वर्तमान समय में लोगों के पास समय कम और काम ज्यादा है। समय की कमी के चलते लोग अपने खानपान पर भी सही से ध्यान नहीं दे पाते हैं। लोग अपने जीवन में इतना ज्यादा व्यस्त हो चुके हैं कि उन्हें सही से खाना बनाने के लिए समय भी नहीं मिल जाता है। समय की कमी के कारण लोग जल्दबाजी में खाना बनाने के लिए फ्रोजन और पैक्ड फूड्स का इस्तेमाल अधिक करने लगे हैं। फ्रेश खाने की तुलना में फ्रोजन फूड्स (Frozen Foods) को सेहतमंद नहीं माना जाता है। इन फूड्स को लंबे समय फ्रेश रखने के लिए इनमें हाइड्रोजेनेटेड पाम ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें हानिकारक ट्रांस फैट (trans fat) होते हैं। इसके अलावा इनमें स्टार्च और ग्लूकोज जैसे कॉर्न सिरप मिलाए जाते हैं, जो सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं फ्रोजन फूड्स (Side Effects of Frozen Foods) खाने के क्या क्या नुकसान होते हैं।
इन हानिकारक केमिकल्स का किया जाता है इस्तेमाल
फ्रोजन और पैक्ड फूड्स को खराब होने से बचान के लिए और दिखने में आकर्षक बनाने के लिए इसमें ब्लू-1 और रेड-3 जैसे केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। शरीर के लिए ये केमिकल्स नुकसानदेह होते हैं। कई देशों में इन केमिकल्स के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक है। इसलिए अगर आप भी फ्रोजन फूड्स का सेवन करते हैं, तो पैकेट पर इन केमिकल्स की जांच जरूर करें।
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फ्रोजन फूड्स से शरीर को होने वाले नुकसान
डायबिटीज का होता है खतरा
फ्रोजन फूड्स को फ्रेश दिखाने के लिए इसमें स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है। यह स्टार्च फूड को दिखने में फ्रेश बनाता है, साथ-साथ स्वाद भी बढ़ता है। इन फूड्स को पचाने के लिए हमारा शरीर फूड में मौजूद इन स्टार्ट को शुगर में बदलता है। ऐसे में शरीर में शुगर बढ़ने से डायबिटीज का खतरा ज्यादा रहता है। इसके साथ ही यह स्टार्च शरीर के टिश्यूज को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा
फ्रोजन फूड्स के सेवन से हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ता है। फ्रोजन और पैक्ड फूड में मौजूद ट्रांस फैट्स बंद धमनियों की परेशानियां बढ़ाते हैं। शरीर में इन ट्रांस फैट्स से कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। इसके साथ ही यह गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी घटाता है, जिससे दिल से संबंधित परेशानियां बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है। इन फूड्स में सोडियम की मात्रा भी ज्यादा होती है, जो शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ाता है।
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खाने की पौष्टिकता करता है खत्म
फ्रोजन सब्जियों में केमिकल्स की वजह से लगभग 50 फीसदी पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। खासतौर इन सब्जियों में पाए जाने वाले विटामिन बी और सी तो पूरी तरह सब्जियों में नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही इन सब्जियों के स्वाद में भी काफी ज्यादा अंतर हो जाता है।
बढ़ा सकता है मोटापा
फ्रोजन फूड्स में फैट काफी ज्यादा होता है। कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की तुलना में फैट में अधिक कैलोरीज होती हैं। 250 ग्राम फ्रोजेन चिकन में 600 कैलोरी होती हैं और फैट की मात्रा भी अधिक होती है। ऐसे में इस तरह के फैट आपके शरीर का वजन काफी ज्यादा बढ़ा सकते हैं।
कैंसर का खतरा
जो लोग बहुत ज्यादा फ्रोजन फूड्स खाते हैं, उनमें कैंसर का खतरा भी काफी ज्यादा होता है। कई रिसर्च में इस बात का खुलासा हुआ है कि फ्रोजन मीट खाने से पैनक्रिएटिक कैंसर होने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसके अलावा फ्रोजन मसालेदार नॉनवेज और सॉस खाने से 65 फीसदी कैंसर का खतरा बढ़ता है।
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