
रोजाना एक संतरा खाने आपको डिमेंशिया (मनोभ्रंश) की चपेट में आने से रोक सकता है। एक नए अध्ययन से यह जानकारी मिली है। जापान की तोहोकू यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि संतरा, अंगूर और नीबू जैसे खट्टे फलों को अपने दैनिक आहार में जरूर शामिल करना चाहिए। इससे डिमेंशिया के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस प्रकार के फल मौजूदा दौर में बड़े पैमाने में उभर रही बीमारियों से बचने का एक कारगर हथियार बनकर सामने आ रहे हैं।
वैज्ञानिकों का कहना है कि पूर्व में हुए विभिन्न अध्ययनों ने दिखलाया है कि खट्टे फल हमारे मस्तिष्क को उन तमाम क्षतियों से बचाया जा सकता है, जिनसे डिमेंशिया या अल्जाइमर्स जैसी बीमारियों के होने की संभावना रहती है। उनका कहना है कि, इन फलों में साइट्रिक एसिड होता है, जिसमें नोबाइलटिन नामक एक खास रसायन पाया जाता है। यह मस्तिष्क में क्षरण को रोकने में कामयाब है।
डिमेंशिया क्या है
डिमेंशिया अर्थात मनोभ्रंश किसी विशेष बीमारी का नाम नहीं, बल्कि कई लक्षणों के समूह का नाम है, जो मस्तिष्क की हानि से सम्बंधित होते हैं। यह एक ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति की याददाशत कमजोर होने लगती है और उसे कुछ याद रखने में परेशानी होने लगती है। यहां तक कि कोई ताजा बात याद करने में भी उसे दिमाग पर काफी जोर डालना पड़ता है। यह रोग तब और गंभीर रूप ले लेता है जब रोगी की याददाश्त बिल्कुल खत्म हो जाती है।
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