
दिल्ली में वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने कई उपायों के साथ कमर कसनी शुरू कर दी है।
दिल्ली में कोरोनोवायरस के खिलाफ जंग को युद्ध स्तर पर शुरू करते हुए और वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने कई उपायों के साथ कमर कसनी शुरू कर दी है। संक्रमित जगहों को चिन्हित करते हुए उन्हें लॉकडाउन कर वायरस को फैलने से रोकने में सरकार कोई कोताही और कसर नहीं छोड़ रही है। इस बीच दिल्ली सरकार ने मोबाइल कोरोनावायरस टेस्टिंग वैन सेवा की शुरुआत की है, जिसके साथ ही इस महामारी से लड़ने की कुंजी को टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट करार दिया गया है। जिसका मतलब है जांच. पता लगाना और उपचार। ये जानकारी दिल्ली के मध्य जिले के जिला मजिस्ट्रेट निधि श्रीवास्तव ने मोबाइल कोरोनावायरस टेस्टिंग वैन को लॉन्च करते हुए दी।
डीएम निधि श्रीवास्तव का कहना है कि स्वास्थ्य देखभालकर्ता यानी की हेल्थ वर्करों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ कोरोना जांच को व्यवहार्य, सुलभ बनाना बेहद महत्वपूर्ण है। इसलिए, मध्य जिले ने 'टेस्टिंग ऑफ कॉवेड -19 ऑन व्हील्स' सेवा शुरू की है, जो दिल्ली की गलियों और अलग-अलग जगहों पर जाकर सभी इलाकों को कवर करेगी।
उन्होंने कहा कि ये कोरोना टेस्टिंग का ये वाहन मध्य जिले की सभी संकीर्ण यानी की पतली-पतली गलियों, बड़े और घने इलाकों को कवर करेगा, जिससे एक दिन में एकत्र किए गए नमूनों की संख्या बढ़ सकती है। मोबाइल वैन एक बार में दो नमूने एकत्र कर सकती है। यह नाक (nasopharyngeal) और मुंह ( oropharyngeal) के भीतर स्वैब (swabs) दोनों को एकत्र करने का काम करेगी। इकठ्ठा किए गए नमूनों को डबल पैकिंग में सील कर उन्हें जांच परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।
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डीएम निधि श्रीवास्तव ने बताया कि जो व्यक्ति नमूना एकत्र करेगा, वह पूर्ण रूप से सिक्योरिटी में होगा, इसलिए उसे पहले की तरह पहनी जाने वाली पीपीई नहीं पहननी होगी, जो पहले से ही तंग होती है।
डीएम ने बताया कि इस गर्मी से अपने कर्मी को बचाने के लिए वैन में पंखा लगाया गया है, जिसे चलाने के लिए वाहन में इन्वर्टर भी लगा हुआ है। नमूनों को रखने के लिए वैन के अंदर एक आइसबॉक्स भी रखा गया है। ये मोबाइल वैन न केवल बाहरी दीवार पर क्रिएटिव के माध्यम से जागरूकता फैलाएगी, बल्कि एक स्पीकर से भी जुड़ी होगी, जो कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी की घोषणा करेगी और लोगों के बीच इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए जागरूकता फैलाएगी।
गौर करने वाली बात ये है कि दिल्ली का मध्य जिला कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित है और इसमें सात कोन्टेनमेंट क्षेत्र हैं।
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दिल्ली में एक हफ्ते में होंगे 42 हजार टेस्ट
वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि दिल्ली में 42 हजार रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट्स पहुंच चुकी हैं और अब अगले एक सप्ताह में कोरोना के 42 हजार टेस्ट किए जा सकेंगे। इन टेस्ट के लिए हेल्थ वर्करों को एलएनजेपी अस्पताल में ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके साथ ही इन टेस्ट की शुरुआत हॉटस्पॉट इलाकों से ही की जाएगी। जैन ने इस बात को साफ किया कि रैंडम किसी का भी टेस्ट नहीं होगा बल्कि उसी का टेस्ट किया जाएगा, जिसमें कोरोना संक्रमण के लक्षण मिलेंगे।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि कोरोना के लिए रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट को आखिरी टेस्ट नहीं माना जा सकता है। क्योंकि संक्रमण के बाद एंटीबॉडीज को बनने में करीब एक सप्ताह का समय लग सकता है, इसलिए उसके पहले टेस्ट से सही जानकारी सामने नहीं आ सकती है।
इसके साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी स्पष्ट कर दिया है कि रैपिड टेस्टिंग की जरूरत उसी इलाके में है जहां कोरोना के हॉटस्पॉट हैं।
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