मछली खाने के शौकीन हैं तो ध्यान दें, इन 5 कारणों से मछली बनाते-खाते समय जरूरी है विशेष सावधानी

मछलियां हेल्दी मानी जाती हैं मगर ज्यादा मछली खाना भी खतरनाक हो सकता है। जानें किस तरह आपको कई गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकता है मछली खाने का शौक।
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मछली खाने के शौकीन हैं तो ध्यान दें, इन 5 कारणों से मछली बनाते-खाते समय जरूरी है विशेष सावधानी

मछली खाने के शौकीन दुनियाभर में पाए जाते हैं। यूं तो मछलियां खाना सेहत के लिए बहुत हेल्दी माना जाता है क्योंकि इनमें जरूरी फैटी एसिड्स होते हैं, जो पूरे शरीर के सिस्टम को स्वस्थ रखते हैं। इसके अलावा मछलियां खाने से शरीर को ढेर सारे पोषक तत्व भी मिलते हैं, जिनसे हार्ट की बीमारियां, डायबिटीज, कोलेस्ट्ऱ़ॉल आदि दूर रहते हैं और दिमाग की याददाश्त लंबे समय तक बनी रहती है। मगर मछली का बहुत ज्यादा सेवन भी आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। मछली बनाते-खाते समय आपको विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि कई बार मछलियों के कारण आपको कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

eating fish risks

कई सिस्टम को डैमेज कर सकता हैं मछली में मौजूद मरकरी

समुद्र में फैक्ट्रियों और मिलों से जाने वाले हानिकारक केमिकल्स इन दिनों काफी बढ़ चुके हैं। इन केमिकल पार्टिकल्स को मछलियां खा लेती हैं, जिससे ये उनके टिशूज में जाकर इकट्ठा हो जाते हैं। यही कारण है कि इन दिनों मछलियों में मरकरी बहुत ज्यादा पाया जाने लगा है। अगर आप ज्यादा मछली खाते हैं, तो मरकरी की अधिकता आपके शरीर के कई महत्वपूर्ण सिस्टम्स को डैमेज कर सकती है। इनमें नर्वस सिस्टम और रिप्रोडक्टिव सिस्टम (प्रजनन तंत्र) शामिल है। गर्भवती महिलाओं में मरकरी की वजह से होने वाला बच्चा दिमागी रूप से कमजोर और अपाहिज पैदा हो सकता है। इसके अलावा छोटे बच्चों के मस्तिष्क के विकास में भी ये मरकरी बाधा बनता है।

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कोलेस्ट्रॉल बढ़ सकता है

अगर आप ये सोचकर मछलियां खा रहे हैं कि आपके हार्ट के लिए फायदेमंद साबित होंगी, तो आपको ये जानकारी चौंका सकती है। दरअसल मछलियों में ओमेगा-3 की मात्रा तो होती है, लेकिन मछली खाने से मिलने वाला 15% से 30% फैट सैचुरेटेड होता है, इसलिए इसके सेवन से लिवर ज्यादा मात्रा में कोलेस्ट्रॉल पैदा करता है। इसलिए अगर आप ज्यादा मछली का सेवन करते हैं, तो हार्ट अटैक का खतरा टलने के बजाय और बढ़ जाएगा।

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कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले केमिकल्स हो सकते हैं

मरकरी के अलावा भी मछलियों में कई हानिकारक केमिकल्स हो सकते हैं, जिनमें Polychlorinated Biphenyls (PCBs), और Dioxins आमतौर पर मछलियों में पाए जाते हैं। ये केमिकल्स भी मछलियों के टिशूज में जाकर जमा हो जाते हैं। ऐसे में अगर आप बहुत ज्यादा मछली का सेवन करते हैं, तो संभव है कि आपके शरीर में इन तत्वों की मात्रा इतनी हो जाए, जिससे कैंसर और दूसरी बीमारियों का खतरा बढ़ जाए। इसके कारण भी आपका नर्वस सिस्टम, डाइजेस्टिव सिस्टम, इम्यून सिस्टम डैमेज हो सकता है।

पोषक तत्वों के लिए दूसरे आहार खा सकते हैं

ऐसा नहीं है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड सिर्फ मछलियों से मिलता है इसलिए इसे खाना आपकी मजबूरी है। ये खास पोषक तत्व आपको कई शाकाहारी फूड्स से भी मिल सकता  है। इसलिए बेहतर होगा कि आप मछलियों का सेवन करना चाहें, तो करें, लेकिन सीमित मात्रा में करें और ओमेगा-3 फैटी एसिड के दूसरे स्रोतों को भी खाएं। इस पोषक तत्व के सबसे अच्छे स्रोत हैं- अखरोट, अलसी के बीज (Flex Seeds), चिया सीड्स (Chia Seeds), कैनोला ऑयल, सोयाबीन ऑयल, फोर्टिफाइड योगर्ट आदि।

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कौन सी मछलियां खाना है सुरक्षित?

फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने कुछ ऐसी मछलियों की लिस्ट जारी की है जिन्हें खाना सेहत के लिहाज से ठीक हो सकता है क्योंकि इनमें कम मरकरी पाई जाती हैं और कुछ ऐसी मछलियां भी बताई हैं, जिन्हें नहीं खाना चाहिए क्योंकि उनमें मरकरी ज्यादा होती है। नीचे कुछ नाम हैं। पूरी लिस्ट आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

  • इन मछलियों को खा सकते हैं आप- ट्यूना (Tuna), कॉड (Cod), सैल्मन (Salmon) और श्रिम्प क्योंकि इनमें मरकरी कम पाई जाती हैं।
  • इन मछलियों को नहीं खाना चाहिए- किंग मैकेरेल (King Mackerel), मार्लि (Marlin), बिग्यी ट्यूना (Bigeye Tuna) क्योंकि इनमें मरकरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है।

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