शिशु जितने छोटे होते हैं, उनकी देखभाल करना उतना ही बड़ा काम होता है। आप शिशु पर जितना ध्यान देंगे वो उतना ही स्वस्थ रहेगा। नवजात को स्वस्थ व रोगमुक्त रखने के लिए अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है। ऐसे में शिशु का सम्पूर्ण स्वास्थ्य उसके जन्म से 28 दिन के बीच निर्धारित होता है। यदि आपका बच्चा अस्वस्थ है वो उसे चिकित्सक के परामर्श अनुसार नियोनेटल केयर या नर्सरी में रखें। इसके अलावा शिशु का शरीर बहुत ही संवेदनशील होता है, यदि बच्चे के कमरे का तापमान कम और ज्यादा हुआ तो बच्चे के लिए नुकसानदेह हो सकता है। स्वस्थ बच्चों में भी कुछ बातों का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। इस लेख में जानिए कैसे करें नवजात की देखभाल।
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बच्चे को ढकना
नवजात शिशु के शरीर को हमेशा ढककर रखना चाहिए क्यों कि छोटे बच्चों का शरीर बाहरी तापमान के अनुसार स्वयं को ढाल नहीं पाता है। नवजात जहां हो वहां का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के आसपास होना चाहिए।
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शिशु का रोना
नवजात का रोना हमेशा चिंता की बात नहीं होती। ज्यादातर बच्चे भूख लगने पर या बिस्तर गीला करने पर रोते हैं। बच्चे के रोने पर इन बातों का ध्यान दें। अगर बच्चा लगातार रोता रहता है, तो उसे चिकित्सक को दिखायें।
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बच्चे की मालिश
छोटे बच्चों की मालिश करने से उनकी हड्डियां मजबूत बनती हैं और यह मालिश बेहद आवश्यचक है। नवजात की मालिश के लिए बादाम का तेल प्रयोग कर सकती हैं। जन्म के 10 दिन के बाद बच्चे के शरीर की मालिश कर सकते हैं।
स्तनपान कराना
मां के दूध को नवजात के लिए सर्वोत्तम माना जाता है क्योंकि इसमें पाया जाने वाला कोलेस्ट्रॉम नामक पदार्थ बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है और यह बच्चे को भविष्य में बीमारियों से भी बचाता है। इसलिए जन्म के बाद बच्चे को मां का दूध पिलाना चाहिए।
बच्चे के लिए फोटोथेरेपी
बच्चे को कुछ देर धूप में ले जाने की प्रकिया को फोटोथेरेपी कहते हैं। नवजात को कुछ समय के लिए कपड़े में ढककर धूप भी दिखाएं। इससे बच्चे की हड्डियां मजबूत होंगी।
खानपान पर ध्यान
बच्चे को 6 महीने तक केवल मां का दूध देना चाहिए। 6 महीने के बाद बच्चे को ठोस आहार भी दे सकते हैं, लेकिन बच्चे को ऐसे आहार बिलकुल न दीजिए जो पचने में दिक्कत हो।
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