साबुत अनाज (Whole Grains) खाने से कम होता है टाइप 2 डायबिटीज का खतरा, जानें कौन सा अनाज कैसे खाएं?

इन 6 तरीकों से अपने रोजाना के खानपान में शामिल करें साबुत अनाज (Whole Grain), जीवनभर नहीं रहेगा डायबिटीज होने का खतरा।
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साबुत अनाज (Whole Grains) खाने से कम होता है टाइप 2 डायबिटीज का खतरा, जानें कौन सा अनाज कैसे खाएं?

डॉक्टर्स और न्यूट्रीशनिस्ट हमेशा लोगों को मोटे अनाज, फल, सब्जियां आदि खाने की सलाह देते हैं। इसका कारण यह है कि इन सभी में प्रोटीन और फाइबर होता है। इसके अलावा अनाज हेल्दी कार्बोहाइड्रेट का भी बहुत अच्छा स्रोत हैं। एक नई रिसर्च के अनुसार अगर कोई व्यक्ति साबुत अनाज खाता है, तो उसे टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा कम हो जाता है। जबकि माना यही जाता है कि कार्ब्स वाले आहार डायबिटीज का खतरा बढ़ाते हैं। लेकिन साबुत अनाजों के साथ ऐसा नहीं है।

ये रिसर्च बहुत बड़े स्तर पर की गई है। रिसर्च में 2 लाख से भी ज्यादा लोगों को शामिल किया गया है जो अच्छी क्वालिटी के कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करते थे, जैसे- मोटे अनाज, दाल इत्यादि। वैज्ञानिकों ने पाया कि अच्छे कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन करने से डायबिटीज का खतरा नहीं होता है। वहीं लो-क्वलिटी कार्बोहाइड्रेट्स जैसे- रिफाइंड अनाज, शुगर, आलू आदि के सेवन से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। इसलिए डायबिटीज से बचने के लिए आपको अपने खाने में ज्यादा से ज्यादा मोटे अनाज को शामिल करना चाहिए।

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Whole Grains

मोटे अनाज क्यों कम करते हैं डायबिटीज का खतरा?

साबुत अनाज या मोटे अनाज की खास बात ये है कि इसमें फाइबर अच्छी मात्रा में होता है। वहीं जब इसी अनाज को रिफाइन कर दिया जाता है, तो इसका फाइबर भी निकल जाता है और पोषक तत्व भी निकल जाता है। यही कारण है कि गेंहूं और गेंहूं से बना आटा तो सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। मगर गेंहूं से ही बना मैदा सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है। फाइबर की खास बात ये होती है कि इसे हमारा पाचनतंत्र धीरे-धीरे पचाता है। इसलिए जब आप फाइबर वाले आहार खाते हैं, तो शरीर में शुगर भी धीरे-धीरे बनता है। इससे खून में अचानक ब्लड शुगर नहीं बढ़ता है। जो शुगर शरीर बनाता भी है तो रोजमर्रा के कामों को करने की ऊर्जा के रूप में धीरे-धीरे खर्च भी होता रहता है। इसलिए शुगर बढ़ता नहीं है।

कैसे खाएं कौन सा साबुत अनाज

साबुत अनाजों को आप कई तरीकों से अपने खानपान में शामिल कर सकते हैं। नीचे हम आपको कुछ तरीके बता रहे हैं, बाकी आप स्वयं भी जैसे चाहें अनाजों को खा सकते हैं।

  • अगर आप रोटी खाते हैं, तो सिर्फ गेंहूं के आटे की रोटी न खाएं, बल्कि कई अनाजों जैसे- जौ, चना, मक्का, ज्वार, बाजरा, क्विनोआ आदि को मिक्स करके आटा पिसवाएं और इसकी रोटी खाएं।
  • गेंहूं को तोड़कर बनाया गया दलिया भी स्वाद और सेहत के लिए लिहाज से बहुत फायदेमंद होता है। आप सुबह के नाश्ते में मीठी या नमकीन दलिया खा सकते हैं।
  • ओट्स भी साबुत अनाज का बहुत अच्छा और सेहतमंद विकल्प है। आप ओट्स भी खा सकते हैं। ओट्स को सुबह नाश्ते में खाने से ब्लड शुगर कम होता है, कोलेस्ट्रॉल कम होता है और दिल स्वस्थ रहता है।
  • आप अनाजों को रेत में भूनकर इसे पॉप करके भी खा सकते हैं। ये भी आपके लिए बड़े फायदेमंद होते हैं।
  • मकाई को आप आग में भूनकर, इसके दानों को रेत में भूनकर पॉपकॉर्न के रूप में खा सकते हैं। अथवा स्वीट कॉर्न के रूप में उबालकर सब्जी, सलाद आदि में खाएं। स्वीट कॉर्न से ढेर सारी डिशेज बनाई जा सकती हैं।
  • चने को पानी में भिगोकर इसे कच्चा खा सकते हैं या फिर उबालकर इसकी भी कई तरह की डिशेज बना सकते हैं।
  • क्विनोआ को आप रातभर पानी में भिगोकर अगली सुबह खा सकते हैं। ये बहुत फायदेमंद होता है।
  • ज्वार के आटे की रोटी खा सकते हैं, इसकी खिचड़ी बना सकते हैं या फिर उबालकर घुघनी के रूप में भी खा सकते हैं।

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