
खाना खाने के बाद भी अगर स्नैक्स देखकर कोई भी व्यक्ति उसकी ओर लपकता है तो इसके लिए जीन दोषी हो सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो शरीर में मौजूद 'एफटीओ' जीन पेट भरा होने का अहसास नहीं होने देता । इसलिए इनसान जरूरत से ज्यादा खा लेता है जिसका खामियाजा मोटापे के रुप में उठाना पड़ता है।
यूं तो वैज्ञानिकों ने इस जीन की खोज कई साल पहले कर ली थी। लेकिन यह पता नहीं चल सका था कि जीन वजन बढ़ाने में कैसे भूमिका निभाता है।
नए अध्ययन में सामने आया है कि यह जीन बार-बार भूख लगने की समस्या को बढ़ाता है। शरीर में मौजूद 'घ्रेलिन' हारमोन भूख लगने के लिए जिम्मेदार होता है। खाना खाने पर हारमोन की सक्रियता कम हो जाती है जिससे पेट भरा होने का एहसास होता है। लेकिन एफटीओ जीन युक्त लोगों में खाना खाने के बाद भी घ्रेलिन की सक्रियता कम नहीं होती। वे दिन भर 200 से अधिक कैलोरी का सेनम कर लेते हैं।
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि इस खोज के बाद मोटापा से लड़ने के लिए नए तरीके विकसित किए जा सकेंगे। एफटीओ जीने से लोगों के मोटापे की गिरफ्त में आने की आशंका 30 प्रतिशत बढ़ जाती है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने कुछ युवा पुरुषों का चुनाव किया। इनमें से कुछ में एफटीओ जीन मौजूद था जबकि कुछ में नहीं।
शोधकर्ताओं ने सभी को एक समान मात्रा में खाना दिया और खाना खाने से पहले व बाद में उनके खून में मौजूद घ्रेलिन हारमोन की जांच की। जिन पुरुषों में एफटीओ जीन मौजूद था, खाना खाने के बाद भी उनके शरीर में घ्रेलिन हारमोन की सक्रियता पहले जितनी बरकरर रही।
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