
Early Signs And Symptoms of Brain Disease: बढ़ती उम्र में दिमाग से जुड़ी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है। 50 साल की उम्र के बाद अक्सर लोगों को सोचने, समझने और चीजों को याद रखने से जुड़ी समस्याएं होती हैं। दिमाग से जुड़ी समस्याएं खानपान और खराब जीवनशैली के कारण कम उम्र के लोगों में भ देखने को मिलती है। दिमाग से जुड़ी समस्याओं के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर सही समय पर इलाज लेने से आप गंभीर परेशानी का शिकार होने से बच सकते हैं। दिमाग से जुड़ी बीमारियों का कोई सटीक इलाज नहीं है, इन बीमारियों को सही समय पर बचाव और जरूरी इलाज से ठीक या कंट्रोल किया जा सकता है। डिमेंशिया, अल्जाइमर समेत दिमाग से जुड़ी कई ऐसी बीमारियां जिनके लक्षण शुरुआत से ही दिखने लगते हैं। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं दिमाग की बीमारी के शुरुआती लक्षणों के बारे में।
दिमाग की बीमारी के शुरुआती लक्षण- Early Symptoms of Brain Disease in Hindi
एक उम्र के बाद इंसान की मेमोरी, ब्रेन पॉवर कम होने लगती है। बुढ़ापे में ये समस्याएं कॉमन हैं, लेकिन कम उम्र में भी इनका खतरा हो सकता है। खानपान से जुड़ी गलतियों और खराब जीवनशैली के कारण दिमागी बीमारियां हो सकती हैं। किसी भी ईमारी या समस्या की शुरुआत में सही कदम उठाने से आप गंभीर रूप से इनका शिकार होने से बच सकते हैं।
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आइये जानते हैं दिमाग की बीमारी के शुरुआती लक्षणों के बारे में-
1. पैसे गिनते समय गलतियां
दिमाग सही से काम करने पर आप पैसे गिनते समय गलतियां नहीं करते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को लगातार पैसे गिनने में या किसी चीज का हिसाब-किताब करने में परेशानी होती है, तो यह दिमाग से जुड़ी कुछ समस्याओं का संकेत हो सकता है। इस स्थिति को नजरअंदाज करने की जगह तुरंत एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
2. चीजों को भूलने की समस्या
बढ़ती उम्र में चीजों को याद रखना मुश्किल हो जाता है। अगर कम उम्र में भी चीजों को याद रखने में समस्या हो रही है, तो इसे दिमाग से जुड़ी बीमारी का संकेत माना जाता है। इस स्थिति को भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
3. बातचीत करते समय दिक्कत
डिमेंशिया जैसी समस्या में मरीज को बातचीत करने में भी दिक्कत होती है। अगर कोई भी व्यक्ति लंबे समय से बातचीत करने में परेशानी का शिकार हो रहा है या सही शब्दों का चुनाव नहीं पा रहा है, तो इसे सामान्य नहीं समझना चाहिए। यह स्थिति दिमाग से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकती है।
4. मूड स्विंग
बार-बार मूड स्विंग या चिड़चिड़ापन होने की स्थिति भी दिमाग से जुड़ी परेशानी का संकेत होती है। इस स्थिति में व्यक्ति सेकंड भर में मूड बदल लेते हैं। किसी भी व्यक्ति में ये लक्षण अगर लंबे समय से दिख रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
5. व्यवहार में बदलाव
किसी भी व्यक्ति के व्यवहार में अचानक बदलाव चौंकाने वाला होता है। अगर किसी व्यक्ति के व्यवहार में पहले से उलट बदलाव हो रहे हैं, तो इसे दिमाग से जुड़ी समस्या का संकेत माना जाता है।
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दिमाग से जुड़ी परेशानियों से बचने के लिए हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए। जीवनशैली से जुड़ी आदतों का ध्यान न रखने के कारण भी आप डिमेंशिया, अल्जाइमर जैसी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। इन समस्याओं के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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