
घरेलू हिंसा के दुष्प्रभावों के बारे में बात होती रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक नए शोध के अनुसार बचपन में माता-पिता की घरेलू हिंसा को देखने वाले लोगों के आत्महत्या की कोशिश करने का खतरा, घरेलू हिंसा ना देखने वाले लोगों से ज्यादा होता है। चलिए विस्तार से जानें खबर -
उपरोक्त शोध पत्र की प्रमुख लेखक टोरंटो विश्वविद्यालय की इस्मे फुलर थॉमसन क् अनुसार, "हमें उम्मीद थी कि माता-पिता के बीच लंबे समय तक चली घरेलू हिंसा और बाद आत्महत्या के प्रयासों पर बच्चों का यौन या शारीरिक उत्पीड़न या उनकी मानसिक बीमारी प्रकाश डालेगा।"
हालांकि, जब तक इन कारणों पर ध्यान दिया गया तब तक बचपन में माता-पिता के पुराने घरेलू हिंसा के साक्षी रहे बच्चों में से दोगुने से भी अधिक आत्महत्या की कोशिश कर चुके थे।
यह अध्ययन कनाडा के एक राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व वाले सैंपल से किया गया है, जिसमें 22 हजार 559 घरों का नमूना शामिल किया गया। साथ ही इस शोध में 2012 के कनाडियन कम्युनिटी हेल्थ सर्वे मेंटल हेल्थ के आंकड़े भी इस्तेमाल किए गए।
अध्ययन निष्कर्षों से पता चलता है कि जिन लोगों ने बचपन में घरेलू हिंसा देखी होती है, युवा होने पर उनके जीवन में आत्महत्या की प्रवृत्ति 17.3 प्रतिशत तक होती है। वहीं जिन बच्चों ने बचपन में घरेलू हिंसा नहीं देखी होती है, उनमें ऐसी प्रवृत्ति 2.3 प्रतिशत ही होती है।
गौरतलब है, यह अध्ययन ऑनलाइन जर्नल चाइल्ड : केयर, हेल्थ एंड डेवलपमेंट में प्रकाशित हुआ।
Image Source - Getty
Read More Health News In Hindi.
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version