहले और गर्भावस्था के दौरान गांजे का सेवन किया था।
क्लेयर ने बताया, ‘‘गर्भावस्था में लगातर मारिजुआना का सेवन स्वतंत्र रूप से समय पूर्व जन्म के साथ संबंधित है। इस निष्कर्ष के आधार पर हमें लगता है कि इसे गर्भवती महिलाओं और उनके बच्चों के लिए एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय मानना चाहिए।’’
Image Source : Getty
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