
बरसात में हरी सब्जियों की तरह जूस से भी बचें। इसके बजाए आप स्मूदीज औप ड्राइ फ्रूट्स का ज्यादा मात्रा में सेवन करें। ये शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाएंगे।
बारिश के मौसम में सब्जियों के दाम वैसे भी आसमां छू रहे होते हैं, ऊपर से बाजार में उनकी कमी होती है सो अलग। इन चीजों को लेकर सभी लोग कहीं न कहीं परेशान रहते हैं। पर इस बात को जानकर आपको राहत महसूस हो सकती है कि खान-पान विशेषज्ञ से लेकर आयुर्वेद तक में बारिश के मौसम में हरी सब्जियों को खाने से परहेज करने को कहा गया है। जी हां इस बात को सुनकर आप अचरज न करें क्योंकि ये सच है। दरअसल बारिश के मौसम में होने वाली बरसाती सब्जियों में बहुत सारे किड़े मकोड़े होते हैं, जो इनमें प्रजनन करने के लिए छिपे रहते हैं। खाने के दौरान गलती से आपके शरीर में इनका प्रवेश कर जाना भी कई सारी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। तो आइए जानते हैं कि बारिश के मौसम में हमें कौन सी सब्जियों को खाने से बचना चाहिए।
बारिश में न खाएं हरी सब्जियां (Vegetables Not To Eat In Rainy Season)
पत्तेदार सब्जी ना खाएं
बरसात के मौसम में पत्तेदार सब्जी जैसे पालक, बथुआ, सरसों, गोभी और पत्ता गोभी, खाने से बचें। इसके बजाए खीरा, संतरा, आम और टमाटर का खाने में ज्यादा उपयोग करें। ऐसा इसलिए क्योंकि पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, बथुआ और सरसों के साग आदि में सबसे ज्यादा कीड़े और बैक्टीरिया पनपते हैं। वहीं पत्तागोभी में कई लेयर्स होती हैं। इससे कीड़ों और बैक्टीरिया को छिपने की जगह आसानी से मिल जाती है, फिर ये इसमें अंडे देते हैं और इनके छोटे-छोटे बच्चे इसमें छिपे हो सकते हैं। इन्हें खाने से आपके पेट के स्वास्थ्य को खराब करने के साथ ये मस्तिष्क तक में घुस सकते हैं, जिनसे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
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बैंगन
आपने कई बार अपने घर के बड़ों से सुना होगा कि बारिश के मौसम में बैंगन खाने से बचना चाहिए। पर कभी आपने सोचा है कि वो ऐसा क्यों कहते थे। नहीं न! दरअसल बरसात में बैंगन में जैसे ही फूल और फल आने लगता है, उनमें कीड़ा भी लगने लगते हैं। ये कीड़े इस तरह से पौधे पर हमला बोलते हैं कि लगभग 70 प्रतिशत तक बैंगन नष्ट कर देते हैं। ऐसे में अगर आपने बैंगन खरीदा तो आपको उसमें बहुत छोटे-छोटे कीड़े मिलेंगे, जिससे कुछ मिलाकर आपका पैसा बर्बाद होगा। इसीलिए बरसात के मौसम में बैंगन खरीदने और खाने से बचें।
शिमला मिर्च
शिमला मिर्च में कुछ क्षारीय तत्व पाए जाते हैं। दरअसल यह केमिकल कंपाउंड्स का ग्रुप है, जिसे एल्कालॉयड्स कहा जाता है। ये टॉक्सिक केमिकल्स होते हैं, जिनका निर्माण पौधे खुद को कीट-पतंगों से बचाने के लिए करते हैं। चूंकि बारिश के मौसम में कीड़े बहुत ऐक्टिव होते हैं, इसलिए एल्कालॉयड्स वाले सब्जियों को खाने की मनाही होती है या इनका सेवन कम से कम करने को कहा जाता है। बता दें कि एल्कालॉयड एलर्जी से त्वचा में खुजली, नॉजिया, स्किन रैशेज जैसी परेशानियां भी हो सकती हैं।
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डेयरी प्रोडक्ट्स और फर्मेंटेड चीजों से भी रहें दूर
सब्जियां नहीं है, तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप डेयरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करके सब्जियां बनाने लगे। ऐसा इसलिए क्योंकि इन हरी सब्जियों की ही तरह डेयरी प्रोडक्ट्स से भी हमें बारिश के दिनों में परहेज करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि मानसून में पाचन क्षमता कमजोर होती है। दूसरी ओर वातावरण गर्म और उमस भरा होता है, जिस कारण डेयरी प्रोडक्ट्स में बैक्टीरिया पैदा होने की संभावना अधिक होती है। इस मौसम में कोल्ड-कफ भी होता है और दही की ठंडी तासीर से गले और पेट संबंधी तकलीफें हो सकती हैं इसलिए डेयरी प्रॉडक्ट जैसे दूध, पनीर और दही लेने से बचें। वहीं इसी कारण आपको फर्मेंटेड फूड जैसे इडली, दोसा, जलेबी, दही-बड़ा जैसी चीजें खाने से मना किया जाता है। अगर कभी-कभार खाएं भी तो साथ में प्रोबायोटिक जरूर लें, जिससे शरीर में अच्छे बैक्टीरिया पनप सकें।
आयुर्वेद के मुताबिक, इस मौसम में ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए, जो आसानी से पच जाएं। एसे में आपको तुरई, टमाटर, आलू, कद्दू, लौकी, नट्स, बीन्स, फल, मखाने और फल आदि का सेवन करना चाहिए। साथ ही कोशिश करें कि बारिश के मौसम में सात्विक भोजन ही लें।
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