आमतौर पर बच्चों को जब नींद आती है तो वो चिड़चिड़े हो जाते हैं। फिर उन्हें किसी भी तरह बहलाने फुसलाने की कोशिशे बेकार साबित होती हैं। उस समय उन्हें जरूरत होती हैं प्यारी सी लोरी के साथ शांत माहौल और मां के गोद की। लोरी सुनाकर बच्चों को सुलाने का चलन बरसों से चला आ रहा है। आज भी मांए अपने बच्चों को लोरी सुनाकर ही सुलाती हैं। धीरे-धीरे और मीठे स्वर में गाई गई लोरी का बच्चे के दिमाग पर काफी असर होता है इसको सुनते-सुनते वे धीरे-धीरे मीठी नींद की ओर बढ़ने लगते हैं।
लोरी ही जरूरी नहीं
लोरी बच्चे को सुलाने का सबसे प्यारा तरीका समझा जाता है। लेकिन सिर्फ लोरी ही जरूरी नहीं है इसके साथ बच्चे के शरीर पर हल्की-हल्की थपकी और गोद में उसे धीरे-धीरे झुलाना भी काफी मददगार साबित होते हैं। और यह प्रक्रिया आपको तब तक करनी चाहिए जब तक बच्चा गहरी नींद में ना सो जाए।
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लोरी सुनते ही क्यों सो जाते हैं बच्चे
लोरी की मीठी आवाज से बच्चे का ध्यान आस-पास की आवाजों से हटने लगता है। बच्चों को लगातार गोद में झुलाते रहने से उसकी नजर किसी भी चीज पर नहीं टिक पाती। और थोड़ी ही देर में उसकी आखों में नींद आने लगती है। और वह धीरे-धीरे अपनी आंखों को बंद करने लगता है।
स्तनपान करते हुए
आमतौर पर देखा जाता है कि बच्चें मां की गोद में स्तनपान करते हुए भी सो जाते हैं। ऐसे में उनके सिर पर धीरे-धीरे हाथ से सहलाएं जिससे उनकी आंखों में नींद आने लगे। और जब वह पूरी नींद में सो जाए तो उसे धीरे से बिस्तर पर लेटा दें।
गोद में लेकर झुलाएं
बच्चो को जब नींद आती है तो वो आपकी गोद में झुलना चाहते हैं। ऐसे में बच्चे को अपनी गोद में लेकर दाएं से बाएं झुलाएं। धीरे-धीरे उसकी आंखे बोझिल होने लगती है और वह थकवाट के कारण अपनी आंखे बंद करने पर मजबूर हो जाता है। ध्यान रहे कि ज्यादा से जोर से झुलाने पर बच्चा डर भी सकता है।
स्ट्रॉलर में
कई बार देखा जाता है कि बच्चा प्रैम या स्ट्रॉलर में बैठकर आगे-पीछे हिलाते हुए सोना चाहता है। यह प्रक्रिया बार-बार करने पर बच्चा धीरे-धीरे नींद की आगोश में चला जाता है।
बच्चे को डराएं नहीं
कभी भी बच्चों को सुलाने के लिए उसे डराएं नहीं। ऐसा करने से उसके मन में डर बैठ जाएगा जो आगे चलकर उसके व्यक्तित्व के विकास में बाधक होगा।
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बच्चों का अकेला ना छोड़ें
ध्यान रखें कि बच्चों को सोते समय अकेले कमरे में ना छोड़े। जब कभी भी बच्चे की नींद खुलेगी तो वो खुद को कमरे में अकेला पाकर डर सकता है। ऐसे में जरूरी है कि आप उसके आस-पास रहें।
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निम्न बातों का ध्यान रखें
- सुलाने वाली जगह साफ-सुथरी होनी चाहिए।
- जहां सोए वहां ज्यादा शोर नहीं होना चाहिए।
- थोड़ी-थोड़ी देर में देखते रहना चाहिए कि बच्चा गीले में तो नहीं सो रहा है।
- यह देख लें कि बच्चे को कोई परेशानी न हो और उस पर अच्छी तरह ओढ़ना पड़ा हुआ हो।
- कमरे में अंधेरा होना चाहिए जिससे बच्चे को लगे कि अभी रात है
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