
Cracked Tooth Syndrome in Hindi: ओरल हेल्थ का सीधा असर आपकी शारीरिक सेहत पर पड़ता है। कम उम्र में दांत से जुड़ी समस्याओं की वजह से आपको कई गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वैसे तो शिशु के जन्म के एक साल बाद दांत निकलने शुरू होते हैं। बढ़ती उम्र में दांत टूटने के बाद दोबारा आते हैं। कुछ लोगों में आधा दांत टूटने की समस्या होती है, यह स्थिति बेहद गंभीर होती है। आधा दांत टूटने की समस्या को अंग्रेजी में Cracked Tooth Syndrome भी कहा जाता है। इस समस्या में आपको लंबे समय तक दर्द का सामना करना पड़ सकता है। टूटे हुए दांत की वजह से आपको पेरियोडोंटल बीमारी हो सकती है। आधा दांत टूटने की स्थिति को सामान्य समझकर नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं क्रैक्ड टूथ सिंड्रोम के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में।
क्रैक्ड टूथ सिंड्रोम के लक्षण- Cracked Tooth Syndrome Symptoms in Hindi
आधा दांत टूटना या फटा हुआ दांत देखकर ही आप इसका पता लगा सकते हैं। लेकिन इस समस्या में कई दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में-
- भोजन करने या किसी चीज को चबाने में दिक्कत
- दांत में लगातार दर्द
- ठंड या गर्म चीज खाने पर सेंसिटिविटी
- मसूड़ों में सूजन

क्रैक्ड टूथ सिंड्रोम के कारण- Cracked Tooth Syndrome Causes in Hindi
- लगातार दांत पीसने के कारण
- बहुत ज्यादा कठोर चीजों का सेवन
- चोट लगने की वजह से
- बढ़ती उम्र के कारण
- रूट कैनाल या डेंटल फिलिंग
- नाखून या गम चबाने जैसी आदतें
दांत टूटने या क्रैक्ड टूथ सिंड्रोम के कई कारण हो सकते हैं। यह समस्या भी कई तरह की होती है। इसमें क्रेज लाइन, स्प्लिट टूथ, फ्रैक्चर आदि शामिल हैं। इस स्थिति को सामान्य समझकर नजरअंदाज करना आपके लिए गंभीर हो सकता है।
क्रैक्ड टूथ सिंड्रोम का इलाज- Cracked Tooth Syndrome Treatment in Hindi
कुछ मामलों में क्रैक्ड टूथ सिंड्रोम का पता आसानी से नहीं चल पाता है। इस स्थिति में डॉक्टर कई तरह की जांच कराने की सलाह देते हैं। एक्स-रे आदि के माध्यम से इसका पता लगाया जाता है। क्रैक्ड टूथ सिंड्रोम का इलाज भी मरीज की स्थिति के आधार पर अलग-अलग किया जाता है। कुछ लोगों को डॉक्टर डेंटल कवर लगाने की सलाह देते हैं। इसके अलावा रूट केनाल, एक्सट्रैक्शन आदि के माध्यम से भी इसका इलाज किया जाता है।
(यह लेख स्माइल डेंटल क्लिनिक के डेंटिस्ट डॉ. हुसैन के इनपुट पर आधारित है)
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