गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार शाम निधन हो गया। मनोहर पर्रिकर लंबे समय से पैंक्रियाटिक कैंसर (अग्नाशय के कैंसर) से जूझ रहे थे। पर्रिकर 4 बार गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके थे और इससे पूर्व देश के रक्षामंत्री भी रहे थे। एक साल पहले फरवरी 2018 में ही पर्रिकर के पेट में दर्द की शिकायत के बाद पैंक्रियाटिक कैंसर की पुष्टि की गई थी, जिसके बाद लगभग एक साल तक वो कैंसर से अपनी जंग लड़ते रहे। आइए आपको बताते हैं कि पैंक्रियाटिक कैंसर क्या है और कितना खतरनाक होता है ये कैंसर।
क्या है पैंक्रियाटिक कैंसर
पैंक्रियाटिक कैंसर एक खतरनाक रोग है क्योंकि ये मरीज के पैंक्रियाज (अग्नाशय) को खराब कर देता है। पैंक्रियाज हमारे पाचनतंत्र का महत्वपूर्ण अंग होता है। ये वो अंग है जो हमारे द्वारा खाए हुए भोजन को ऊर्जा में बदलने का कारम करता है। यही कारण है कि पैंक्रियाज में खराबी के कारण व्यक्ति का शरीर कमजोर होता जाता है, क्योंकि उसके द्वारा खाया हुआ भोजन ऊर्जा में बदल नहीं पाता है। इसके अलावा पैंक्रियाज शरीर में कई तरह के हार्मोन्स के रिसाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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बहुत साधारण होते हैं पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
आमतौर पर पैंक्रियाटिक कैंसर होने पर पेट में दर्द की समस्या होती है। ज्यादातर लोग इसे साधारण दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं या पेट दर्द की दवा खा लेते हैं, जिससे थोड़े समय के लिए उनको इस दर्द से राहत मिल जाती है। इसके अलावा पैंक्रियाटिक कैंसर में पेट में एसिडिटी, कब्ज, दर्द, अपच आदि की समस्या होती है, जिसे भारत में लोग बहुत आम समस्या मानते हैं।
चूंकि पैंक्रियाज (अग्नाशय) शरीर के बहुत अंदर स्थित होता है, इसलिए इसमें होने वाली गांठ या सूजन को आप देखकर या छूकर पता नहीं लगा सकते हैं। यही कारण है कि ज्यादातर मरीजों में पैंक्रियाटिक कैंसर का पता तीसरे या चौथे स्टेज में चलता है। आमतौर पर पैंक्रियाटिक कैंसर के निम्न लक्षण होते हैं।
पैंक्रियाटिक कैंसर के सामान्य लक्षण
- पेट के ऊपरी भाग में दर्द रहना।
- त्वचा और आंख का रंग पीला दिखाई देना।
- पेशाब का रंग सामान्य से ज्यादा पीला दिखाई देना।
- भूख न लगना, जी मिचलाना और उल्टियां होना।
- कमजोरी महसूस होना और वजन का घटना।
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क्यों होता है पैंक्रियाटिक कैंसर
पैंक्रियाटिक कैंसर के कई कारण हो सकते हैं। मगर आमतौर पर ये कैंसर गलत खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होता है। जो लोग जंक फूड्स, फास्ट फूड्स और हाई फैट वाले आहार (पिज्जा, बर्गर, फ्राईज, पूरियां, समोसे आदि) ज्यादा खाते हैं, उन्हें इस कैंसर का खतरा हो सकता है। जो लोग कोल्ड ड्रिंक्स, सोड ड्रिंक्स का सेवन बहुत ज्यादा करते हैं, उनमें भी इसके खतरे की संभावना होती है। इसके अलावा सिगरेट और शराब का सेवन भी पैंक्रियाटिक कैंसर का खतरा काफी बढ़ा देता है। लिवर की कोई समस्या होने पर उसे नजरअंदाज करना या लंबे समय तक इलाज न करवाने से भी पैंक्रियिट कैंसर हो सकता है।
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