लाखों युवा हर साल UPSC की परीक्षा देते हैं और IAS बनने का सपना देखते हैं। लेकिन कोट्टायम की रहने वाली 24 वर्षीय लतीशा ने अपने हौसले से UPSC परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए एक नई मिसाल पेश की है। UPSC की परीक्षा में हर साल ऐसे हजारों छात्र बैठते हैं, जो गरीबी, विकलांगता, परिवारिक कलह जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी देश के सबसे बड़े इम्तिहान को पास कर अधिकारी बनने का सपना देखते हैं। मगर कोट्टायम की रहने वाली लतीशा अंसारी की कहानी अलग है। दरअसल रविवार को आयोजित UPSC परीक्षा में लतीशा व्हील चेयर पर बैठकर ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ परीक्षा देने पहुंचीं।
फेफड़ों की गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं लतीशा
जन्म के बाद ही लतीशा को प्लमोनरी हाइपरटेंशन हो गया था। ये एक प्रकार का हाई ब्लड प्रेशर है, जो फेफड़ों को और हृदय के दाहिने हिस्से को प्रभावित करता है। इस रोग में फेफड़ों में ठीक से रक्त नहीं प्रवाहित हो पाता है इसलिए फेफड़ों पर दबाव ज्यादा पड़ता है और सांस लेने में परेशानी आती है। यही कारण है कि जन्म के बाद से ही लतीशा को हर समय ऑक्सीजन सिलिंडर लगाए रखना पड़ता है। इसलिए लतीशा परीक्षा केंद्र में ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ पहुंची थीं।
इसे भी पढ़ें:- शौचालय के पानी से इडली बनाते विक्रेता का वीडियो वायरल, जानें गंदगी में बने स्ट्रीट फूड्स क्यों हैं खतरनाक?
पिता के साथ गईं थीं परीक्षा देने
लतीशा परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र तक अपने पिता के साथ गई थीं। उनके पिता ने कोट्टायम जिले के कलेक्टर पी. आर. सुधीर बाबू का दिल से धन्यवाद दिया है, जिन्होंने परीक्षा भवन में एक पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था की, जिससे लतीशा अपना इम्तिहान ठीक से दे पाईं। कलेक्टर सुधीर बाबू ने बताया कि इस ऑक्सीजन सिलिंडर की व्यवस्था लतीशा के लिए मुफ्त में जिला प्रशासन की तरफ से की गई है।
डेढ़ साल से कर रही हैं UPSC की तैयारी
लतीशा ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए बताया कि वो पिछले डेढ़ साल से UPSC की परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनकी मेहनत रंग लाएगी। लतीशा ने एम. कॉम की डिग्री के बाद इस परीक्षा की तैयारी शुरू की थी।
इसे भी पढ़ें:- ज्यादा टूथपेस्ट भी दांतों के लिए है खतरनाक, जानें कितना और कैसे करना चाहिए टूथपेस्ट का प्रयोग
हड्डियों की भी बीमारी है लतीशा को
लतीशा को जन्म से ही हड्डियों की एक गंभीर बीमारी है, जिसे 'टाइप-2 ऑस्टियोजेनेसिस इम्परफेक्टा' कहते हैं। इस बीमारी में व्यक्ति की हड्डियां भुरभुरी हो जाती हैं। ये एक तरह का जेनेटिक डिसऑर्डर है। इस बीमारी से प्रभावित रोगी की हड्डियां सामान्य से छोटी या बड़ी हो जाती हैं और बहुत ज्यादा कमजोर होती हैं। इसलिए व्यक्ति का आकार और शरीर की मजबूती दोनों प्रभावित होते हैं। हालांकि ये एक दुर्लभ बीमारी है।
Read More Articles On Miscellaneous in Hindi