किशोरावस्था में कदम रखते ही कील-मुंहासों की समस्या बहुत सारे लोगों को होती है। आमतौर पर लोग इन्हें ठीक करने के लिए घरेलू नुस्खों का प्रयोग करते हैं या अपने आसपास के केमिस्ट से पूछकर कोई ट्रीटमेंट शुरू कर देते हैं। आमतौर पर मुंहासों की समस्या घरेलू नुस्खों के द्वारा पूरी तरह नहीं ठीक की जा सकती है। गलत तरीकों से ठीक करने के चक्कर में अगर ये मुंहासे लंबे समय तक रहें, तो चेहरे पर इनके निशान पड़ जाते हैं, जो कई बार पूरी उम्र नहीं जाते हैं। इसीलिए एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कील मुंहासों को ठीक करने के लिए आपको घरेलू नुस्खों के बजाय प्रोफेशनल डर्मेटोलॉजिस्ट की मदद लेनी चाहिए।
मुंहासों से कहीं ज्यादा खराब इनके दाग लगते हैं। ये आपकी खूबसूरती को बिगाड़ सकते हैं। इसलिए ऐसे समय में बिना जाने समझे घरेलू नुस्खों का प्रयोग नुकसानदायक हो सकता है। वहीं मेडिकल साइंस की तरक्की से ऐसे कई ट्रीटमेंट हैं, जो न सिर्फ इन कील-मुंहासों को खत्म कर देते हैं, बल्कि त्वचा के दूसरे दाग-धब्बों को साफ कर आपको एक निखरी, खूबसूरत और सपाट त्वचा देने में भी कामयाब हैं।
क्यों जरूरी है प्रोफेशनल ट्रीटमेंट?
चेहरे पर निकलने वाले लाल, सफेद दाने आपकी नजर में सिर्फ मुंहासे हैं। मगर मेडिकल साइंस की नजर में ये मुंहासे कई प्रकार के हो सकते हैं। इनके कारण भी अलग-अलग लोगों में अलग-अलग होते हैं। कुछ लोगों में हार्मोनल बदलावों के कारण ऐसा होता है, तो उन्हें दवाओं की जरूरत पड़ती है। जबकि कुछ लोगों में लाइफस्टाइल या खानपान के कारण ऐसा होता है, तो उन्हें सामान्य ट्रीटमेंट के द्वारा ठीक किया जाता है। इसके अलावा जिन लोगों को इनके अलावा किसी अन्य कारण से मुंहासे होते हैं, उन्हें कुछ स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट बताए जाते हैं।
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अंडरमाइनिंग ट्रीटमेंट
कील, मुंहासों के लिए एक खास ट्रीटमेंट है, जिसे अंडरमाइनिंग या नीडल सबसीसियन (Needle subsicion or undermining) कहते हैं। इस ट्रीटमेंट में जिस जगह पर मुंहासे ज्यादा होते हैं, वहां पर एक बेहद शार्प सुई (निडिल) चुभोकर मुंहासों का कारण बनने वाले फाइब्रोटिक स्ट्रैंड्स को तोड़ दिया जाता है और नया कोलाजन डिपोजीशन छोड़ दिया जाता है, जिससे त्वचा अपने आप हील हो जाती है और मुंहासे दाग-धब्बे सहित गायब हो जाते हैं। इस ट्रीटमेंट के बाद कुछ दिन तक सूरज की किरणों से बचने की हिदायत दी जाती है।
केमिकल पील
इन स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट्स के अलावा मुंहासों और चेहरे के दाग-धब्बे दूर करने के लिए कई तरह के केमिकल ट्रीटमेंट्स भी मौजूद हैं। इस तरह के ट्रीटमेंट में खास केमिकल्स जैसे- सैलिसिलिक एसिड पील, ग्लाइकोलिक एसिड पील, AHA, TCA आदि के द्वारा पिंपल्स को चेहरे से हटा दिया जाता है। इससे पिंपल्स की ग्रोथ रुक जाती है और चेहरा साफ हो जाता है।
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लेजर ट्रीटमेंट
अगर किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा मुंहासे हों, तो उसे लेजर ट्रीटमेंट की सलाह दी जाती है। इस ट्रीटमेंट में लेजर के द्वारा त्वचा की ऊपरी पर्त को डैमेज किया जाता है, जिससे कि नए स्किन सेल्स का निर्माण हो सके। जब नई त्वचा बनना शुरू होती है, तो पुरानी त्वचा पर मौजूद कील-मुंहासे और दाग-धब्बे अपने आप हट जाते हैं और नई खूबसूरत त्वचा आ जाती है। इस ट्रीटमेंट के बाद कुछ दिनों तक काफी मात्रा में सनस्क्रीन लगाने की हिदायत दी जाती है, जिसे हर 3 घंटे में लगाना होता है।
माइक्रोडर्माब्रेजन
जिन लोगों को हल्की-फुल्की मुंहासों की समस्या होती है या फिर मुंहासे छोटे और कम दायरे में होते हैं, तो उन्हें इस ट्रीटमेंट की सलाह दी जाती है। इस ट्रीटमेंट में त्वचा की ऊपरी सतह, जहां पर मुंहासे या दाग-धब्बे हैं, उसे एक्सफोलिएट करके निकाला जाता है, जिससे कि त्वचा साफ हो जाए और मुंहासे नष्ट हो जाएं।
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