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फूले हुए पेट से रहते हैं परेशान? डायाफ्रामिक ब्रीदिंग से बढ़ाएं डाइजेशन पावर और पाएं ब्लोटिंग से छुटकारा

Diaphragmatic Breathing For Digestion: खराब डाइजेशन के कारण ब्लोटिंग होना एक आम समस्या है, डायाफ्रामिक ब्रीदिंग करने से पाचन बनेगा मजबूत।
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फूले हुए पेट से रहते हैं परेशान? डायाफ्रामिक ब्रीदिंग से बढ़ाएं डाइजेशन पावर और पाएं ब्लोटिंग से छुटकारा

Diaphragmatic Breathing For Digestion: भोजन के बाद ब्लोटिंग की समस्या तो लोगों में काफी देखने को मिलती है। लेकिन कुछ लोगों को यह समस्या पूरा दिन परेशान करती है। यह दर्शाता ही आपका पाचन बहुत कमजोर है और अपना काम ठीक से नहीं कर रहा है। पूरी दिन पेट फूला हुआ और भारी महसूस करने की वजह से लोगों को काफी असहजता का सामना करना पड़ता है। ऐसे में वे इस बात को लेकर काफी परेशान रहते हैं कि पेट फूलने की समस्या से कैसे छुटकारा पाएं। क्या आप जानते हैं, इसमें डायाफ्रामिक ब्रीदिंग तकनीक का अभ्यास करके आप ब्लोटिंग से छुटकारा पा सकते हैं?

पेट से सांस लेना, जिसे डायाफ्रामिक ब्रीदिंग के रूप में भी जाना जाता है, पाचन में सुधार करने में काफी लाभकारी साबित हो सकता है। यह सिर्फ ब्लोटिंग ही नहीं, बल्कि आपको कई अन्य पेट संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। क्योंकि डायाफ्रामिक ब्रीदिंग का अभ्यास करने से मुख्य रूप से आपका डाइजेशन मजबूत बनता है। खराब पाचन के कारण ही पेट संबंधी समस्याएं देखने को मिलती हैं। अगर आपके पास एक मजबूत पाचन है, तो आपको पेट से जुड़ी समस्याएं परेशान नहीं करती हैं। डाइजेशन को मजबूत बनाने में डायाफ्रामिक ब्रीदिंग कैसे लाभकारी है, आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी यनामंद्र (BAMS Ayurveda) ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में इसके बारे में विस्तार से बताया है, तो चलिए जानते हैं...

Diaphragmatic Breathing For Digestion in hindi

ब्लोटिंग से राहत और मजबूत डाइजेशन के लिए डायाफ्रामिक ब्रीदिंग के फायदे- Diaphragmatic Breathing For Digestion Benefits In Hindi

1. पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव होता है

जब आप डायाफ्रामिक ब्रीदिंग का अभ्यास कर रहे होते हैं, तो यह आपके पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव करता है, जो "आराम और पाचन" प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार होता है। यह टेक्निक आराम की स्थिति और बेहतर पाचन को बढ़ावा देती है।

2. पाचन अंग स्टिमुलेट होते हैं

डायाफ्रामिक ब्रीदिंग में गहरी साँस लेना और छोड़ना शामिल होता है, जिससे आपका डायाफ्राम नीचे की ओर बढ़ता है और पेट की कैविटी को संकुचित करता है। यह क्रिया पेट, लिवर, अग्न्याशय और आंतों के साथ ही पाचन अंगों की मालिश करती है और उन्हें स्टिमुलेट करती है।

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3. ऑक्सीजन बढ़ाती है

डायाफ्रामिक ब्रीदिंग के दौरान गहरी सांस लेने से अधिक ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है। इस तरह ऑक्सीजन का बढ़ा हुआ स्तर सेलुलर मेटाबोलिज्म और बेहतर पाचन के लिए आवश्यक ऊर्जा का समर्थन करती है।

 
 
 
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4. डायाफ्रामिक टोन को बढ़ावा मिलता है

डायाफ्रामिक ब्रीदिंग में पेट से सांस लेने से डायाफ्राम की टोन मजबूत होती है और उसमें सुधार होता है। यह डायाफ्रामिक ब्रीदिंग में शामिल एक महत्वपूर्ण मांसपेशी है और आंतों के माध्यम से अपशिष्ट उत्पादों को ट्रांसफर करने में भूमिका निभाती है।

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5. माइंडफुलनेस और जागरूकता बढ़ती है

पेट से सांस लेने के लिए सांस और पेट के विस्तार की अनुभूति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। यह अभ्यास शरीर में जागरूकता लाता है और आपको आपके पाचन तंत्र से जोड़ता है।

All Image Source: Freepik

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