
अच्छी डाइट हर किसी के लिए जरूरी होती है। अगर बच्चों की बात करें तो अच्छी डाइट और अच्छा लाइफस्टाइल उनके बेहतर विकास के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है। खानपान के माध्यम से जब बच्चे के शरीर में कोई बाहरी पदार्थ (एलर्जन) आता है तो उसका इम्यून सिस्टम शरीर की अन्य बीमारियों से जूझने के बजाय उस बाहरी पदार्थ के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होकर गंभीर प्रतिक्रिया व्यक्त करने लगता है। इसी से उसमें एलर्जी के लक्षण दिखने लगते हैं। अगर कुछ खास चीजें खाने के बाद बच्चे को पेट या सिर में दर्द, जी मिचलाने, खांसी, त्वचा पर चकत्ते, खुजली या दाने निकलने जैसी समस्याएं होती हैं तो ये फूड एलर्जी के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आज हम आपको बच्चों को होने वाली 2 मुख्य प्रकार की फूड एलर्जी के बारे में बता रहे हैं। आइए जानते हैं क्या है ये।
साइक्लिकल फूड एलर्जी
ज्यादातर बच्चों को यही एलर्जी होती है, लेकिन इसकी पहचान और उपचार बहुत मुश्किल है। इस तरह की एलर्जी के लक्षण कभी-कभी तीन दिनों के बाद भी दिखाई देते हैं। इसकी प्रतिक्रिया इम्यून सिस्टम पर निर्भर करती है। आम तौर पर इसके लक्षण अलग-अलग तरह से प्रकट होते हैं। मिसाल के तौर पर अगर किसी बच्चे को दूध से एलर्जी है तो ऐसा भी हो सकता है कि उसे पनीर, दही या आइसक्रीम से भी एलर्जी हो। कुछ बच्चों को गेहूं, अंडा, मछली, अजीनोमोटो, लीची और अंगूर से भी एलर्जी होती है।
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फिक्स्ड फूड एलर्जी
इसके लक्षण स्पष्ट होते हैं। जिस चीज से बच्चे को एलर्जी होती है, उसे खाते ही होठों में सूजन और गले में खुजली होने लगती है। जैसे कुछ बच्चों में मूंगफली खाने से ऐसी समस्या होती है। ऐसी एलर्जी की पहचान और उपचार आसान है।
ये है बचाव के तरीके
- बच्चे की एक फूड डायरी बनाएं। जिसमें रोज सुबह से रात तक उसे खाने को कब क्या दिया गया और वह खाना किन-किन चीजों से मिलकर बना था, पूरा विवरण दर्ज करें। इससे उपचार में मदद मिलेगी।
- अगर बच्चे में एलर्जी के लक्षण दिखें तो सबसे पहले यह याद करने की कोशिश करें कि क्या कोई ऐसी चीज है, जिसे खाने से उसकी तबीयत बिगड जाती है, फिर भी वह बार-बार वही चीज खाना चाहता है क्योंकि यह भी एलर्जी का प्रमुख लक्षण है।

- रोज यह देखें कि कौन सी चीजें खाने के बाद बच्चे में एलर्जी के लक्षण दिखते हैं। उस खास चीज के आगे का निशान लगा दें और बच्चे को वह चीज देना बंद कर दें। फिर कम से कम चार दिनों तक उस खास चीज से बच्चे को बिलकुल दूर रखें।
- एलर्जी के संबंध में उपचार से बेहतर बचाव की बात पूरी तरह सही साबित होती है। जिन चीजों से बच्चे को एलर्जी होती हो आप उसे उन चीजों से दूर रखने की कोशिश करें।
- बच्चे में एलर्जी का कोई लक्षण दिखाई दे तो पहले उसका टेस्ट कराएं और किसी कुशल डॉक्टर से उसका उपचार कराएं। अगर थोडी सी सावधानी बरती जाए तो इस समस्या से आसानी से निबटा जा सकता है।
- पांचवें दिन बच्चे को सिर्फ वही चीज फिर से खाने को दें, जिसे बंद किया था। उस खाने की प्रतिक्रिया का बारीकी से निरीक्षण करें। अगर वही चीज दोबारा शुरू करने से बच्चे में एलर्जी के लक्षण दिखें तो समझें कि उसे साइक्लिकल एलर्जी है और उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
- बच्चों को एलर्जी से बचाने के लिए खाने-पीने की चीजों के पैकेट पर लिखा विवरण ध्यान से पढ लें। ताकि आपको पहले से ही यह मालूम हो कि आप बच्चे को जो खिलाने जा रही हैं, उसमें कोई ऐसा तत्व तो नहीं है, जिससे उसे एलर्जी हो।
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