ब्रेस्ट की हर गांठ कैंसर नहीं होती, जानें क्या हैं इनकी असली वजह और कारण

उम्र 30 के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन आने लगते हैं। शारीरिक बदलाव के साथ ही कई तरह के हॉर्मोन्स में भी बदलाव होता है।
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ब्रेस्ट की हर गांठ कैंसर नहीं होती, जानें क्या हैं इनकी असली वजह और कारण

उम्र 30 के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन आने लगते हैं। शारीरिक बदलाव के साथ ही कई तरह के हॉर्मोन्स में भी बदलाव होता है। बढ़ती उम्र के साथ कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट में छोटी छोटी गांठ बनने लगती हैं। ज्यादातर महिलाएं इसे ब्रेस्ट कैंसर का संकेत समझ लेती हैं। जबकि ऐसा नहीं है। क्योंकि हर गांठ ब्रेस्ट कैंसर की ओर इशारा नहीं होता है। हालांकि डॉक्टर्स कहते हैं कि जिन लोगों में ऐसी गांठ हों उन्हें चाय, चॉकलेट, कॉफी और शराब का सेवन कम करना चाहिए। डॉक्टर्स कहते हैं कि कुछ लोग ब्रेस्ट की गांठ को पूरी तरह ब्रेस्ट कैंसर समझ लेती हैं और उन्हें लगता है कि अब वह बीमारी की चपेट में आ चुकी हैं और जांच करवाने का कोई फायदा नहीं है। जबकि यह उनकी सबसे बड़ी भूल होती है। डॉक्टर्स कहते हैं कि यदि आपको ब्रेस्ट में किसी भी तरह की दिक्कत महसूस होती है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्रेस्ट की गांठ क्या है

आमतौर पर लड़िकयों के ब्रेस्ट में बदलाव मासिक धर्म शुरू होने के साथ ही शुरू हो जाता है जो जीवन पर्यंत चलता रहता है। कई बार ब्रेस्ट में दर्द की समस्या भी होती है। ब्रेस्ट में होने वाले ज्यादातर बदलाव पीरियड्स के दौरान, प्रेगनेंसी के दौरान या पीरियड्स बंद होने के दौरान होते हैं। कई बार कुछ कारणों से ब्रेस्ट में गांठ हो जाती है। चूंकि ब्रेस्ट का प्रमुख लक्षण भी ब्रेस्ट में गांठ है इसलिए ज्यादातर लड़कियां हर तरह की गांठ को ब्रेस्ट कैंसर मान लेती हैं और घबरा जाती हैं। जबकि कई बार ये गांठ सामान्य हो सकती है और दवाओं द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है। लड़कियों में हार्मोन्स में बदलाव के कारण कई बार डक्ट्स बढ़ जाते हैं और ब्रेस्ट टिशूज में फैट बढ़ने के कारण ये गांठ में बदल जाते हैं।

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ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

ब्रेस्‍ट कैंसर, ब्रेस्ट के ऊतकों पर होता है। ब्रेस्ट में किसी गांठ का होना ब्रेस्ट कैंसर का शुरूआती संकेत होता है। यह रोग किसी भी आयु की महिला को हो सकता है। इस रोग में ब्रेस्ट के अंदर गांठ जैसी बन जाती है, जो कि थोड़े समय बाद साफ दिखाई देने लगती है। इसे आप अपने शरीर को देखने और छूने पर महसूस कर सकती हैं। डॉक्‍टरी परामर्श और जांच के बाद यह पता लगाया जा सकता है कि वह गांठ कितनी पुरानी और कितनी बड़ी है। जांच के बाद यदि ब्रेस्‍ट कैंसर की पुष्टि हो जाती है तो इसका तुरंत इलाज कराना चाहिए। अधिकतर मामलों में देखा गया है कि यह गांठ दर्द रहित होती है।

प्रत्येक महिला को यह मालूम होना चाहिये कि ब्रेस्ट की गांठ की जांच कैसे की जाती है। आप अपने शरीर को सबसे बेहतर तरीके से जानती हैं तो अगर कुछ गड़बड़ लगे तो तुरंत डॉक्‍टर से परामर्श लें।

  • ब्रेस्ट की गांठ दर्द रहित हो सकती है। इसका आकार समय के साथ बढ़ता जाता है।
  • ब्रेस्ट का असमान्य तरीके से बड़ा होना।
  • बगल में सूजन आना भी ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण होता है।
  • ब्रेस्ट का आकार बिगड़ने पर भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।
  • ब्रेस्ट से खून आने या लाल पड़ने पर भी ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है।

ब्रेस्ट कैंसर के कारण

आजकल न सिर्फ औरतें बल्कि मर्द भी स्तन कैंसर का शिकार हो सकते हैं, लेकिन ऐसे उदहारण या केसस कुछ ज्यादा नज़र नहीं आते। यह कैंसर ज़्यादातर औरतों में ही पाया जाता है और इसी वजह से आपकी लैंगिकता इस मर्ज़ का मुख्य कारण होती है। और फिर उम्र भी एक वजह होती है इस बीमारी की; बढती उम्र के साथ साथ इस कैंसर के होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अलावा अगर आपके मासिक धर्म यानी कि पिरिअड्स समय से पहले ही शुरू हो गए थे, या या देरी से बंद हुए थे तो भी आपमें इस रोग के होने का खतरा कुछ हद तक बढ़ जाता है। और यह भी देखा गया है कि आपकी जींस  भी इस कैंसर के होने की अहम् वजह बन सकते हैं। जो लोग म्यूटेशन ऑफ बीआरसीऐ 1 और बीआरसीऐ 2 जींस के बदलाव के रोग से ग्रसित होते हैं उनमे इस कैंसर के होने का ख़तरा 80 प्रतिशत बढ़ जाता है।  

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