Fomentation: गीली सिकाई और सूखी सिकाई में क्या है अंतर? जानें इसके लाभ और सिकाई करने का तरीका

गर्म सिकाई दो प्रकार से की जाती है- गीली और सूखी। ऐसे में दोनों के फायदे जानना और इसे करने का तरीका समझना जरूरी है।
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Fomentation: गीली सिकाई और सूखी सिकाई में क्या है अंतर? जानें इसके लाभ और सिकाई करने का तरीका

जब भी हम नस चढ़ने की समस्या या मांसपेशियों में ऐंठन, खिंचाव, दर्द आदि महसूस करते हैं तो उसे दूर करने के लिए सिकाई (Fomentation) का इस्तेमाल करते हैं। यह एक ऐसी थेरेपी है, जिसमें हमें किसी डॉक्टर की जरूरत नहीं है। हम घर पर बड़ी आसानी से सिकाई कर सकते हैं। जब शरीर के ऊतकों को गर्माहट मिलती है तो न केवल रक्त का परिसंचरण सही होता है बल्कि समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है। अब सवाल ये है कि सिकाई का मतलब क्या है? गीली और सूखी  सिकाई क्या है? इन दोनों सवालों के जवाब आपको आगे इस लेख में दिए जा रहे हैं। साथ ही हम जानेंगे कि सिकाई के फायदे (Fomentation Benefits) क्या हैं? पढ़ते हैं आगे...

जानें सिकाई के बार में (What is Fomentation)

आमतौर पर सिकाई शरीर को गर्माहट देती है। कुछ लोग सूखी सिकाई का इस्तेमाल करते हैं तो कुछ तरल पदार्थ को गर्म करके उससे शरीर को सेख देते हैं। भारत में दोनों सिकाई प्रसिद्ध हैं। ऐसा करने से जिस क्षेत्र पर हम गर्माहट दे रहे हैं वहां की रक्त वाहिकाएं फैल जाती है, जिसके कारण खून आसानी से पूरे शरीर में पहुंच जाता है और मांसपेशियों को आराम मिलता है। वहीं ऊतको को हुए नुकसान से भी राहत मिल जाती है। कुछ लोग दर्द और सूजन में राहत पाने के लिए ठंडी सिकाई का भी इस्तेमाल करते हैं।

गीली और सूखी सिकाई क्या है?

बता दें कि आमतौर पर सिकाई तीन प्रकार से की जाती है  सूखी, गीली और ठंडी सिकाई। जानते हैं इनके बारे में... 

1 - गीली सिकाई - जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है गीली सिकाई में तरल पदार्थ की मदद से शरीर को सेक दी जाती है। इस इकाई को सबसे ज्यादा असरदार माना जाता है। कम समय में जल्दी आराम पाना चाहते हैं तो गीली सिकाई एक अच्छा विकल्प है।

2 - सूखी सिकाई - सूखी सिकाई यानि बिना जल, जेल, पानी आदि से हुई सिकाई। इस सिकाई को बोतल के माध्यम से पानी भर कर या कपड़े को गर्म करके दी जा सकती है।

वहीं कुछ समस्याओं के लिए आइस पैक के माध्यम से ठंडी सिकाई भी दी जाती है। आप घर पर बर्फ के कुछ टुकड़ों को रखकर भी सिखाई कर सकते हैं।

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सिकाई के लाभ (Fomentation Benefits)

सिकाई करने से शरीर को निम्न तरीके के लाभ मिलते हैं- 

1 - नस चढ़ने की समस्या में आराम मिलता है।

2 - मांसपेशियों का दर्द दूर हो जाता है।

3 - सिकाई जिस जगह की हुई है वहां पर रक्त का परिसंचरण अच्छा होता है।

4 - सिकाई के माध्यम से सूजन को दूर किया जा सकता है।

5 - सिकाई से घाव जल्दी भरता है।

6 - मांसपेशियों के हिसाब में राहत पहुंचाता है।

7 - जोड़ों के दर्द में सिकाई एक अच्छा विकल्प है।

8 - आंखों की समस्या हो या त्वचा की परेशानी, सिकाई के माध्यम से इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

9 - जोड़ों के दर्द को दूर करने में सिकाई अच्छा विकल्प है। 

10 - गर्म सिकाई से पेट का दर्द दूर हो जाता है।

कुछ जरूरी बातें-

चोट लगने की तकरीबन दो दिनों तक सिकाई ना करें। वरना दर्द की समस्या बढ़ सकती है। त्वचा पर केवल इतनी देर तक गर्म कपड़े को रखें जब तक त्वचा सहन कर पा रही है। वरना इससे जलन और महसूस हो सकती है। लगातार सिकाई करने की बजाय 2 या 3 घंटे में सिकाई करना सही है। अगर शरीर में केवल थोड़ी सी अकड़न या खिंचाव है तो 15 से 20 मिनट की सिकाई काफी है। वही आप गर्म पानी से स्नान करके भी शरीर की समस्या को दूर कर सकते हैं।

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नोट- ऊपर बताए गए फायदों से पता चलता है कि सिकाई एक सुरक्षित घरेलू उपाय है। लेकिन अगर समस्या ज्यादा बढ़ती नजर आए तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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