घर पर आसानी से कर सकती हैं प्रेग्नेंसी टेस्ट, जानें कब करवानी चाहिए आपको प्रेग्नेंसी की जांच

गर्भवती होने का एक महिला के लिए एक अनोखा एहसास है, हर महिला की इच्‍छा मां बनने की होती है। यदि आपको भी लगता है कि आप प्रेग्‍नेंट हैं तो आसानी से घर पर ही गर्भावस्‍था की जांच प्रेग्‍नेंसी डिटेक्‍शन किट के जरिए कर सकती हैं। लेकिन प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट के लिए सही समय की जानकारी होना बहुत जरूरी है। इसके अलावा अन्‍य लक्षण भी हैं जो गर्भवती होने की पुष्टि करते हैं। आइए हम आपको बताते हैं प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट करवाने का सही समय क्‍या है, आखिर कब प्रेगनेंसी टेस्‍ट करवाना चाहिए। 
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घर पर आसानी से कर सकती हैं प्रेग्नेंसी टेस्ट, जानें कब करवानी चाहिए आपको प्रेग्नेंसी की जांच


गर्भवती होने का एक महिला के लिए एक अनोखा एहसास है, हर महिला की इच्‍छा मां बनने की होती है। यदि आपको भी लगता है कि आप प्रेग्‍नेंट हैं तो आसानी से घर पर ही गर्भावस्‍था की जांच प्रेग्‍नेंसी डिटेक्‍शन किट के जरिए कर सकती हैं। लेकिन प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट के लिए सही समय की जानकारी होना बहुत जरूरी है, यदि आपका टेस्‍ट निगेटिव भी आये तो घबराने की जरूरत नही है। पीरियड्स न आना गर्भवती होने का पहला लक्षण है। इसके अलावा अन्‍य लक्षण भी हैं जो गर्भवती होने की पुष्टि करते हैं। आइए हम आपको बताते हैं प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट करवाने का सही समय क्‍या है, आखिर कब प्रेगनेंसी टेस्‍ट करवाना चाहिए। 

घर पर गर्भावस्‍था परीक्षण का परिणाम 99 प्रतिशत सही होता है। गर्भावस्‍था जांच के लिए प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट किट अच्‍छी गुणवत्‍ता वाली होनी चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं कि प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट करने का सही समय क्‍या है।

प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट का सही समय

पीरियड्स का न आना 

यदि आपके पीरियड रेगुलर हों और समय पर मासिक धर्म न आये तो उसके अगले दिन गर्भावस्‍था का परीक्षण कीजिए। पीरियड्स का रुकना ही गर्भावस्‍था का पहला लक्षण है। मासिक धर्म बंद होने के बाद टेस्‍ट करने के बाद टेस्‍ट पॉजिटिव आने की संभावना ज्‍यादा होती है।
स्‍तनों में बदलाव

प्रेग्‍नेंट होने के बाद स्तन ज्‍यादा संवेदनशील हो जाते हैं। इसे भी गर्भावस्‍था का संकेत माना जा सकता है। गर्भवती होने के बाद स्‍तनों में दर्द होने लगता है। हालांकि यह दर्द माहवारी से पहले भी होता है, लेकिन यह स्थिति गर्भावस्था के दौरान अधिक होती है।
मूत्र में दिक्‍कत

प्रेग्‍नेंट होने के बाद ब्‍लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है जिसके कारण गुर्दे की गतिविधियों में वृद्धि हो जाती है। इस वजह से पेशाब बार-बार लगता है। रात में या लेटने के दौरान बार-बार मूत्र त्यागने की इच्छा होती है। गर्भवती महिलाओं का गर्भाशय, मूत्राशय पर दबाव डालता है, जिससे यूरीन की आवृत्ति बढ़ जाती है।

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सुबह कमजोरी का एहसास

प्रेग्‍नेंट होने क बाद मार्निंग सिकनेस हो जाती है। अगर आपको सुबह-सुबह कमजोरी का एहसास हो रहा है और साथ ही जी भी मिचला रहा है इसका मतलब आप प्रेग्‍नेंट हैं। ऐसे लक्षण अगर आपको दिखें तो प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट कीजिए।
डार्क एरोलस

गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन और प्रीजेस्टेरोन का स्तर बढ़ जाता है जिससे पिगमन्टेंशन हो जाते है। यह परिवर्तन गर्भावस्था के दौरान रक्त परिसंचरण वृद्धि के कारण होता है, इससे स्तनों के एरोलस भी डार्क हो जाते है। ऐसी स्थिति होने पर आप प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट कर सकते हैं।

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सिर में दर्द होना

गर्भावस्था के दौरान सिरदर्द बहुत आम है और यह गर्भाधारण करने के साथ ही शुरू हो जाता है। हार्मोंस के निरंतर बदलाव के कारण तनाव होने लगता है जिससे कुछ महिलाओं को सिर दर्द की शिकायत होने लगती है। अगर आपके सिर में दर्द हो तो प्रेग्‍नेंसी डिटेक्‍शन किट से घर पर जांच करें।

गर्भावस्‍था का परीक्षण सुबह-सुबह कीजिए, इससे प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट पॉ‍जिटिव होने की संभावना ज्‍यादा होती है। प्रेग्‍नेंसी डिटेक्‍शन किट एक स्ट्रिप होती है जिसमें यूरीन का सैंपल डाला जाता है। यदि घर पर प्रेग्‍नेंसी टेस्‍ट सही निकला है तो एक बार चिकित्‍सक से सलाह अवश्‍य लीजिए।

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