कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज कराना बहुत जरूरी होता है। अगर इसका सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो ये किसी के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है। कैंसर का सही इलाज तभी संभव है जब इसकी सही जांच हो सके। कैंसर की बीमारी का आसानी से पता नहीं चल पाता। लेकिन अगर कोई भी कैंसर से बचने के लिए इसके सभी लक्षणों को ध्यान में रखता है तो वो जल्दी इस बीमारी की पहचान कर सकता है।
आजकल तेजी से फैल रहा ब्रेस्ट कैंसर यानी स्तन कैंसर का इलाज भी संभव है लेकिन जरूरी है कि आपको इसके लक्षणों की सही जानकारी हो और महिलाओं को 50 की उम्र के बाद समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए। जिससे की बीमारी की पहचान आसानी से की जाए। अक्सर लोग डरते हैं कि ब्रेस्ट कैंसर अगर चौथे चरण में हो तो इसका इलाज कैसे होगा।
ब्रेस्ट कैंसर के चौथे चरण में बीमारी पूरी शरीर में फैलने लगती है और शरीर के अंगों को खराब करने का काम करती है। ब्रेस्ट कैंसर अपने चौथे चरण में आने के बाद आपके दिमाग, फेफड़े और हड्डियों को नष्ट करने का काम करने लगता है। इसके साथ ही ब्रेस्ट कैंसर का चौथा स्टेज काफी खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है। इसमें पीड़ित की जान जाने का खतरा काफी ज्यादा हो जाता है।
इलाज
कीमोथैरेपी (Chemotherapy)
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए सबसे ज्यादा असरदार और अहम होती है कीमोथैरेपी। ये थैरेपी कैंसर को बढ़ने से रोकने में हमारी मदद करता है। आप कीमो को अलग-अलग तरह से ले सकते हैं। आप इसके लिए दवाईयों का भी सहारा ले सकते हैं लेकिन दवाएं डॉक्टर की सलाह अनुसार ही लें। कीमो हमेशा इलाज के तरीकों पर निर्भर करता है, इसको एक बार में नहीं बल्कि कई साइकिल के रूप में दिया जाता है।
इसे भी पढ़ें: कैंसर की चिकित्सा के लिए होम्योपैथी
हॉर्मोन थैरेपी (Hormone therapy)
हॉर्मोन थैरेपी महिलाओं के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। ये थैरेपी हॉर्मोन रिसेप्टर-पॉजिटिव कैंसर के लिए होती है। यानी कि ये सभी कैंसर के हॉर्मोन्स को बढ़ने से रोकती है। इसमें महिलाओं में दवाएं ट्यूमर को हार्मोन प्राप्त करने से रोकती है।
टारगेटेड थैरेपी (Targeted therapy)
टारगेटेड थैरेपी एक नए तरह का कैंसर का इलाज है। करीब 20 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित महिलाओं में एक प्रकार का काफी ज्यादा प्रोटीन होता है जिसे एचईआर2(HER2) कहा जाता है, और ये एक ऐसा प्रोटीन माना जाता है जो कैंसर को शरीर में बहुत ही तेजी से फैलाने का काम करता है। ये थैरेपी उन प्रोटीन को रोकने का काम करती है जो कैंसर सेल्स को शरीर में फैलाने का काम करती है और उन्हें बढ़ाने का काम करती है। टारगेटेड थेरेपी में हमेशा कोशिश की जाती है कि कैंसर के मरीज के सिर्फ उसी अंग को प्रभावित किया जाता है जिसमें कैंसर होता है। आपको बता दें कि कैंसर की बीमारी के लिए ऐसी दवाओं का विकास किया जा चुका है, जो कैंसर प्रभावित कोशिकाओं पर असर करती है।
इसे भी पढ़ें: ब्रेस्ट कैंसर में काफी फायदेमंद हैं ये 5 योगासन, नहीं बनने देते इसे जेनेटिक रोग
इम्यूनोथैरेपी (Immunotherapy)
टारगेटेड थैरेपी की तरह ही इम्यूनोथैरेपी कैंसर के इलाज के लिए काफी ज्यादा असरदार है। ये थैरेपी हमारे शरीर की कोशिकाएं यानी इम्यून सेल्स कैंसर की मेलिग्नेन्ट कोशिकाओं का सामना करने में हमारी मदद करती हैं। जिसकी वजह से पीड़ित में बीमारी से लड़ने के लिए मजबूती आती है।
Read more articles on Cancer in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version