
Difference Between Stress and Burnout: डिप्रेशन, तनाव, चिंता, बेचैनी और अवसाद जैसे टर्म सुनने में एक जैसे ही लगते हैं। इन सभी का तात्पर्य भी मानसिक स्वास्थ्य या मानसिक विकार से जुड़ा होता है। मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज करना आपके लिए बहुत गंभीर माना जाता है। आज के समय में मेंटल हेल्थ से जुड़ी चुनौतियां तेजी से बढ़ी हैं। कामकाज और सामाजिक प्रेशर, आर्थिक चुनौतियों और खराब जीवनशैली के कारण मानसिक विकार के मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। अक्सर लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं लेकिन ये परेशानियां समय के साथ गंभीर रूप धारण कर लेती हैं। इसके अलावा कई बार ऐसा होता है कि लोग स्ट्रेस और बर्नआउट जैसी परेशानियों को एक समझ बैठते हैं। लेकिन इन सभी मानसिक विकार के अलग-अलग कारण और अलग लक्षण हो सकते हैं। सही जानकारी होने पर आप उचित कदम उठाकर इन गंभीर परेशानियों से बच सकते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं स्ट्रेस और बर्नआउट में अंतर और इनके लक्षणों के बारे में।
स्ट्रेस और बर्नआउट क्या है?- What is Stress And Burnout in Hindi
स्ट्रेस- तनाव या स्ट्रेस एक तरह की मानसिक प्रतिक्रिया है जो कम और लंबे समय दोनों के लिए हो सकता है। स्ट्रेस एक तरह का शारीरिक, भावनात्मक और मानसिक परिवर्तन है। तनाव या स्ट्रेस कामकाज के प्रेशर, असंतुलित जीवनशैली जैसे कारणों की वजह से हो सकता है। तनाव की वजह से आपके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसकी वजह से आपको कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तनाव की वजह से आपको गुस्सा आ सकता है और इसकी वजह से आपको घबराहट भी महसूस हो सकती है। लंबे समय से स्ट्रेस का शिकार होने से आपकी परेशानियां गंभीर रूप धारण कर सकती हैं।
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बर्नआउट- बर्नआउट एक तरह का सिंड्रोम है जो कम या लंबे समय के लिए हो सकता है। बर्नआउट उस स्थिति को कहते हैं जब आप मानसिक रूप से थक चुके होते हैं। इसकी वजह से आपको शारीरिक थकान भी महसूस हो सकती है। बर्नआउट का शिकार होने पर आपको मूड स्विंग की समस्या भी हो सकती है। लेकिन तनाव की तुलना में यह जल्दी ठीक हो सकता है।
तनाव और बर्नआउट में अंतर- Difference Between Stress and Burnout in Hindi
तनाव और बर्नआउट की समस्या में दिखने वाले लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं। लेकिन इन दोनों स्थितियों में कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जो एक दूसरे से अलग होते हैं। स्ट्रेस और बर्नआउट में मुख्य अंतर इस तरह से हैं-
- बर्नआउट की समस्या बहुत ज्यादा किसी काम में व्यस्त रहने के कारण हो सकती है लेकिन स्ट्रेस किसी चीज से डिसएंगेज होने पर भी होती है।
- बर्नआउट की वजह से आपकी फीलिंग्स अजीबोगरीब और हाइपर हो सकती है जबकि स्ट्रेस की वजह से आपकी भावनाएं खत्म होने लगती हैं।
- स्ट्रेस आपको डिप्रेशन का शिकार बनाता है वहीं बर्नआउट होने पर आप गंभीर रूप से थके महसूस करते हैं।
बर्नआउट और स्ट्रेस दोनों ही लगभग एक जैसे होते हैं लेकिन इनके कारण अलग-अलग होते हैं। बर्नआउट या स्ट्रेस के लक्षण दिखने पर जीवनशैली में बदलाव खानपान में सुधार और मेडिटेशन करना बहुत फायदेमंद होता है। लंबे समय तक इन समस्याओं का शिकार होने पर आपको तुरंत मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए।
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