
Lupus Symptoms in Hindi: संक्रमण, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिए शरीर के इम्यून सिस्टम का स्ट्रांग होना बहुत जरूरी है। कोरोना महामारी के बाद इम्यून सिस्टम का महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं बीमारियों से लड़ने के लिए हम जिस इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाने की बात कर रहे हैं, उसी की वजह से आपको कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। जी हां जब आपका इम्यून सिस्टम जरूरत से ज्यादा एक्टिव हो जाता है, तो यह आंतरिक अंगों को प्रभावित करने लगता है। इस तरह की बीमारियों को ऑटोइम्यून बीमारी कहा जाता है। ल्यूपस भी एक तरह की ऑटोइम्यून बीमारी है। यह बीमारी शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करती है। गौर करने वाली बात यह है कि इस बीमारी के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी ही नहीं होती है। यही कारण है हर साल 10 मई को विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ल्ड ल्यूपस डे (World Lupus Day) मनाया जाता है। इस खास मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं, इस स्वास्थ्य समस्या के बारे में पूछे जाने वाले कुछ आम सवाल और उसके जवाब (FAQs about lupus)। इस विषय पर ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने फरीदाबाद स्थित मेट्रो अस्पताल की रुमेटोलॉजी विभाग की सलाहकार डॉ. शालू वर्मा से बातचीत की।
सवाल 1 - ल्यूपस का मुख्य कारण क्या है?
जवाब - डॉ. शालू वर्मा का कहना है ल्यूपस एक ऑटो इम्यून रोग है, जिसका मुख्य कारण है शरीर के रक्षा प्रणाली के तत्वों में बदलाव होना है। इस रोग में हमारे शरीर के मुख्य तत्व हमारे ही शरीर के विभिन्न अंगो पर हमला करते है और इसी कारण जोड़ो में दर्द और सूजन हो सकती है। कुछ मामलों में किडनी से प्रोटीन लीक होना, त्वचा पर चकत्ते होना जैसी समस्या भी देखने को मिलती है।
सवाल 2 - किन कारणों से बढ़ सकता है ल्यूपस रोग?
जवाब - डॉक्टर का कहना है कि ल्यूपस रोग वायरल बुखार से बढ़ सकता है। इस गंभीर बीमरी होने के कारणों में धूम्रपान, अधिक दवाओं का सेवन और मोटापा भी शामिल है।
सवाल 3 - ल्यूपस के 4 प्रकार क्या हैं?
- सिस्टेमिक ल्यूपस एरिथेमेटोसस (Systemic Lupus Erythematosus, SLE): यह सबसे आम रूप से देखा जाने वाला ल्यूपस है और इसके लक्षण शरीर के विभिन्न हिस्सों में हो सकते हैं। जैसे कि मांसपेशियों, नसों, ग्रंथियों और अंगों में दर्द, सूजन और त्वचा में चकत्ते आदि।
- डिस्कॉइड ल्यूपस (Discoid Lupus): इस प्रकार का ल्यूपस त्वचा पर दाने जैसे लक्षणों के रूप में दिखता है और आमतौर पर यह शीर्ष भाग में होता है। इस प्रकार के ल्यूपस के लक्षण वैश्विक ल्यूपस के लक्षणों से कम गंभीर होते हैं।
- फिक्स ल्यूपस एंटिकोगेन/एंटीबॉडी सिंड्रोम (Drug-induced Lupus Antigen/Antibody Syndrome, DIL): यह ल्यूपस दवाओं के सेवन के कारण होता है और इसके लक्षण आमतौर पर शीर्ष भाग में होते हैं। इस प्रकार के ल्यूपस के लक्षण वैश्विक ल्यूपस से कम गंभीर होते हैं।
- न्यूमोनिक ल्यूपस (Neonatal Lupus) : एक बहुत ही गंभीर रूप है जो जन्म के समय नवजात शिशु में होता है। यह ल्यूपस उन मांओं के बच्चों में होता है जो ल्यूपस से पीड़ित होती हैं। यह बच्चों में जन्म के बाद कुछ समय तक असामान्य त्वचा रंग, थकान या गुदा विस्फोट की समस्या उत्पन्न करता है। इस प्रकार के ल्यूपस के लक्षण वास्तव में मां के शरीर में मौजूद एंटिबॉडीज के कारण होते हैं, जो शिशु के शरीर में अंतिम महीने तक रहते हैं और फिर वे समाप्त हो जाते हैं।
सवाल 4- ल्यूपस का पता लगाने के लिए कौन सा ब्लड टेस्ट किया जाता है?
जवाब - डॉ. शालू वर्मा के मुताबिक किसी भी व्यक्ति में ल्यूपस जैसी बीमारी का पता लगाने के लिए कई तरह के टेस्ट किए जाते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
ANA (Antinuclear Antibody) टेस्ट: ANA टेस्ट ल्यूपस के लिए खास होता है। इस टेस्ट में एंटीबॉडी का एक प्रकार का टेस्ट किया जाता है, जो शरीर के विभिन्न अंगों में पाए जाने वाले कुछ विशेष प्रोटीन (nuclear antigens) के खिलाफ बनता है। इस टेस्ट में यदि उच्च मात्रा में ANA मिलता है, तो यह ल्यूपस की उपस्थिति की संभावना को बताता है। लेकिन यह टेस्ट 10 % लोगों में वैसे भी पॉजिटिव हो सकता है। इसलिये अपने रूमेटोलॉजिस्ट को जरूर दिखाए।
Anti-dsDNA टेस्ट: इस टेस्ट में शरीर के विभिन्न अंगों में पाए जाने वाले एक विशेष प्रोटीन जिसे dsDNA कहा जाता है, के खिलाफ बने एंटीबॉडी की मात्रा को मापा जाता है। यह मुख्य टेस्ट है और अगर इसकी मात्रा ज्यादा है तो ल्यूपस होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
Anti-Sm टेस्ट: यह टेस्ट उन मरीजों के लिए किया जाता है, जिन्हें ANA टेस्ट में नकारात्मक परिणाम मिलता है, लेकिन उनमें ल्यूपस के लक्षण पाए जाते हैं। अगर यह टेस्ट पॉजिटिव होता है तो ल्यूपस होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
With Inputs : Dr. Shallu Verma, Consultant – Rheumatology, Metro Hospital, Faridabad