स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की मदद से पेट सहित पूरे शरीर के फैट को कम कर मसल्स को मजबूत बनाया जा सकता है, साथ ही दिल मजबूत होता है। आम धारण के विपरीत एक नए शोध से पता चला है कि प्रमुख एथलीटों द्वारा लंबे समय तक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से उनके दिल को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है।
हालांकि मीडिया रिपोर्टों में कई जाने माने एथलीटों द्वारा एकाएक दिल के दौरे से हुई मौत को उनके स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से जोड़ा जाता है। बेल्जियम के वैज्ञानिकों ने एक शोध प्रकाशित किया था कि जाने माने एथलीटों द्वारा लगातार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से उनके दिल को नुकसान पहुंचता है। इस शोध के अनुसार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को लगातार करने से एकाएक दिल के दौरे का खतरा भी बढ़ जाता है।
यह शोध कुछ साल पहले यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित किया गया था, जिसके बाद मेडिकल जगत और खेल जगत में इसे लेकर बहस छिड़ गई थी। जर्मनी के सारलैंड यूनिवर्सिटी के स्पोर्टस मेडिसिन फिजिशियन ने उस अध्ययन के निष्कर्षो की जांच जाने-माने एथलीटों के स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की जांच द्वारा की।
सर्कुलेशन नाम के जर्नल में प्रकाशित इस नवीनतम शोध में बेल्जियम के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध का खंडन किया गया है। इस शोध दल ने जाने माने एथलीटों में ताकत बढ़ाने वाले दीर्घकालिक प्रशिक्षण के कारण उनके दाहिने वेंट्रिकल में किसी प्रकार का नुकसान नहीं पाया।
शोधकर्ताओं ने कुल 33 जानेमाने एथलीटों की जांच की और उनकी तुलना 33 व्यक्तियों के अन्य समूह से की जो उन्हीं की उम्र, आकार और वजन के थे। लेकिन उन्होंने कभी स्ट्रेंथ ट्रेनिंग प्रशिक्षण नहीं लिया था। एथलीटों के समूह में पूर्व ओलंपियन के साथ मशहूर आइरनमैन प्रतियोगिता के प्रतिभागी और विजेता भी थे, जिन्होंने लगभग 30 साल लंबा प्रशिक्षण लिया था और अभी भी सप्ताह में औसतन 17 घंटों का प्रशिक्षण ले रहे थे।
वैज्ञानिकों ने पाया कि इन एथलीटों का दिल सामान्य लोगों के समूहों के मुकाबले कहीं अधिक बड़ा और मजबूत था, जैसा कि वर्षो के कठिन प्रशिक्षण के बाद उनके होने की उम्मीद थी। शोधकर्ताओं में से एक और स्विट्जरलैंड के जूरिच के यूनिवर्सिटी अस्पताल में काम करनेवाले फिलिप बोहम ने बताया, "हमें प्रशिक्षण के कारण नुकसान का कोई सबूत नहीं मिला ना ही किसी धमनी के बड़े होने का कोई सबूत मिला. इसलिए लंबे समय तक स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से दिल को कोई नुकसान नहीं होता।"
Image Source : Getty
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