फ्रूट जूस पीना स्वस्थ रहने के सबसे स्वादिष्ट तरीकों में से एक प्रतीत होता है लेकिन विज्ञान का कहना है कि एक लंबे अरसे तक फ्रूट जूस का सेवन वास्तव में आपके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। अमेरिका के शोधकर्ताओं ने इस बात को सही साबित करने के लिए कुछ पुख्ता सबूत दिए हैं। एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि 100 फीसदी फ्रूट जूस हमारे स्वास्थ्य के लिए लगभग उतना ही खतरनाक है जितना कि अन्य शुगर युक्त पेय पदार्थ जैसे सोडा।
इस नए अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 13,400 से अधिक वयस्कों (जिसमें श्वेत और अश्वेत दोनों शामिल हैं) के स्वास्थ्य रिकॉर्ड के वर्षों के विश्लेषण के बाद पाया कि वे वयस्क, जो प्रत्येक दिन अतिरिक्त 12 औंस जूस दिन पीते हैं उनमें मौत का जोखिम 24 फीसदी अधिक होता है।
अध्ययन में यह भी कहा गया कि जरूरी नहीं है कि फ्रूट जूस मौत का कारण बन सकता है। अध्ययन के मुताबिक इसके पीछे अन्य कारक भी हो सकते हैं, जैसे कि जूस पीने वाले कितने सक्रिय हैं, या उनका आहार कितना स्वस्थ है। इतने वर्षों के विश्लेषण के बाद वैज्ञानिक अन्य सबूतों के साथ आए हैं कि यह अध्ययन उन सभी तरीकों का सिर्फ नया अनुस्मारक है कि जूस आपके बॉडी के लिए हानिकारक काम कर रहा है।
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लोगों के लिए जूस क्यों खराब है इसके पीछे बताई गई वजह है फ्रूट जूस में मौजूद शुगर को हमारे शरीर द्वारा पचाने की प्रक्रिया। यह ठीक वैसी ही है, जैसे कि सोडा की कैन में देखी जाती है।
हार्वर्ड शोधकर्ताओं की टीम ने बताया, ''जैविक प्रतिक्रिया अनिवार्य रूप से समान ही रहती है।''
जब हम जूस या सोडा जैसे पेय पदार्थों से शुगर पीते हैं तो फल में अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से रहित फ्रक्टोज लीवर में पहुंच जाता है, जो पाचन को धीमा कर देता है और हमें हमारा पेट भरा सा महसूस करने में मदद करता है।
पोषण विशेषज्ञ लगातार इस बात पर सहमति जताते रहे हैं कि लंबे अरसे तक जूस का सेवन करने से सूजन व जलन, इंसुलिन प्रतिरोध, मधुमेह और पेट के आस-पास चर्बी बढ़ती है।
शुगर पीना न सिर्फ सेहत के लिए घातक है बल्कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि इससे आपका वजन भी अधिक बढ़ता है, जिससे दांत गिरने, टाइप-2 डायबिटीज, फैटी लिवर और ह्रदय संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यह सच है कि फ्रूट जूस एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और मिनरल की फायदेमंद खुराक प्रदान कर सकता है जो सूजन व जलन में सुधार करने के साथ-साथ हमारे ज्ञानसंबंधी प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
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हार्वर्ड शोधकर्ताओं ने कहा, ''हालांकि सवाल ये है कि फ्रूट जूस में मौजूद पॉलीफेनोल और अन्य फीटोकैमिकल वजन और टाइप 2 डायबिटीज पर शुगर के प्रभाव को रोक सकता है।''
जूस पीने वाले और फल खानों वालों के बीच दीर्घकालिक स्वास्थ्य विभिन्नताओं का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने पाया कि नियमित रूप से जूस पीना अधिक डायबिटीज मामलों से जुड़ा है। अध्ययन के मुताबिक प्रत्येक दिन जूस पीने से व्यक्ति में मधुमेह होने का संबंध सात फीसदी बढ़ जाता है। हालांकि प्रत्येक दिन फल खाने से कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ता है।
फल में अधिक फाइबर, अधिक एंटी ऑक्सीडेंट और 35 फीसदी कम शुगर होती है जबिक फ्रूट जूस में सौ फीसदी शुगर होती है। अध्ययन के मुताबिक मात्र एक केला आपको अपने दैनिक अनुशंसित फाइबर डॉस का लगभग 20 फीसदी प्रदान करता है।
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