फलों और सब्ज़ियों से होने वाली एलर्जी बहुत ही सामान्य होती है और इसे ओरल एलर्जी सिन्ड्रोम कहते हैं। लेकिन सब्ज़ियों को पकाने से बहुत से एलर्जेन मर जाते हैं। खाने से होने वाली एलर्जी बहुत ही आम चिकित्सकीय समस्या मानी जाती है क्योंकि इसके लक्षण बहुत जल्दी सामने आ जाते हैं। शोधों से यह सिद्ध हुआ है, कि वो लोग जिन्हें आहार सम्बन्धी एलर्जी है उन्हें एक या दो तरह के आहार से ही एलर्जी होती है ना कि बहुत तरह के आहार से।
आहारों से एलर्जी
जब भी आपको आहार से एलर्जी हो, तो आप एलर्जी के कारणों को जानें और ध्यान रखें एक एलर्जिक व्यक्ति हर जगह एलर्जिक क्रिया करेगा। बहुत से लोगों को यह शिकायत रहती है किसी खास तरह का आहार लेने से उन्हें किसी तरह की परेशानी हो रही है। उनके लिए यह बहुत ही सामान्य होता है और वो यह जानकर भी आहार लेना नहीं छोड़ते लेकिन कभी कभी स्थिति घातक तक हो जाती है और ऐसा सिर्फ आहार की एलर्जी के कारण होता है। आहार से होने वाली एलर्जी है शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की असामान्य प्रतिक्रिया। शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली एक अलग तरीके की प्रतिक्रिया करती है जिससे शरीर से आई जी ई एण्टीबाडी या इम्यूनोग्लोबुलिन प्रोटीन निकलता है जो कि किसी खास तरह के आहार के कारण होता है। आहार की एलर्जिक क्रिया जानलेवा तक सिद्ध हो सकती है।
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आहार असहिष्णुता
विशेषज्ञ ऐसी सलाह देते हैं कि इस तरह की एलर्जी को आहार असहिष्णुता से अलग रखना चाहिए क्योंकि आहार असहिष्णुता भी आहार से होने वाली एलर्जी जैसे ही लक्षण दर्शाती है जैसे पेट में होने वाला असहनीय दर्द आदि। आहार असहिष्णुता से प्रभावित लोग किसी खास तरह के आहार ले सकते हैं लेकिन वो लोग जिन्हें किसी खास तरह के आहार से एलर्जी है वो इस तरह के आहार नहीं ले सकते हैं। विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि आहार असहिष्णुता आहार से होने वाली एलर्जी से कहीं ज़्यादा आम है। अगर किसी को आहार से एलर्जी हो रही है तो उसके लिए विशेषज्ञ से सम्पर्क करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि विशेषज्ञ ही आपको बता सकता है कि आपको किस आहार से एलर्जी है। बच्चों को सामान्यत: अण्डे, दूध, सोया, मूंगफली या गेहूं से एलर्जी हो सकती है। व्यस्कों को मूंगफली, नट, मछली, गेहूं और खट्टे फलों से एलर्जी हो सकती है। ऐसे में बच्चों को इस प्रकार के आहार थोड़ा सावधानी से दें।
मेडिकल प्रेक्टिशनर्स के अनुसार आहार से होने वाली एलर्जी वो स्थिति है जिनसे लगभग 100 में से 3 लोगों को प्रभावित किया है। लेकिन बहुत सी एलर्जी और असहिष्णुता को पहचान कर उस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
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