जिंदगी के सफर में स्मार्टफोन ने अपनी एक अहम जगह बना ली है। हर स्तर पर स्मार्टफोन लोगों को प्रभावित कर रहा है, सुख और दुख में उनका करीबी बना हुआ है। व्यक्ति इसके इतना करीब हो गया कि परिवार और समाज से दूर होता जा रहा है। यह बड़ों के साथ बच्चों को भी प्रभावित कर रहा है। एक शोध का मानना है कि स्मार्टफोन बच्चो की बौद्धिक क्षमता को प्रभावित करता है। इस लेख में विस्तार से जानिये स्मार्टफोन अपके बच्चे को समाज से कैसे दूर कर रहा है।
शोध की माने तो
यूसीएलए कॉलेज द्वारा किये गये शोध के अनुसार बच्चे स्मार्टफोन पर ज्यादा समय व्यतीत करते हैं, इसे कारण बच्चों की सामाजिक गतिविधियों में कमी आई है। विशेषज्ञो का मानना है कि बच्चों में सामाजिक गुणों मे वृद्धि करने के लिए परिवार वालो के साथ ज्यादा समय बिताने की आवश्यकता है। लेकिन जब बच्चे ज्यादा समय स्मार्टफोन के साथ बिताने लगते हैं तो वो सामाजिक तौर-तरीको से दूर हो जाते हैं।
क्या है नुकसान
स्मार्टफोन से बच्चों के सामाजिक तौर-तरीके तो प्रभावित होते हैं साथ ही सेहत खराब होती है। जरूरत से ज्यादा फोन का प्रयोग उनकी सामान्य शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है। परिवारजनों से उनका भावनात्मक लगाव कम हो जाता है। स्मार्टफोन के प्रयोग से अक्सर बच्चों मे हिंसात्मक प्रवृत्ति बढ़ जाती है। फोन का एडिक्शन बच्चो में एडीएचडी की दर को बढा देता है, जो भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक समस्याओं को बढा़ता है।
मां-बाप की जिम्मेदारी
मशहूर बाल विशेषज्ञ शेरी टर्कल का कहना है कि बच्चे को सुख-सुविधा के सारे साधन मुहैया कराने मात्र से अभिभावकों की जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती है। उसे प्यार, अपनेपन और सुरक्षा का एहसास कराना भी बेहद अहम है। जो मां-बाप इसमें असफल रहते हैं, वे बच्चों से भावनात्मक पक्ष पर नहीं जुड़ पाते हैं। इसके अलावा अकेलेपन और उपेक्षा के एहसास के चलते उनके बच्चे का व्यक्तित्व तथा मानसिक विकास भी प्रभावित होता है।
इसलिए जरूरी है अपने बच्चों को सामाजिक बनायें और उनको स्मार्टफोन से दूर रखें।
ImageCourtesy@Gettyimages
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