Dabur को देश के वैज्ञानिकों पर है गर्व, इन्होंने अपने काम से लिखी है भारत की तरक्की की नई कहानी

इस गणतंत्र दिवस पर डाबर मना रहा है देश में वैज्ञानिक उन्नति का जश्न।
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Dabur को देश के वैज्ञानिकों पर है गर्व, इन्होंने अपने काम से लिखी है भारत की तरक्की की नई कहानी

किसी भी देश का आर्थिक और तकनीकी विकास वहां होने वाले वैज्ञानिक अनुसंधानों पर निर्भर करता है। ज्यादा से ज्यादा अनुसंधान मतलब किसी खास क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करना। आजादी के बाद भारत में कई क्षेत्रों में वैज्ञानिक उन्नति हुई, जिसमें अंतरिक्ष अनुसंधान, मेडिकल रिसर्च, बायोटेक्नोलॉजी, न्यूकलर एनर्जी, रक्षा क्षेत्र में विज्ञान व तकनीक का विकास शामिल है। इन क्षेत्रों में वैज्ञानिकों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया और विश्वभर में भारत के गौरव को बढ़ाया। हाल ही में हुए चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक मून लैंडिंग इसका शानदार उदाहरण है। 

इस गणतंत्र दिवस अपनी फिलॉसफी “देश का विज्ञान देश की शान” के साथ Dabur भारत में हो रहे वैज्ञानिक उन्नति का जश्न मना रहा है, जिसके चलते राष्ट्र का गौरव भी बढ़ रहा है। आयुर्वेद में अग्रणी स्थान प्राप्त कर चुका Dabur हमेशा राष्ट्र के गौरव से जुड़ी पहल का समर्थन करता है और उसमें दिल से हिस्सा लेता है। यह लोगों में स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद के माध्यम से प्राकृतिक और घरेलू उपचारों के इस्तेमाल पर जोर देता है। 

जब कोई देश लगातार आगे बढ़ता है और उसके साथ-साथ वैज्ञानिक अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करते हैं तो उस देश की जनता गदगद हो जाती है और उनका सीना चौड़ा हो जाता है। भारत देश के वैज्ञानियों की मेहनत और लगन ने यह सिद्ध कर दिया है कि कम से कम संसाधनों के साथ अच्छे से अच्छे अनुसंधान किए जा सकते हैं।

आज भारत के वैज्ञानिक अलग-अलग क्षेत्रों में अपना पूरा योगदान दे रहे हैं। इनकी वैज्ञानिक रिसर्च और उपलब्धि भारत के साथ-साथ विश्वभर में पहचानी जा रही है। इन्होने मेडिकल, आतंरिक्ष, मिसाइल और सूचना प्रौद्योगिकी में अपनी प्रभावपूर्ण शोध से विश्व की बड़ी शक्तियों को हैरान किया है। यह चीज भारत की वैज्ञानिक तरक्की को दिखाती है। अब ये रुकने वाले नहीं हैं। आने वाले 20 साल भारत के हैं, जिसमें भारत के वैज्ञानिकों का योगदान महत्वपूर्ण रहने वाला है, जो अपने शोध से विश्व को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। Dabur और भारतीयों को इन पर गर्व है और यह पूरा भरोसा है कि इनका काम भारत की तरक्की की नई कहानी लिखेगा, साथ ही उन युवाओं को भी प्रेरित करेगा जो विज्ञान के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं।

वैसे विज्ञान के साथ-साथ आयुर्वेद को भी विश्व में पहचान मिल रही है। बता दें कि आयुर्वेद, भारतीय की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जिसका इतिहास 3,000 साल पुराना है। आज आयुर्वेद श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, बांग्लादेश, ओमान, सऊदी अरब, बहरीन, हंगरी, मलेशिया, मॉरीशस, सर्बिया, तंजानिया, स्विट्जरलैंड, क्यूबा, ब्राजील जैसे देशों में चिकित्सा पद्धति के रूप में मान्यता प्राप्त है, जिससे हर भारतीय गौरवान्वित महसूस करता है। यहां खास बात यह है कि Dabur अपनी फिलॉसफी के अनुरूप, आयुर्वेद को आगे बढ़ाने और वैश्विक मंच पर भारतीय पारंपरिक पद्धति को प्रदर्शित करने में सबसे आगे रहा है| इस समय Dabur 120 देशों में मौजूद है, जहां विभिन्न बीमारियों के लिए इसके प्रोडक्ट्स की रेंज लोकप्रिय हो रहे हैं। Dabur के आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए विजिट करें- https://bit.ly/3U5KRju

 

Note - This article is written by Brand Desk. 

लेखक - शक्ति सिंह

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