
Deep Brain Stimulation in Hindi: ओसीडी यानी ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) एक गंभीर मनोवैज्ञानिक समस्या है, जिसमें मरीज का व्यवहार और विचार दोनों बदल जाता है। ओसीडी की समस्या पहले ज्यादा उम्र वाले लोगों में देखी जाती थी लेकिन अब यह बीमारी युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। कामकाज के बढ़ते प्रेशर और भागदौड़ भरी आधुनिक जीवनशैली के कारण भी यह समस्या लोगों में होती है। ओसीडी की समस्या में व्यक्ति को यह पहले से ही पता होता है कि जिस चीज के बारे में वह सोच रहा है उसका कोई मतलब नहीं है लेकिन फिर भी वह व्यक्ति बार-बार एक ही चीज के बारे में सोचता रहता है। ओसीडी के इलाज में वैज्ञानिकों तमाम सफलताएं हासिल की हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसका इलाज बेहद जटिल और गंभीर हो जाता है।
ओसीडी के लिए डीप ब्रेन स्टिमुलेशन- Deep Brain Stimulation For OCD
ओसीडी की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति हर दिन डर और किसी बुरी चीज के होने की आशंका में जीते हैं और इसकी वजह से ही वह लगातार एक ही चीज के बारे में सोचते रहते हैं। इसकी वजह से मरीजों का जीवन भी खराब हो जता है। पीड़ित व्यक्ति को दिखने वाले लक्षण अक्सर ऐसे होते हैं कि सामने वाला व्यक्ति इसे पहचान नहीं पाता है। जानकारी की कमी या जागरूकता के अभाव में लोग ओसीडी से ग्रसित व्यक्ति को पागल और हास्यास्पद समझने लगते हैं। इस बीमारी में मरीजों के इलाज के लिए अभी तक एक्सपोजार और रिस्पांस प्रिवेंशन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके तहत मनोवैज्ञानिक मरीज के दिमाग से डर निकालने और उससे लड़ने की क्षमता विकसित करने का काम करते हैं। लेकिन ओसीडी के सभी उपचार फेल होने के बाद भी अब वैज्ञानिकों ने एक ऐसा इलाज ढूंढ निकाला है, जिससे ओसीडी के मरीजों का इलाज किया जा सकता है। इसे डीप ब्रेन स्टिमुलेशन कहते हैं, आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में।
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डीप ब्रेन स्टिमुलेशन क्या है?- What is Deep Brain Stimulation in Hindi
माउंट सिनाई पर मौजूद जानकारी के मुताबिक डीप ब्रेन स्टिमुलेशन एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसके इस्तेमाल से ओसीडी के मरीजों का इलाज किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में ब्रेन स्कैन के माध्यम से दिमाग में उस हिस्से के बारे में पता करते हैं जहां से ये लक्षण पैदा होने शुरू होते हैं। इस प्रक्रिया में दिमाग की कोशिकाओं को एल्क्ट्रोड और न्यूरोस्टिम्यूलेटर के माध्यम से संकेत भेजा जाता है। अभी तक सामने आए रिजल्ट्स के मुताबिक ओसीडी के लगभग 60 प्रतिशत मरीज जिनपर यह प्रक्रिया अपनाई गयी वह ठीक हो चुके हैं।
कैसे होता है डीप ब्रेन स्टिमुलेशन?
डीप ब्रेन स्टिमुलेशन की प्रक्रिया तो अलग-अलग स्टेज में की जाती है। पहले स्टेज में ब्रेन स्कैन करने के लिए इलेक्ट्रोड लगाया जाता है और दूसरे स्टेज में पल्स जनरेटर के माध्यम से यह प्रक्रिया की जाती है। डीप ब्रेन स्टिमुलेशन की इस सर्जरी में एक ही दिन दोनों स्टेज दिए जा सकते हैं या डॉक्टर इसे तीन से छह हफ्ते बाद भी करते हैं। ओसीडी की समस्या में इस सर्जरी से जड़ से इलाज तो नहीं होता है लेकिन मरीजों की दवा पर निर्भरता बेहद कम होती है।
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