जानें शरीर को कितना प्रभावित करता है चिकनगुनिया वायरस

चिकनगुनिया वायरस की जटिलताएं कहीं न कहीं डेंगू वायरस से भी मिलती-जुलती हैं। आइए जानें चिकनगुनिया वायरस शरीर पर अपना क्या प्रभाव छोड़ जाता है।

सम्‍पादकीय विभाग
Written by: सम्‍पादकीय विभागUpdated at: Aug 26, 2020 15:45 IST
जानें शरीर को कितना प्रभावित करता है चिकनगुनिया वायरस

3rd Edition of HealthCare Heroes Awards 2023

जैसे हर व्यक्ति का अपना एक व्यक्तित्व होता है। वैसे ही हर बीमारी के लक्षण, प्रभाव, जटिलताएं, कठिनाइयां आदि होती हैं। हर बीमारी के लक्षण दूसरे से अलग होते हैं। कई बार बीमारी ठीक होने के बाद भी उसका प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है। चिकनगुनिया बुखार भी ऐसी ही एक गंभीर बीमारी है। चिकनगुनिया का वायरस तो इलाज के बाद कुछ दिनों में खत्‍म हो जाता है, लेकिन इस बीमारी का असर लंबे समय तक शरीर पर रहता है। इस बीमारी के लक्षण और प्रभाव डेंगू से काफी मिलते हैं। आइए जानें कि यह वायरस शरीर पर क्‍या प्रभाव छोड़ जाता है।

Chikungunya in Hindi

जोड़ों में दर्द

चिकनगुनिया का मुख्‍य लक्षण जोड़ों में दर्द होता है। यह बुखार सामान्‍यत: दो दिनों से दो सप्‍ताह तक रहता है, लेकिन कई बार रोगी को इस बीमारी के प्रभाव से उबरने में महीनों का वक्‍त लग जाता है। मरीज छह महीने से लेकर साल दो साल तक भी इस बीमारी के प्रभावों का शिकार रहता है। यह वायरस शरीर को इतना कमजोर कर देता है कि इसके असर को दूर होने में ही इतना समय लग जाता है। जोड़ों में यह वायरस ऐसा दर्द बैठा जाता है, जो फिर जाते जाते ही जाता है।

इसे भी पढ़ें : डेंगू-मलेरिया वाले मच्‍छरों को आपसे दूर भगा देगी ये होममेड क्रीम, जानें इसे घर में बनाने का तरीका

थकान

थकान इस बीमारी का एक अन्‍य प्रभाव है। यह शिकायत भी बीमारी ठीक होने के बाद भी कुछ सप्‍ताह तक व्‍यक्ति थकान से परेशान रहता है। उसे हर समय थकान का अहसास होता रहता है और किसी काम को करने का जरूरी साहस भी वह नहीं जुटा पाता।

गठिया का दर्द

कुछ रोगियों को इस वायरस के प्रभाव से कई सप्‍ताह तक गठिया या असहनीय दर्द की शिकायत हो सकती है। ऐसे मरीज छोटे से छोटे काम के लिए दूसरों पर आश्रित हो सकते हैं।

big_malaria-yellow

इसे भी पढ़ें : मच्छरों से फैलने वाली 6 बड़ी बीमारियों से कैसे बचें? जानें इन बीमारियों से होने वाले खतरे

मस्तिष्‍क की बीमारियां

चिकनगुनिया का असर व्‍यक्ति की मानसिक क्षमता पर भी पड़ता है। रोग से उबर रहे व्‍यक्ति को मस्तिष्‍क की समस्‍याएं हो सकती हैं, जो उसे काफी परेशान कर सकती हैं।

गुर्दे की व अन्‍य समस्‍यायें

कई बार यह बीमारी इतनी गंभीर होती है कि इसका प्रभाव भी काफी गहरा असर डालते हैं। इस बीमारी के ठीक होने के बाद भी व्‍यक्ति को गुर्दे से संबंधित बीमारियों से दो-चार होना पड़ सकता है।

शरीर में पानी की कमी

चिकनगुनिया का प्रभाव व्‍यक्ति के शरीर में पानी की कमी कर सकता है। पानी की कमी से व्‍यक्ति को अन्‍य कई दिक्‍कतें हो सकती हैं। ऐसे में व्‍यक्ति को चाहिए कि पर्याप्‍त मात्रा में पानी पिए।

यह बीमारी कई बार इतना असर डालती है कि व्‍यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता तक कमजोर हो जाती है। इस बीमारी के कारण जीवनभर के लिए व्‍यक्ति किसी अन्‍य बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसा व्‍यक्ति आसानी से अन्‍य बीमारियों का भी शिकार बन सकता है। यहां तक कि कई बार रोगियों की खासकर वृद्धों की प्रतिरक्षा क्षमता कम होने से इस वायरस के शिकार होते ही मृत्यु भी हो सकती है।

Read more articles on Other-Diseases in Hindi

Disclaimer